दुनिया के किन देशों में नहीं होते चुनाव? मतदान के बारे में भी नहीं जानते हैं लोग
भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में वोट देना आम बात है, और हर नागरिक को ये अधिकार है कि वो अपनी सरकार चुन सके. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे भी देश हैं जहां आज तक कभी चुनाव ही नहीं हुए.

आज हम वन नेशन, वन इलेक्शन जैसे विचारों पर चर्चा कर रहे हैं यानी पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जाएं. भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में वोट देना आम बात है, और हर नागरिक को ये अधिकार है कि वो अपनी सरकार चुन सके. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ऐसे भी देश हैं जहां आज तक कभी चुनाव ही नहीं हुए? यहां लोग मतदान यानी वोट देने के बारे में शायद जानते ही नहीं, क्योंकि वहां कोई चुनाव हुआ ही नहीं. इस देश में न तो कोई राजनीतिक प्रतिस्पर्धा है, न ही कई पार्टियां, और न ही जनता की कोई आवाज. तो आइए जानते हैं ऐसे ही एक देश के बारे में और यह भी समझते हैं कि दुनिया के किन-किन हिस्सों में लोकतंत्र अब भी एक सपना ही है
दुनिया का वे देश, जहां कभी चुनाव नहीं हुआ
इरिट्रिया (Eritrea) अफ्रीका महाद्वीप के हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र में स्थित एक छोटा सा देश है. इसकी जनसंख्या करीब 60 लाख (6 मिलियन) है. ये देश 1993 में इथियोपिया से एक लंबे और दर्दनाक युद्ध के बाद आजाद हुआ था. लेकिन आजादी के बाद जिस लोकतंत्र की उम्मीद लोगों को थी, वो कभी पूरा नहीं हुआ. आजादी के 30 साल बाद भी इस देश में एक भी चुनाव नहीं हुआ है. इरिट्रिया के पहले और अब तक के एकमात्र राष्ट्रपति इसाईस अफवर्की हैं. 1993 में जब देश को स्वतंत्रता मिली, उसी समय वो राष्ट्रपति बने और तब से अब तक वहीं इस पद पर बने हुए हैं.
देश में सिर्फ एक राजनीतिक पार्टी पीपुल्स फ्रंट फॉर डेमोक्रेसी एंड जस्टिस (PFDJ) है और इसकी कमान भी अफवर्की के पास है, यानी न कोई विपक्ष है, न किसी और को चुनाव लड़ने की इजाजत, 1997 में एक बार चुनाव कराने की बात हुई थी, एक संविधान भी बनाया गया था. लेकिन न संविधान लागू हुआ और न ही चुनाव हुए.
यहां लोकतंत्र की नहीं, बल्कि डर की हुकूमत
इरिट्रिया में ना तो बोलने की आजादी है, ना ही प्रेस की स्वतंत्रता, और ना ही धर्म की आजादी है. यह देश एक एक दलीय (single-party) और सैन्यीकृत (militarized) शासन प्रणाली का है. अगर कोई सरकार की आलोचना करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाता है. कई लोगों को बिना मुकदमे के जेल में रखा जाता है. वयस्क नागरिकों को जबरन मिलिट्री सेवा करनी पड़ती है, और ये सेवा कई वर्षों तक चल सकती है.
इरिट्रिया के नागरिकों के लिए वोट देना एक सपना है. वहां के ज्यादातर लोग ये नहीं जानते कि चुनाव कैसे होते हैं या वोट कैसे डाला जाता है, वहां की शिक्षा और मीडिया इतनी सीमित है कि लोग अक्सर लोकतंत्र, मानवाधिकार या नागरिक स्वतंत्रता जैसी बातों से पूरी तरह अनजान रहते हैं.
दुनिया में बाकी देशों की स्थिति कैसी है?
संयुक्त राष्ट्र और कई अन्य संगठनों के अनुसार, 2022 तक, दुनिया के 85 प्रतिशत देशों में सरकारें चुनी जाती हैं. इनमें से 82 प्रतिशत देशों में बहुदलीय चुनाव होते हैं, यानी एक से ज्यादा राजनीतिक दल होते हैं. लेकिन इनमें से भी केवल 39 प्रतिशत देश ही वास्तव में फ्री और फेयर (स्वतंत्र और निष्पक्ष) चुनाव कराते हैं. बाकी जगहों पर चुनाव होते हैं, लेकिन लोगों पर दबाव डाला जाता है, विपक्षी दलों को डराया जाता है और मीडिया को कंट्रोल किया जाता है. इसके अलावा उत्तर कोरिया, अफगानिस्तान, या ईरान जैसे देशों की खबरें अक्सर आती हैं, लेकिन इरिट्रिया को लेकर दुनिया के नेताओं, मानवाधिकार संगठनों और खबरें बहुत कम चर्चा होती है.
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Source: IOCL





















