International Men's Day 2025: किस वजह से हुई थी मेंस डे मनाने की शुरुआत? अधिकारों की बात तो एकदम बकवास
International Men's Day 2025: मेंस डे का आइडिया पहली बार 1990 के दशक में सामने आया था, फिर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलकसिंह ने इसे ऑफिशियली अनाउंस किया था.

International Men's Day 2025: आज 19 नवंबर को दुनियाभर में इंटरनेशनल मेंस डे मनाया जा रहा है, लेकिन हर साल इस दिन को लेकर एक सवाल उठता है कि आखिर पुरुषों के लिए एक अलग दिन की जरूरत क्यों है? क्या सच में पुरुषों को किसी अधिकार की जरूरत है? दरअसल, मेंस डे की शुरुआत अधिकारों के लिए नहीं बल्कि उन गंभीर समस्याओं को सामने लाने के लिए की गई थी जो पुरुषों की जिंदगी को अंदर ही अंदर प्रभावित करती हैं और समाज में खुलकर बात ही नहीं की जाती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि मेंस डे किस वजह से मनाया जाता है और इसमें पुरुषों के अधिकारों को लेकर क्या बात शामिल है.
कैसे हुई थी मेंस डे की शुरुआत?
इंटरनेशनल में मेंस डे का आइडिया पहली बार 1990 के दशक में सामने आया था, फिर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के प्रोफेसर डॉ. जेरोम तिलकसिंह ने इसे ऑफिशियली अनाउंस किया था. प्रोफेसर जेरोम तिलक सिंह ने 19 नवंबर को इसलिए चुना था क्योंकि यह उनके पिता का जन्मदिन था. तिलक सिंह अपने पिता को अपना रोल मॉडल मानते थे. ऐसे में मेंस डे मनाने के पीछे का उद्देश्य था, पुरुषों के सकारात्मक योगदान को पहचान दिलाना और पुरुषों के असली मुद्दों पर वैश्विक चर्चा करना था. इसके बाद धीरे-धीरे यह पहल 80 से ज्यादा देशों में फैल गई और फिर पूरी दुनिया में 19 नवंबर को मेंस डे मनाया जाने लगा. वहीं 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर ने मेंस डे को औपचारिक रूप से शुरू किया था. इसके अलावा दुनिया में इंटरनेशनल मेंस डे का सबसे लंबा चलने वाला आयोजन माल्टा में 7 फरवरी 1994 से मनाया जाता रहा है. लेकिन 2009 में माल्टा की एएमआर कमेटी ने इसकी तारीख बदलकर इसे 19 नवंबर को कर दिया था.
क्यों मनाया जाता है मेंस डे?
मेंस डे की जरूरत अधिकारों के लिए लड़ने से ज्यादा असल समस्याओं के कारण महसूस की गई थी. इंटरनेशनल मेंस डे उन समस्याओं पर रोशनी डालता है, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है. जैसे स्ट्रेस, इमोशनल प्रॉब्लम्स और पुरुषों की आत्महत्याओं से जुड़ी चिंताएं. इंटरनेशनल मेंस डे पुरुषों और लड़कों के लिए बेहतर मदद, हेल्थ, रिलेशनशिप को बढ़ावा देने और मेंटल हेल्थ पर खुलकर बात करने का अवसर देता है. वहीं इस बार मेन्स डे की थीम Celebrating Men and Boys है.
क्या है इंटरनेशनल मेन्स डे का मकसद?
- इंटरनेशनल मेंस डे के कई मुख्य उद्देश्य तय किए गए हैं. जिनमें पहला उद्देश्य सकारात्मक पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना.
- समाज में पुरुषों की योगदान को पहचान देना.
- पुरुषों के स्वास्थ्य और कल्याण पर ध्यान देना.
- पुरुषों के साथ होने वाले भेदभाव को उजागर करना.
- लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करना.
- एक सुरक्षित और बेहतर समाज बनाने की दिशा में काम करना.
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