एयरपोर्ट से कितनी दूर होनी चाहिए रिहायशी कॉलोनी, क्या कहते हैं नियम?
Residential Colony From Airport: अहमदाबाद विमान हादसे के बाद यह सवाल हो रहा है कि आखिर कोई रिहायशी इलाका कितनी दूरी पर होना चाहिए. इसके लिए सरकार कौन से नियम तय करती है.

अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश के बाद इसकी जांच हर एंगल पर की जा रही है. यह क्यों हुआ, क्या यह किसी की लापरवाही थी, आतंकवादी एंगल, साइबर अटैक जैसे तमाम मुद्दों पर जांच की जा रही है. वहीं डीजीसीए ने एयर इंडिया के तीन अधिकारियों को क्रू कार्यसूची से संबंधित सभी भूमिकाओं से हटाने के आदेश दे दिए हैं. इसके बाद तीनों अधिकारों को सभी भूमिकाओं से हटा दिया गया है. लेकिन जब इस दौरान प्लेन पास में मौजूद बिल्डिंग से टकराया तो इसको लेकर अब एक और सवाल है कि आखिर एयरपोर्ट से रिहायशी इलाकों की दूरी कितनी होनी चाहिए.
कितनी दूर होनी चाहिए कॉलोनी
एक रिपोर्ट की मानें तो रिहायशी इलाकों और एयरपोर्ट के बीच की दूरी कई चीजों पर निर्भर करती है, जैसे कि एयरपोर्ट का आकार, शोर का स्तर और स्थानीय नियम. आमतौर पर सुरक्षित और आरामदायक जीवन के लिए रिहायशी कॉलोनी को कम से कम 5-10 किलोमीटर की दूरी पर रखना चाहिए. हालांकि कुछ मामलों में यह दूरी 20 किलोमीटर या उससे ज्यादा भी हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार जो लोग हवाई अड्डे से 9.6 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं, उनमें अस्थमा और हृदय रोग जैसी समस्याएं देखने को मिली हैं. कई स्थानीय सरकारें हवाई अड्डों के पास ऊंचाई और शोर को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाती हैं, इन नियम का पालन करना चाहिए.
कितने फ्लोर बनाने की होती है अनुमति
आमतौर पर हवाई अड्डों के पास एक निश्चित दायरे में रिहायशी इलाके में निर्माण की अनुमति नहीं होती है. इसे सुरक्षा क्षेत्र या नो कंस्ट्रक्शन जोन कहा जाता है. यह हवाई अड्डे की सुरक्षा, विमानों की आवाजाही, और आसपास के निवासियों की सुरक्षा के लिए निर्धारित किया जाता है. हवाई अड्डों के पास कुछ ऊंचाई तक 1-2 फ्लोर तक घर बनाने की अनुमति होती है, क्योंकि ये क्षेत्र एयरपोर्ट और अन्य महत्वपूर्ण संरचनाओं से कुछ ही दूरी पर होते हैं.
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Source: IOCL























