Hijra Festival: पाकिस्तान में मनाया जाता है हिजड़ा फेस्टिवल, जानें किन-किन देशों में होता है ऐसा त्योहार?
Hijra Festival: पाकिस्तान के कराची में हाल ही में हिजड़ा फेस्टिवल का आयोजन हुआ है. पाकिस्तान में होने वाला यह फेस्टिवल ऐसा फेस्टिवल है जो कलर, म्यूजिक, डांस और समानता के मैसेज को लेकर मनाया जाता है.

Hijra Festival: पाकिस्तान में इन दिनों एक ऐसा त्योहार चर्चा में है, जिसने पूरे दक्षिण एशिया का ध्यान अपनी और खींचा है. दरअसल, कराची में हाल ही में हिजड़ा फेस्टिवल 2025 का आयोजन हुआ है. पाकिस्तान में होने वाला यह फेस्टिवल एक ऐसा फेस्टिवल है जो कलर, म्यूजिक, डांस और समानता के मैसेज को लेकर मनाया जाता है. इस फेस्टिवल के जरिए ट्रांसजेंडर समुदाय यह साबित करने की कोशिश करता है कि वह इस देश का अहम हिस्सा हैं.
पाकिस्तान में इस तरह के फेस्टिवल का आयोजन होना अपने आप में एक साहसिक कदम माना जा रहा है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि जिस तरह से पाकिस्तान में हिजड़ा फेस्टिवल मनाया जाता है वैसे किन-किन देशों में ऐसे त्योहार मनाए जाते हैं.
भारत में भी मनाया जाता है ऐसा अनोखा त्योहार
पाकिस्तान की तरह भारत में भी ट्रांसजेंडर समुदाय का सबसे बड़ा कूवगम फेस्टिवल मनाया जाता है, जो हर साल तमिलनाडु के कूवगम गांव में मनाया जाता है. यह त्योहार न सिर्फ धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है, बल्कि समाज में ट्रांसजेंडर समुदाय की स्वीकार्यता और पहचान का प्रतीक भी है. भारत में मनाया जाने वाला यह ट्रांसजेंडर फेस्टिवल महाभारत पर आधारित है, जिसमें अर्जुन के पुत्र अरावन ने युद्ध से पहले बलिदान देने की इच्छा जताई थी लेकिन विवाह भी करना चाहा. तब भगवान कृष्ण ने मोहिनी का रूप धारण कर अरावन से विवाह किया. वहीं अगले दिन अरावन का बलिदान हो गया और मोहिनी विधवा बन गई थी. इस दिन तमिलनाडु में हजारों ट्रांसजेंडर महिलाएं अपने भगवान से एक दिन के लिए विवाह करती हैं और अगले दिन शोक मानती हैं.
दुनिया के दूसरे देशों में भी बनाए जाते हैं ऐसे फेस्टिवल
अमेरिका- अमेरिका में हर साल जून महीने में आयोजित होने वाली न्यूयॉर्क प्राइड परेड दुनिया की सबसे पुरानी और सबसे बड़ी परेड मानी जाती है. 1969 के स्टोनवॉल आंदोलन की याद में शुरू हुई या परेड आजादी और सम्मान प्रतीक बन चुकी है. इस परेड में लाखों लोग सड़कों पर निकल कर रंग-बिरंगे फ्लेग मार्च और म्यूजिक के जरिए लव इज लव का मैसेज देते हैं.
ब्राजील- ब्राजील का साओ पाउलो प्राइड परेड दुनिया की सबसे बड़ी परेड मानी जाती है. जिसमें करीब 30 लाख से ज्यादा लोग हिस्सा लेते हैं. इस फेस्टिवल को यूनेस्को ने समानता और स्वतंत्रता का प्रतीक बताया है.
ऑस्ट्रेलिया- ऑस्ट्रेलिया में हर साल सिडनी मार्डी ग्रास फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, जो एक महीने तक चलता है. इसमें फैशन शो, म्यूजिक, फिल्म फेस्टिवल और कलरफुल परेड के जरिए एलजीबीटीक्यू समुदाय अपनी पहचान का जश्न मनाता है. इसे ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा कल्चरल इवेंट भी ना जाता है.
ताइवान- ताइवान में आयोजित ताइपे प्राइड मार्च एशिया का सबसे बड़ा एलजीबीटीक्यू आयोजन है. 2003 में शुरू हुए इस मार्च ने ताइवान को एशिया का पहला देश बनाया जिसने समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता दी. यहां हर साल हजार लोग कलरफुल झंडा लहराते हुए समानता की मांग करते हैं
नीदरलैंड- नीदरलैंड का एम्स्टर्डम कैनाल परेड अपनी अनोखी परंपरा के लिए मशहूर है. इसमें नावों में जुलूस निकलता है जो एम्स्टर्डम की नहर से होकर गुजरता है. यहां म्यूजिक, डांस और रेलियों के जरिए स्वतंत्रता का जश्न मनाया जाता है.
ये भी पढ़ें-बचपन से आखिरी सफर तक कैसी दिखती थीं इंदिरा गांधी? तस्वीरों में देखें पूरा सफरनामा
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















