भारत की रोडवेज सेवाओं में कितने सरकारी बस ड्राइवर, जानें किस राज्य में कितनी है संख्या?
आज भारत की जनसंख्या 140 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है और अनुमान है कि 2025 तक रोजाना लगभग 8.5 करोड़ यात्राएं केवल सार्वजनिक परिवहन से होंगी.

भारत जैसे विशाल देश में रोज करोड़ों लोग काम, पढ़ाई, इलाज और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए सार्वजनिक परिवहन पर निर्भर रहते हैं. ट्रेन और मेट्रो के साथ-साथ सरकारी रोडवेज बसें देश की परिवहन व्यवस्था की सबसे मजबूत कड़ी हैं. इन बसों को चलाने वाले सरकारी बस ड्राइवर असली नायक हैं, जो हर मौसम, हर परिस्थिति और हर इलाके में यात्रियों को सुरक्षित मंजिल तक पहुंचाते हैं.
आज भारत की जनसंख्या 140 करोड़ से ज्यादा हो चुकी है और अनुमान है कि 2025 तक रोजाना लगभग 8.5 करोड़ यात्राएं केवल सार्वजनिक परिवहन से होंगी. इनमें से एक बड़ा हिस्सा राज्य सड़क परिवहन निगमों (SRTC) की बसों से पूरा होता है. तो आइए जानते हैं कि भारत की रोडवेज सेवाओं में कितने सरकारी बस ड्राइवर हैं और किस राज्य में कितनी संख्या है.
देशभर में कितनी सरकारी रोडवेज बसें और ड्राइवर?
वर्तमान में देश में लगभग 80 राज्य सड़क परिवहन उपक्रम (SRTC/SPV) एक्टिव हैं, जो मिलकर करीब 1.5 लाख सरकारी बसों का संचालन कर रहे हैं. इन बसों को चलाने के लिए अनुमानित रूप से 2.5 से 3 लाख सरकारी बस ड्राइवर कार्यरत हैं, क्योंकि हर बस के लिए शिफ्ट के अनुसार एक से ज्यादा ड्राइवर होते हैं. ये बसें रोजाना लगभग 7 करोड़ यात्रियों को सस्ती, सुरक्षित और भरोसेमंद यात्रा की सुविधा देती हैं.
किस राज्य में कितनी है संख्या?
भारत में सरकारी बस सेवाओं के मामले में कर्नाटक सबसे आगे है, जहां कुल 26,054 बसें संचालित होती हैं और प्रति 1,000 लोगों पर 3.81 बसों की उपलब्धता है, जिन्हें चलाने के लिए 45,000 से अधिक सरकारी ड्राइवर कार्यरत हैं. खासतौर पर बेंगलुरु की BMTC देश की सबसे बड़ी शहरी बस सेवा है, जिसकी 7,067 बसें (जिनमें 1,799 इलेक्ट्रिक हैं) रोजाना करीब 48 लाख यात्रियों को सेवा देती हैं, जिससे यह भारत का ऐसा एकमात्र शहर बन गया है जहां सरकारी बसों से सबसे अधिक लोग सफर करते हैं.
कर्नाटक के बाद तमिलनाडु का स्थान आता है, जहां लगभग 20,000 बसें रोज 60 लाख यात्रियों को ढोती हैं और चेन्नई की MTC बसें शहर की जीवन रेखा मानी जाती हैं, जबकि महाराष्ट्र में BEST और MSRTC की 18,000 से अधिक बसें मुंबई की लोकल ट्रेनों के साथ मिलकर 50 लाख से ज्यादा यात्रियों को सेवा देती हैं.उत्तर प्रदेश में 12,000 से ज्यादा यूपी रोडवेज बसें ग्रामीण और अंतरराज्यीय यात्राओं में अहम भूमिका निभाती हैं, वहीं दिल्ली में भले ही बसों की संख्या कम हो, लेकिन 3,222 DTC बसों में से 2,526 इलेक्ट्रिक होने के कारण राजधानी इलेक्ट्रिक बसों के सबसे तेज विस्तार वाला राज्य बनकर उभरा है.
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Source: IOCL





















