तो इस वजह से इंसान की आवाज की नकल कर पाता है तोता! वैज्ञानिकों के शोध ने किया खुलासा
आपने शायद बोलने वाला तोता देखा होगा. इसे देखकर आपके मन में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर ये इंसान की आवाज की नकल कैसे कर लेता है. वैज्ञानिकों ने इसका जवाब बताया है...

Parrot: बहुत से लोगों को जानवरों और पक्षियों से इतना लगाव होता है कि वो इन्हे पाल भी लेते हैं. कुछ लोग कुत्ता पलते हैं तो कुछ बिल्ली. बहुत से लोगों को पक्षियों से प्रेम होता है तो वो कबूतर, तोता या कोई अन्य पक्षी पाल लेते हैं. तोता इंसानों का प्रिय पक्षी होता है और ज्यादातर लोग इसे पालना पसंद भी करते हैं. तोते की एक सबसे बड़ी खासियत होती है इसका इंसानों की नकल करना. इसमें इंसानों की बोली की नकल करने की क्षमता होती है.
आखिर ऐसा कैसे होता है कि यह इंसानों की आवाज की नकल कर लेता है? इस क्षमता के पीछे का राज जानने के लिए वैज्ञानिक ने सालों तक रिसर्च की ओर आखिर में उन्होंने इसका राज जान ही लिया. आइए जानते हैं कि आवाज की नकल करने से संबंधित रिसर्च में क्या सामने आया...
नकल करने वाले प्राणियों में से एक है तोता
प्लॉस वन जर्नल में छपे एक लेख में बताया गया था कि वैज्ञानिकों की एक टीम जिसमें भारतीय मूल की एक वैज्ञानिक भी थी, ने तोते के दिमाग में एक महत्वपूर्ण सरंचनात्मक अंतर ढूंढा जोकि इसकी नकल करने की क्षमता के बारे में जानकारी देता है. भारतीय मूल की वैज्ञानिक मुक्ता चक्रबर्ती के अनुसार, यह शोध तोतों में एक बहुत बड़े एवेन्यू का खुलासा करता है कि वो जरूरी जानकारी को कैसे प्रोसेस करते हैं और इनमें वो कौन सी मैकेनिज्म है जो इंसानों की भाषा और ध्वनियों की नकल करती है. तोते उन प्राणियों में से एक हैं जो इंसानों की नकल करने में सक्षम हैं.
खोजकर्ता इसका पता लगाने में जुटे हैं कि कैसे कुछ प्रजातियां दूसरों के मुकाबले बेहतर नकल कर पातीं हैं. तोतों के जीन पैटर्न का अध्ययन करने के बाद इस बात का पता चला कि तोतों का दिमाग बोलना सीखने वाले बाकी पक्षियों जैसे सॉन्ग बर्ड और हमिंग बर्ड से अलग होता है.
होती है खास तरह की रिंग
तोते के दिमाग में वोकल लर्निंग को कंट्रोल करने वाला एक केंद्र पाया जाता है. इस केंद्र को 'कोर' कहते हैं. इसके अलावा तोते में एक बाहरी रिंग या शेल भी होती है जो वोकल लर्निंग में इसके लिए मददगार होती है. शोध करने वाली टीम ने पाया कि तोतों की कुछ प्रजातियों में यह रिंग ज्यादा बड़ी होती है. ऐसे तोते बेहतर तरीके से इंसानों की नकल कर पाते हैं.
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया कि न्यूजीलैंड में पाई जाने वाली तोतों की सबसे पुरानी प्रजाति 'कीया' में भी यह शेल पाया जाता है. इसके बाद इस शोध में यह बात भी सामने आई की शेल मे न्यूरॉन्स की संख्या 29 लाख साल पहले पैदा हुई थी.
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Source: IOCL























