टॉयलेट की वजह से एक शख्स की ट्रेन छूट गई थी... फिर उसने ऐसा किया कि रेलवे ने ट्रेन में बनाए शौचालय
Train Toilet History: भारतीय रेल में शौचालय की शुरुआत साल 1909 में की गई थी. इससे पहले तक ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को टॉयलेट की सुविधा केवल स्टेशनों पर ही मिलती थी.

First Toilet in Indian Railways: इन दिनों भारतीय रेलवे में तेजी से बदलाव आ रहा है. वर्तमान समय में भारतीय ट्रेनों में 160 से 200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ने वाली सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की एंट्री हो चुकी है. आने वाले समय में देश में देश में बुलेट ट्रेन चलाने को लेकर अक्सर खबरें आती रहती हैं. भारतीय रेलवे का इतिहास लगभग 168 साल पुराना है. आज हम जिस तरह से भारतीय रेलवे को देखते हैं, सालों पहले यह ऐसा बिलकुल नहीं था. भारत में सबसे पहली यात्री ट्रेन 16 अप्रैल साल 1853 को बाम्बे (मुंबई) से ठाणे के बीच चली थी. क्या आप जानते हैं, उस दौर में ट्रेनों में टॉयलेट की सुविधा नहीं हुआ करती थी?
जी हां, ट्रेन में शौचालय न होने की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों को समाना करना पड़ता था. लगभग 55 साल तक भारतीय रेल बिना शौचालय के ही पटरियों पर दौड़ती थी. ट्रेन में शौचालय के आने की कहानी काफी दिलचस्प है. आइए जानते हैं भारतीय रेल में शौचालय की एंट्री कैसे हुई...
ऐसे हुई भारतीय रेल में शौचालय की शुरुआत भारतीय रेल में शौचालय की शुरुआत साल 1909 में की गई थी. इससे पहले तक ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को टॉयलेट की सुविधा केवल स्टेशनों पर ही मिलती थी. एक बार की बात है, ओखिल चंद्र सेन नाम के व्यक्ति ट्रेन से सफर कर रहे थे और उन्हे टॉयलेट जाना था. जब उनकी ट्रेन स्टेशन पर रुकी तो टॉयलेट चले गए और इस दौरान उनकी ट्रेन छूट गई. इस घटनाक्रम के बाद ओखिल चंद्र सेन ने पंश्चिम बंगाल के साबिहगंज मंडल कार्यालय को एक पत्र लिखा. जिसमें उन्होंने ट्रेनों में शौचालय बनाए जाने का अनुरोध किया. जिसके बाद इस मामले को संज्ञान में लिया गया और रेलवे के अधिकारियों ने 50 मील से ज्यादा दूरी तय करने वाली ट्रेनों में शौचायल बनाने की कवायद शुरू की.
रेलवे म्यूजियम में आज भी है वो लेटर
ओखिल चंद्र सेन का लिखा हुआ वो लेटर जिसमें उन्होंने रेलवे से ट्रेन में टॉयलेट बनाने का अनुरोध किया था, आज भी दिल्ली के रेलवे म्यूजियम में रखा हुआ है. अमेरिका, चीन और रूस के बाद भारतीय रेल दुनिया का सबसे चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है. भारतीय रेलवे रोजाना लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाता है. यह देश की अर्थव्यवस्था में रीढ़ की तरह काम करता है. भारतीय रेलवे भी यात्रियों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर इसमें बदलवा करता रहता है.
यह भी पढ़ें -
अगर प्लेन उड़ाते समय पायलट को नींद आ जाए तो क्या होगा? क्या फिर भी उड़ता रहेगा हवाई जहाज
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















