Bihar Assembly Election 2025: क्या भारत निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए किसी को ईवीएम उधार देता है, जानें क्या होती है प्रकिया
Bihar Assembly Election 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 6 और 11 नवंबर को मतदान किया जाएगा. इसी बीच आइए जानते हैं कि क्या भारत निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए ईवीएम उधार देता है या नहीं.

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच एक बार फिर से सबकी नजर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर है. आपको बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए 6 और 11 नवंबर को मतदान किया जाएगा. इसी बीच आइए जानते हैं कि क्या भारत निर्वाचन आयोग चुनाव कराने के लिए किसी को ईवीएम उधार देता है या नहीं.
कानूनी आधार और अधिकार
संविधान के अनुच्छेद 324 के मुताबिक सर्वोच्च निर्वाचन निकाय के रूप में भारत का चुनाव आयोग पूरे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार होता है. भारत का चुनाव आयोग मुख्य रूप से राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय चुनावों की देखरेख करता है.
राज्य चुनाव आयोग पंचायत और नगर पालिकाओं जैसे स्थानीय निकायों के चुनावों का प्रबंधन करते हैं. ऐसे मामलों में जहां स्थानीय निकाय चुनाव कानून इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं, राज्य चुनाव आयोग चुनाव आयोग से इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन उधार देने का अनुरोध कर सकते हैं. आपको बता दें कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता, जवाबदेही और इन मशीनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त कानूनी ढांचे का पालन करती है.
ईवीएम उधार देने की शर्तें
ईवीएम के लिए चुनाव आयोग की उधार नीति खुली नहीं है. यानी कि इसके लिए स्पष्ट और विस्तृत दिशा निर्देशों को लागू किया गया है. ईवीएम उन्हीं राज्यों को उधार मिलेंगे जिनके स्थानीय कानूनों में ईवीएम के उपयोग का प्रावधान है. इसी के साथ राज्य चुनाव आयोग को छह महीने पहले अनुरोध करना होगा.
इसी के साथ उधर दी जाने वाली मशीनें सिर्फ वह मॉडल हैं जिनका राष्ट्रीय या विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल बंद कर दिया गया है. यह पुराने मॉडल हैं जिनकी प्रमाणित 15 साल की सेवा अवधि अभी भी है. इसके अलावा मशीनों की उपलब्धता भी एक जरूरी भूमिका निभाती है. चुनाव आयोग अपनी चुनावी जरूरत को पूरा करने के बाद पर्याप्त मात्रा में ईवीएम उपलब्ध होने पर ही उन्हें उधार देता है. इसी के साथ अंत में राज्य चुनाव आयोग को मशीनों के संचालन, इस्तेमाल और रखरखाव के संबंध में ईसीआई को नियमित रिपोर्ट देनी होती है.
राज्य चुनाव आयोग की भूमिका
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उधार के अनुरोध को मंजूरी मिलने के बाद राज्य चुनाव आयोग ईवीएम की पूरी जिम्मेदारी अपने हाथ में ले लेता है. राज्य चुनाव आयोग तैनाती से पहले इस बात को सुनिश्चित करता है की मशीन पूरी तरह से जांच और मॉक पोलिंग से गुजरे. ऐसा इसलिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे ठीक से काम कर रही हैं. चुनाव के दौरान ईवीएम का इस्तेमाल प्रशिक्षित मतदाता अधिकारियों की देखरेख में ही किया जाता है. वोटिंग होने के बाद मशीनों को मतगणना पूरी होने तक कड़ी सुरक्षा के बीच स्ट्रांग रूम में रखा जाता है. जैसे ही चुनावी प्रक्रिया समाप्त हो जाती है राज्य चुनाव आयोग को विस्तृत दस्तावेजों के साथ मशीनें चुनाव आयोग को वापस करनी होती हैं.
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