क्या बम की होती है कोई एक्सपायरी डेट, जानिए कितने सालों तक रहता है एक्टिव
आपने देखा होगा कि अधिकांश खाद्य पदार्थों समेत मेडिसिन का एक्सपायरी डेट होता है. लेकिन सवाल ये है कि हथियारों का एक्सपायरी डेट कब होता है ? आज हम आपको उसके बारे में बताएंगे.

दुनियाभर के अधिकांश देशों के पास हथियार,बम और मिसाइलें मौजूद हैं. युद्ध की स्थिति में कोई भी देश इन हथियारों का इस्तेमाल करता है, वरना तब तक हथियारों को अपने पास तैयार रखता है. लेकिन सवाल ये है कि जैसे खाद्य पदार्थों, दवाइयों और कई चीजों की एक्सपायरी डेट होती है, वैसे हथियारों की भी एक्सपायरी डेट होती है? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
हथियारों की एक्सपायरी डेट?
अब सवाल ये है कि क्या बाकी सामान की तरह हथियारों की भी एक्सपायरी डेट होती है. अगर हां होती है, तो किन हथियारों की एक्सपायरी डेट कब होती है. जानकारी के मुताबिक छोटे हथियारों से लेकर बड़े और अधिक खतरनाक हथियारों का एक जीवनकाल होता है. जैसे आमतौर पर परमाणु बमों का जीवनकाल 30 से 50 साल तक होता है, क्योंकि समय के साथ हीलियम जैसे रासायनिक तत्व खत्म होने लगते हैं. इस दौरान इनके प्रभाव भी कम हो जाते हैं. उसके अलावा कुछ खतरनाक बमों की सीमा लगभग 10 साल होती है. इसी तरह सैन्य मिसाइलों का जीवनकाल भी 20 से 30 साल तक होता है. इस दौरान उनकी एक्सपायरी डेट उनके ईंधन प्रणाली और तकनीक पर निर्भर करती है.
हथियारों की एक्सपायरी डेट कैसे चलती है पता?
बता दें कि किसी भी हथियार के एक्सपायरी डेट का निर्धारण इस बात पर निर्भर करता है कि हथियार कैसा है, उसकी डिजाइन कैसी है और उसे बनाने में किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया गया है. इसके अलावा हथियारों के तकनीकी और व्यावहारिक कारक भी खास भूमिका निभाते हैं. जैसे किसी हथियार में किस तरह की धातु, प्लास्टिक और विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया है, यह भी उस हथियार के चलने के समय को प्रभावित करता है.
इन हथियारों का जीवन होता है लंबा
स्टील और टाइटेनियम जैसे उच्च गुणवत्ता वाले धातुओं से बने हथियार, अन्य सामग्री की तुलना में कुछ ज्यादा समय तक टिक सकते हैं. आसान भाषा में ऐसे हथियारों की एक्सपायरी डेट लंबी होती है. वहीं अगर किसी हथियार का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता है, तो वह जल्दी एक्सपायर हो सकता है. इसके अलावा किसी हथियार का एक्सपायर करना उसके तापमान पर भी निर्भर करता है. क्योंकि कुछ खास हथियार ऐसे होते हैं, जिन्हें निर्धारित तापमान में रखना जरूरी होता है. ऐसा नहीं करने पर उसका असर खत्म होने लगता है.
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