रजनीकांत खुद को एक अभिनेता से ज्यादा आध्यात्मिक शख्स मानते हैं

चेन्नई: तमिल साइंस-फिक्शन फिल्म '2.0' की शूटिंग में बिजी एक्टर रजनीकांत खुद को एक अभिनेता से ज्यादा आध्यात्मिक शख्स मानते हैं. उन्होंने कहा कि वह अध्यात्मवाद को ‘नेम और फेम’ से ज्यादा अहमियत देते हैं क्योंकि आध्यात्मिक शक्ति का कोई मुकाबला नहीं है.इसकी तुलना किसी से नहीं की जा सकती.
उन्होंने किताब 'डिवाइन रोमांस' के तमिल संस्करण 'देवीगा कदाल' की लॉन्चिंग के मौके पर कहा, "मैं खुद को अभिनेता से ज्यादा आध्यात्मिक शख्स कहलाना पसंद करता हूं. मेरा मानना है कि अध्यात्मवाद पैसा, नाम, प्रसिद्धि सबसे बढ़कर है क्योंकि अध्यात्मवाद से आपको शक्ति मिलती है और मुझे शक्ति से लगाव है."
किताब को परमहंस योगानंद ने लिखा है. अभिनेता ने बताया कि उनके भाई सत्यनारायण गायकवाड़ उनके पहले गुरु हैं, जिन्होंने कम उम्र में ही उनका अध्यात्म से परिचय करवाया. गायकवाड़ ने अभिनेता का दाखिला रामकृष्ण मिशन में भी करवाया था.
रजनीकांत रामकृष्ण परमहंस को अपना दूसरा गुरु मानते हैं.उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि सामाजिक समस्याओं के बारे में उन्हें दयानंद सरस्वती के जरिए पता चला. रजनीकांत नियमित तौर पर हिमालय के सफर पर जाते रहते हैं. उन्होंने कहा कि यह जगह दिव्य रहस्यों से भरी पड़ी है.
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