मिसाइल से लेकर फाइटर प्लेन तक, अमेरिका के कौन-कौन से हथियार इस्तेमाल करता है पाकिस्तान?
Pakistan Use American Weapons: अमेरिका ने पाकिस्तान को बड़े हथियार दिए हैं. लेकिन इनकी संख्या और उपयोग अब सीमित है. आज पाकिस्तान की रक्षा खरीद अधिकतर चीन पर निर्भर हो चुकी है.

दुनिया की दो दिग्गज शक्तियां अमेरिका और चीन इस वक्त पाकिस्तान को लगातार आधुनिक हथियारों की सप्लाई कर रही हैं. यह स्थिति भारत के लिए एक नई रणनीतिक चिंता है. मई 2025 में हुए भारत-पाक तनाव के बाद दोनों देशों से मिलने वाली सैन्य सहायता में तेजी आई है. अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तान को AIM-120 AMRAAM एयर-टू-एयर मिसाइल सिस्टम देने की मंजूरी दी है, जो उनके F-16 लड़ाकू विमानों की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा.
चीन पहले ही पाकिस्तान को J-10C फाइटर जेट्स, ड्रोन सिस्टम, और कई तरह के एडवांस्ड कॉम्बैट इक्विपमेंट उपलब्ध करा चुका है. आइए जानें कि अमेरिका, पाकिस्तान को कौन से हथियार देता है.
पाकिस्तान और अमेरिका का पुराना सहयोग
अमेरिका और चीन द्वारा इन हथियारों के मिलने से पाकिस्तान की वायु और जमीनी सेना की ताकत में स्पष्ट बढ़ोतरी देखी जा रही है. दूसरी तरफ, भारत के लिए यह चुनौती इसलिए बढ़ गई है क्योंकि इन हथियारों से पाकिस्तान को तकनीकी बढ़त और आधुनिक युद्ध क्षमता दोनों मिल रही हैं. पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग का इतिहास पुराना है. खासतौर से शीत युद्ध तक भी अमेरिका ने पाकिस्तान को कई तरह के विमान, हेलीकॉप्टर, और हथियार दिए थे. आज भी पाकिस्तान के सशस्त्र बलों में कुछ अमेरिकी सिस्टम मौजूद हैं, हालांकि उनकी भूमिका और संख्या पहले जैसी नहीं रही.
F-16 लड़ाकू विमान
इनमें से सबसे चर्चा में रहने वाला है F-16 फाइटर जेट. अमेरिका ने पाकिस्तान को यह विमान दिया था, ताकि वह अपनी वायु शक्ति मजबूत कर सके. यह विमान कई दशक तक पाकिस्तान की वायु सेना की रीढ़ रहा. लेकिन आर्थिक और राजनैतिक कारणों से उनके मेंटेनेंस और स्पेयर पार्ट्स की कमी ने इस बेड़े को प्रभावित किया.
AH-1 Cobra अटैक हेलीकॉप्टर
एक और अमेरिकी हथियार जो पाकिस्तान ने उपयोग किया, वह था Bell AH-1 Cobra अटैक हेलीकॉप्टर. 1980 के दशक में कुछ AH-1F Cobra हेलीकॉप्टर पाकिस्तान को दिए गए थे. बाद में इन्हें अपग्रेड करना पड़ा था. इन हेलीकॉप्टरों को पाकिस्तान की सेना ने विभिन्न सुरक्षा अभियानों में इस्तेमाल किया. मगर समय के साथ उनका रखरखाव करना मुश्किल होता गया और उपलब्ध स्पेयर पार्ट्स सीमित रहने लगे.
मिसाइल और एयर-टू-एयर सिस्टम
पाकिस्तान ने अमेरिका से AIM-120 AMRAAM जैसी एडवांस एयर-टू-एयर मिसाइलों को स्वीकार करने की कोशिश की है, ताकि वे अपने F-16 विमानों को और सक्षम बना सके. हालांकि, ऐसी सौदेबाजी और प्रतिपूर्ति सामान्यतः अमेरिका की अनुमति पर निर्भर होती है.
अब क्या स्थिति है
वर्तमान समय में, पाकिस्तान के लिए अब हथियार और युद्ध सामग्री का सबसे बड़ा स्रोत चीन बन गया है. ऐसा हुआ है क्योंकि चीन ने पाकिस्तान को बड़े पैमाने पर हथियार सुविधा, तकनीक हस्तांतरण और निर्यात करना शुरू किया. SIPRI के आंकड़ों के अनुसार 2020-24 की अवधि में पाकिस्तान के हथियार आयात का लगभग 81% हिस्सा चीन ने पूरा किया था. यानी, जबकि अमेरिका कभी पाकिस्तान का प्रमुख हथियारदाता था, अब वह सिर्फ एक सीमित पुराने सिस्टमों की मरम्मत या कुछ विशेष सौदों तक सीमित रह गया है.
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Source: IOCL






















