फाइटर जेट क्रैश होने के बाद उसके मलबे का क्या होता है? जानें इसे कौन लगाता है ठिकाने
Rajasthan Fighter Plane Crashed: राजस्थान के चुरू में एक फाइटर जेट क्रैश हो गया है. इस हादसे में पायलट की मौत हो गई. चलिए जानते हैं कि हादसे के बाद प्लेन का जो मलबा बचता है आखिर उसका क्या होता है.

Rajasthan Fighter Plane Crashed: राजस्थान के चुरू में रतनगढ़ कस्बे के पास एक फाइटर जेट क्रैश हो गया है. रक्षा सूत्रों की मानें तो यह वायुसेना का जगुआर विमान था, जो कि क्रैश हुआ है. पुलिस और प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाने का काम किया, क्योंकि जेट का मलबा खेतों में दूर तक फैल गया था. इस मलबे से दो शव बरामद किए गए हैं. यह घटना दोपहर करीब 1.25 बजे भानोदा गांव की है. इस तरीके के विमान हादसे के बाद सवाल उठता है कि आखिर मलबे का क्या किया जाता है? क्या उस मलबे को घटनास्थल पर ही छोड़ दिया जाता है या फिर उसका कुछ होता है, चलिए जानें.
प्लेन क्रैश के बाद सबसे पहले क्या होता है?
प्लेन क्रैश के बाद सबसे पहले इमरजेंसी सर्विस को एक्टिव कर दिया जाता है. इसके बाद जहां पर प्लेन क्रैश होता है उस एरिया को पुलिस सील कर देती है और किसी को भी उस जगह पर जाने की इजाजत नहीं होती है. आम लोग, मीडिया कोई भी घटनास्थल तक नहीं जाने पाता है. इसकी वजह होती है कि कोई भी सबूतों को हाथ लगाकर उनके साथ छेड़छाड़ न कर सके. इसके बाद एजेंसियां विमान हादसे की जांच करती हैं और मलबे का निरीक्षण करती हैं. वे फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर जैसे उपकरणों की खोज करती हैं, जिससे कि यह पता लगाने की कोशिश की जा सके कि आखिर जेट या कोई भी विमान क्यों क्रैश हुआ था.
क्या होता है उस मलबे का?
किसी भी तरह के विमान हादसे के बाद उसका मलबा दूर तक जाकर गिरता है. जैसे कि हाल ही में अहमदाबाद में हुए विमान हादसे में प्लेन क्रैश होकर बिल्डिंग पर जा गिरा था. उसका आधा हिस्सा बिल्डिंग पर था और बाकी का हिस्सा जमीन पर गिरा था. इसके बाद मलबे में से ब्लैकबॉक्स खोजने की कोशिश की गई थी. वहीं मलबे की बात करें तो सबसे पहले तो मलबे का इस्तेमाल जांच में किया जाता है, लेकिन उसके बाद उसे ऐसे ही नहीं छोड़ दिया जाता है. जो भी एजेंसियां उस विमान दुर्घटना की जांच करती हैं, वे मलबे में जो पुर्जे काम के होते हैं, उनको खोलकर अलग कर लेती हैं. इसके बाद लैब में उनकी जांच की जाती है, जिससे कि यह देखा जा सके कि वे दोबारा इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं या नहीं. बाद में जो भी काम का मलबा नहीं होता है, उसको नीलाम कर दिया जाता है.
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Source: IOCL