क्या मतदान के समय ईवीएम से उड़ सकता है डाटा, क्या होता है बैकअप प्लान?
दिल्ली चुनाव के लिए मतदान जारी है. वहीं सोशल मीडिया पर एक बार फिर ईवीएम की सुरक्षा उठने लगे हैं. क्या सच में ईवीएम से डेटा उड़ सकता है? जानिए डेटा उड़ने पर क्या होता है बैकअप प्लान?

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए मतदान जारी है. दिल्ली चुनाव में ईवीएम के जरिए मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. अब ईवीएम के जरिए मतदान होगा, तो हर बार के चुनाव की तरह इस बार भी बहुत सारे आरोप लगेंगे और सवाल उठेंगे. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे सवाल का जवाब देंगे, जो अक्सर लोग पूछते हैं. क्या ईवीएम से डेटा उड़ सकता है? जानिए क्या है इसका जवाब.
भारत में मतदान
भारत का चुनाव आयोग लोकसभा चुनाव से लेकर विधानसभा चुनाव तक ईवीएम यानी (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) का ही इस्तेमाल करता है. लेकिन अक्सर चुनाव से पहले और मतदान के बाद विपक्षी पार्टी ईवीएम के हैक होने पर सवाल उठाती है. वहीं कई बार ईवीएम के अदला-बदली की बात भी कही जाती है. लेकिन सवाल ये है कि ईवीएम से सारा डेटा उड़ सकता है? आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे.
ईवीएम कैसे करता है काम
सबसे पहले ये जानते हैं कि ईवीएम कैसे काम करता है. बता दें कि देश में ईवीएम का इस्तेमाल वोटिंग के लिए किया जाता है. ईवीएम से वोटिंग के दौरान मतदाता जो भी वोट डालते हैं, वो वोट स्टोर होते जाते हैं. इसके बाद काउंटिंग के दिन चुनाव आयोग ईवीएम मशीन से वोटों की गिनती होती है.
बता दें कि ईवीएम में दो यूनिट होता है. पहला कंट्रोल यूनिट और दूसरा बैलेटिंग यूनिट होता है. ये दोनों यूनिट एक पांच मीटर के केबल से जुड़ी होती हैं. कंट्रोल यूनिट पीठासीन अधिकारी यानी रिटर्निंग ऑफिसर के पास होता है. बैलेटिंग यूनिट वोटिंग कंपार्टमेंट में रखी होती है. इसी जगह पर आकर मतदाता वोट डालते हैं. मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी वोटर की आइडेंटिटी को वेरिफाई करता है. जिसके बाद मतदाता ईवीएम के जरिए वोट करता है.
क्या ईवीएम से उड़ सकता है डेटा?
अब सवाल ये है क्या ईवीएम से चुनाव के समय या बाद में डेटा उड़ सकता है. इसका जवाब है कि ये मुश्किल है. क्योंकि ईवीएम को इस तरीके से डिजाइन किया गया है कि इसका डाटा वोटिंग के साथ ही तुरंत स्टोर हो जाता है. आज तक कभी भी ईवीएम से डाटा उड़ने की खबर सामने नहीं आई है.
क्या हैक हो सकता ईवीएम
अब सवाल ये है कि क्या ईवीएम हैक हो सकता है? एक्सपर्ट के मुताबिक ये मुश्किल है, क्योंकि ईवीएम कंप्यूटर से कंट्रोल नहीं हो सकता है. दरअसल ये स्टैंड अलोन मशीन होती हैं, जो इंटरनेट या किसी दूसरे नेटवर्क से कनेक्ट नहीं होती हैं. इसलिए इसे हैकिंग से पूरी तरह सुरक्षित माना जाता हैं.
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