क्या प्रदूषण के बढ़ने से नींद में आती है खलल? जानें साइंस
Pollution Lavel: दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण ने लोगों की नींद गायब कर दी है. आइए समझते हैं कि यह कैसे खतरा पैदा कर रही है.

Pollution Lavel: दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल काफी तेजी से बढ़ रहा है. अभी इसे खतरा की श्रेणी में देखा जा रहा है. तेजी से बढ़ रहे हैं इस पॉल्यूशन ने दिल्ली और उसके आसपास के नागरिकों की चिताओं को बढ़ा दिया है. लोग घर से बाहर निकलने से परहेज कर रहे हैं. बाहर निकलते वक्त मास्क और जरूरी प्रिकॉशन का इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में एक्यूआई का लेवल 500 पार कर गया है. प्रदूषण ने लोगों की नींद पर भी असर करना शुरू कर दिया है. समझते हैं कि यह आपके हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है?
रिसर्च में हुआ खुलासा
अमेरिका के रिसर्चर्स ने 62 लोगों के एक ग्रुप की 2 हफ्ते तक निगरानी की. इस दौरान उनकी एक्टिविटीज के साथ ही नींद लेने के समय पर ध्यान केंद्रित किया गया. रिसर्च में पाया गया कि बेड रूम में वायु प्रदूषण के हाई लेवल, कार्बन डाइऑक्साइड, शोर और तापमान का सीधा असर नींद की क्वालिटी पर पड़ा. ऐसे लोग कम नींद ले सके.
ये हो सकते हैं लक्षण
खराब वायु गुणवत्ता के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं: सिरदर्द, थकान. वायु प्रदूषण के अलावा, गर्मी, शोर और अन्य चीज़ें भी रात की अच्छी नींद लेने की हमारी क्षमता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि बढ़ता वायु प्रदूषण आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बिगाड़ रहा है. उच्च स्तर के प्रदूषण के संपर्क में आने वाले लोगों को मूड में बदलाव, कम एकाग्रता और याददाश्त कमजोर होने का अनुभव होता है. बता दें कि स्लीप एपनिया के चलते रात में सोते समय सांस रुक जाया करती है. यह खासकर तब होता है जब वायु प्रदूषण 2.5 माइक्रोन से छोटे कणों में बढ़ोतरी हो जाती है. यह सीधे सांस पर असर करता है. इसका एक विकल्प घर से बाहर ना निकलना है. लोगों को मास्क का सेवन जितना हो सके करना चाहिए.
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