बिना चुनाव जीते कोई नेता कब तक बना रह सकता है प्रधानमंत्री? जानें क्या कहता है संविधान
PM Without Polls: देश में पीएम की कुर्सी तक पहुंचने के लिए नेताओं ने बड़े जतन किए हैं. लेकिन बिना चुनाव लड़े और जीते भी प्रधानमंत्री चुने जा सकते हैं, लेकिन कैसे. इसके बारे में आर्टिकल में पढ़िए.

हर बार देश में होने वाले चुनावों में राजनीतिक दल अपनी-अपनी तरफ से जीत की पूरी कोशिश करते हैं. पीएम या सीएम कोई भी चुनाव हो, कुछ पार्टियां तो जीत से पहले ही दावेदार का नाम बता देती हैं, वहीं कुछ जीत के बाद ऐसा करते हैं. आमतौर पर लोग समझते हैं कि संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्य होने पर ही कोई देश का प्रधानमंत्री बन सकता है, लेकिन यह सच नहीं है. देश में कई दिग्गज ऐसे हुए हैं जो कि लोकसभा का सदस्य न होने के बाद भी प्रधानमंत्री बने रहे. लेकिन ऐसा कैसे होता है, इसके बारे में जान लेते हैं.
कैसे बनते हैं प्रधानमंत्री?
प्रधानमंत्री बनने के लिए सबसे बड़ी शर्त यह होती है कि पीएम का दावेदार दोनों सदनों का सदस्य हो. लोकसभा में 545 सांसद होते हैं, जो कि जनता द्वारा चुने जाते हैं. वहीं राज्यसभा में सदस्यों का चुनाव जनप्रतिनिधि के वोट या समर्थन से होता है. ऐसे में प्रधानमंत्री बनने के लिए लोकसभा में कम से कम 50% समर्थन होना चाहिए. अगर किसी वजह से प्रधानमंत्री लोकसभा में अपना बहुमत साबित नहीं कर पाए तो उनको त्यागपत्र देना पड़ता है.
बिना चुनाव जीते कैसे बन सकते हैं पीएम
इंदिरा गांधी, एचडी देवगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल और मनमोहन सिंह ये कुछ ऐसे नाम हैं, जो कि सिर्फ राज्यसभा का सदस्य होते हुए प्रधानमंत्री बने हैं. मतलब बिना चुनाव जीते देश के मुखिया बन गए, लेकिन कैसे. इसके लिए क्या नियम है. इसके लिए नियम यह है कि भारत में प्रधानमंत्री या अन्य कोई मंत्री छह माह तक बिना संसद सदस्य रहते हुए भी पद पर बने रह सकते हैं, लेकिन उन्हें छह महीने के अन्दर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनना पडेगा. अगर वह ऐसा करने में विफल रहे तो उनको त्यागपत्र देना पड़ेगा. लेकिन इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि हर बार छह माह के लिए आप सदन के सदस्य न रहते हुए भी मंत्री पद पर बने रहें.
इंदिरा गांधी पहली नेता जो बिना लोकसभा का चुनाव जीते बनी पीएम
इंदिरा गांधी देश की पहली ऐसी नेता थीं जो कि लोकसभा सांसद न होते हुए भी प्रधानमंत्री बनी थीं. दरअसल 1966 में पूर्व पीएम लालबहादुर शास्त्री का अचानक निधन हो गया था. उस वक्त इंदिरा गांधी राज्यसभा से सांसद थीं और उन्होंने पीएम पद की शपथ ली थी. हालांकि 1967 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव जीत लिया था और वे सांसद बन गई थीं. इसी तरह से 1996 में लोकसभा चुनाव के बाद एचजी देवगौड़ा ने करीब एक साल तक संयुक्त मोर्चा की पहली सरकार का नेतृत्व किया था और एक साल तक देश के प्रधानमंत्री थे. देवगौड़ा पीएम बनने के बाद राज्यसभा सदस्य बने थे. इससे पहले वह कर्नाटक के सीएम थे.
मनमोहन सिंह के नाम दर्ज है सबसे बड़ा रिकॉर्ड
जब एचडी देवगौड़ा की सरकार गिरी तो संयुक्त मोर्चा की दूसरी सरकार से पीएम बने थे इंद्र कुमार गुजराल. पीएम बनने से पहले वह राज्यसभा सांसद थे और देवगौड़ा की सरकार में मंत्री भी थे. इसके बाद चौथा नाम मनमोहन सिंह का है. मनमोहन सिंह 10 साल राज्यसभा से सांसद रहे थे और राज्यसभा सदस्य रहते हुए पीएम बनने का रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है. मनमोहन सिंह 2004 से 2014 तक पीएम पद की कमान संभाले थे.
यह भी पढ़ें: 2075 तक इन देशों में नहीं रहेगा एक भी मुस्लिम! किस वजह से हो सकता है ऐसा?
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























