क्या जमीन खोदते हुए पृथ्वी के एक सिरे से दूसरे पर निकला जा सकता है? जानिए कितनी आएंगी बाधाएं
आधुनिक भू विज्ञान और इंजीनियरिंग की जानकारी के अनुसार पृथ्वी के अंदर से सीधे दूसरी तरफ पहुंचना फिलहाल तकनीक रूप से नामुमकिन है. इसकी बड़ी वजह यह है की धरती की संरचना तीन प्रमुख परतों से बनी हुई है.

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर इंसान सीधे धरती के अंदर से दूसरी तरफ निकल सके तो क्या होगा. बचपन में ऐसा सोचना मजेदार लगता है, लेकिन वास्तविकता में यह कल्पना जितनी आसान लगती है उतनी ही असंभव भी है. ऐसे में चलिए आज हम आपको बताते हैं कि क्या आधुनिक भू विज्ञान और इंजीनियरिंग की तकनीक के अनुसार पृथ्वी के एक सिरे से दूसरे सिरे पर निकल जाना कितना आसान है और इसके लिए कितनी बाधाएं आ सकती है.
जमीन खोदकर पृथ्वी के दूसरी तरफ निकलना नामुमकिन
आधुनिक भू विज्ञान और इंजीनियरिंग की जानकारी के अनुसार पृथ्वी के अंदर से सीधे दूसरी तरफ पहुंचना फिलहाल तकनीक रूप से नामुमकिन है. इसकी बड़ी वजह यह है की धरती की संरचना तीन प्रमुख परतों से बनी हुई है. इन परतों में सबसे ऊपर पपड़ी है जो केवल 5 से 70 किलोमीटर मोटी है . पपड़ी के बाद दूसरी परत मान्टल है, यह भारी चट्टानों की मोटी परत होती है जो बहुत धीरे-धीरे बहती है. पृथ्वी के अंदर तीसरी परत कोर है, जो द्रव्य और ठोस धातु से बना है. इसका तापमान 2500 से 5200 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इस तरह से पृथ्वी को हम जितना गहरा खोदेंगे, ऊपर की परतों का दबाव उतना ही बढ़ता जाएगा. यही दबाव खुदाई के दौरान दीवारों को अस्थिर बना देता है. जिससे पृथ्वी के अंदर छेद करना खतरनाक भी साबित हो सकता है.
क्या ड्रिलिंग तकनीक से छेद करना आसान
पृथ्वी को सीधे खोदने की बजाय वैज्ञानिक ड्रिलिंग का इस्तेमाल करते हैं. इस ड्रिलिंग तकनीक का इस्तेमाल रूस के कोला सुपरडीप बोरहोल में भी किया गया था. इस बोर होल को दुनिया का सबसे गहरा ड्रिलिंग प्रोजेक्ट माना जाता है. हालांकि यह सिर्फ 12.2 किलोमीटर तक गया. जिसमें लगभग 20 साल लग गए थे. इसके बाद भी यह मान्टल तक नहीं पहुंच सका, क्योंकि तापमान, हाई प्रेशर और उपकरणों की सीमाओं ने इस प्रयास को रोक दिया. दरअसल ड्रिलिंग मशीनों के हर समय टूटे हुए पार्ट बदलने पड़ते हैं और गहराई बढ़ने के साथ पाइप की लंबाई इतनी बढ़ जाती है कि उसे मोड़ना या खींचना असंभव हो जाता है. इसके अलावा पृथ्वी की परतों में मौजूद मैग्मा और द्रव धातु अचानक उभरकर बड़े विस्फोटक का कारण बन सकते हैं.
क्या भविष्य में पृथ्वी को खोदकर दूसरी तरफ निकल सकते हैं
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर टेक्नोलॉजी बहुत आगे बढ़ जाए तो शायद हम और गहराई तक ड्रिल कर सकते हैं. कुछ वैज्ञानिक सोचते हैं कि अगर अत्याधुनिक उपकरण और ज्यादा गर्मी सहने वाले मशीन बन जाए तो कोर तक पहुंचना तकनीक रूप से संभव हो सकता है. हालांकि पूरी पृथ्वी के पार छेद बनाना अभी सिर्फ कल्पना ही है.
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Source: IOCL
























