क्या ड्यूटी टाइम खत्म होने पर इमरजेंसी में भी पैसेंजर्स को बीच में छोड़ सकता है हवाई जहाज का पायलट? क्या होता है नियम
पायलटों की लाइफ वैसी नहीं है जैसे हमें दूर से देखने में लगती है कि ये तो हमेशा आसमान में उड़ते रहते हैं. चलिए, आपको बताते हैं कि आखिर पायलट ड्यूटी टाइम को लेकर खुश क्यों नहीं हैं

महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का विमान जलगांव एयरपोर्ट पर तकनीकि वजह से दो घंटे की देरी से पहुंचा, विमान के पहुंचने का समय दोपहर 3 बजे था, लेकिन यह 6 बजकर 15 मिनट पर पहुंचा. वहां से डिप्टी सीएम अपने कार्यक्रम में शामिल हुए, लेकिन लौटते समय एक अजीब वाकया हुआ. हुआ कुछ यूं कि पायलट ने ड्यूटी के समय का हवाला देते हुए उसने उड़ान भरने से इनकार कर दिया. अधिकारियों के काफी मनाने पायलट उड़ान भरने को राजी हुए और इस तरह एकनाथ शिंदे मुंबई पहुंचे. ऐसे में अब सवाल आता है कि क्या हवाई जहाज का पायलट ड्यूटी टाइम खत्म होने पर इमरजेंसी में भी पैसेंजर्स को बीच में छोड़ सकता. चलिए, आपको इसका जवाब देते हैं.
क्या है नियम
भारत में एवियशन सेक्टर बहुत बड़ा है ऐसे में कई पायलटों को रुटीन से अधिक समय तक काम करना पड़ता है. इसके चलते कई पायलट कार्य दबाव को लेकर असंतुष्ट हैं. 1 जून 2024 से पायलटों को मिलने वाले सप्ताहिक छुट्टी में भी इजाफा किया गया है था पहले जो छुट्टी 36 घंटे की थी अब उसे 48 घंटे कर दिया गया है. हालांकि इस नियम को लेकर पायलट और एयरलाइंस कंपनी के बीच में विवाद देखने को मिला. एयरलाइंस कंपनियां इस नियम को मानने को तैयार नहीं थीं जिसके बाद पायलटों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और फिर कोर्ट के आदेश के अनुसार, इस नियम को 1 जुलाई, 2025 से लागू किया जाएगा.
क्या इमरजेंसी में भी पैसेंजर्स को बीच में छोड़ सकते हैं
इसका जवाब है सामान्यतः नहीं. पायलट को अपनी ड्यूटी पूरी करनी होती है. अगर कोई इमरजेंसी स्थिति होती है जैसे कि खराब मौसम या एयर ट्रैफिक में देरी हो रही है तो 2 घंटे तक ड्यूटी बढ़ा सकते हैं लेकिन उससे ज्यादा की ड्यूटी बढ़ाने के लिए DGCA ने मना किया हुआ है. इससे ज्यादा समय की देरी होने पर यह पायलट के ऊपर निर्भर करता है कि वह उड़ान भरना चाहता है या नहीं.
इसे भी पढ़ें- पाकिस्तान में इन मुसलमानों को नहीं होती ईद मनाने की इजाजत, जान लीजिए कारण
Source: IOCL























