बिना नंबर डायल किए दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से कैसे बात कर लेते हैं PM Modi, क्या होती है हॉट लाइन?
भारत और रूस समेत कई देशों के बीच हॉट लाइन संवाद का अहम जरिया है. यह सुरक्षित और गोपनीय व्यवस्था होती है. हाल ही में पीएम मोदी और पुतिन ने इसी हॉट लाइन के जरिए वैश्विक हालात और साझेदारी पर चर्चा की.

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को अहम बातचीत हुई. दोनों नेताओं ने मौजूदा वैश्विक हालात, द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की. इसके अलावा व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ अपनी हालिया बातचीत की जानकारी भी पीएम मोदी के साथ साझा की. यह बातचीत किसी साधारण फोन कॉल पर नहीं बल्कि उस विशेष हॉट लाइन से हुई जो सिर्फ शीर्ष नेताओं को आपात और गोपनीय संवाद के लिए उपलब्ध कराई जाती है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि बिना नंबर डायल किए दूसरे देशों के राष्ट्राध्यक्षों से पीएम मोदी कैसे बात कर लेते हैं और हॉट लाइन क्या होती है.
क्या है हॉट लाइन
हॉट लाइन एक डायरेक्ट कम्युनिकेशन लिंक है. इसमें न तो नंबर मिलने की जरूरत होती है और न ही कोई तीसरा माध्यम शामिल होता है. इसमें जैसे ही रिसीवर उठाया जाता है लाइन सीधे निर्धारित संपर्क से जुड़ जाती है. यह सुविधा पूरी तरह गोपनीय और सुरक्षित होती है.
भारत रूस की हॉट लाइन
भारत और रूस के बीच हॉट लाइन का इस्तेमाल लंबे समय से हो रहा है. 1995 में दोनों देशों के बीच इस व्यवस्था की शुरुआत हुई थी. तब से लेकर अब तक कई बार संकट की घड़ी में नेताओं में इस माध्यम से तत्काल बातचीत की है. पीएम मोदी और पुतिन के बीच हालिया बातचीत भी इसी व्यवस्था से हुई है.
किन देशों के साथ भारत की हॉट लाइन
भारत ने केवल रूस ही नहीं बल्कि अन्य देशों के साथ भी हॉट लाइन स्थापित की है. 1971 युद्ध के बाद परमाणु और सुरक्षा मामलों में संवाद बनाए रखने के लिए भारत में पाकिस्तान के साथ हॉट लाइन व्यवस्था शुरू की. इसके अलावा भारत, चीन के साथ भी हॉट लाइन व्यवस्था चलती है. वहीं अमेरिका के साथ भी 2015 से राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग को लेकर भारत ने हॉट लाइन व्यवस्था शुरू की है.
क्यों जरूरी है यह सुविधा
हॉट लाइन किसी भी देश की कूटनीतिक तैयारी और भरोसेमंद साझेदारी का हम हिस्सा मानी जाती है. संकट या आपात स्थिति में इस तरह की सीधी बातचीत विवादों को टालने और रिश्तं को मजबूत बनाए रखने में मदद करती हैं.
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