Gully Boy Review: ज़ोया अख्तर का निर्देशन है बहुत हार्ड ! 'गली बॉय' में रणवीर दमदार, 'हटेली' आलिया भी शानदार
Gully Boy Movie Review: रणवीर सिंह और आलिया भट्ट की फिल्म गली बाय रिलीज हो गई है. ज़ोया अख्तर के निर्देशन में बनी इस फिल्म की काफी चर्चा है. रिव्यू पढ़ें और जानें कि फिल्म कैसी है.
स्टार कास्ट: रणवीर सिंह, आलिया भट्ट, सिद्धांत चतुर्वेदी, विजय राज, कल्कि कोचलीन
डायरेक्टर: ज़ोया अख्तर
रेटिंग: ***
Gully Boy Movie Review: पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड में म्यूजिकल फिल्मों का अकाल पड़ा हुआ है. इम्तियाज अली की 'रॉकस्टार' के बाद शायद ही कोई ऐसी फिल्म आई है जो लोगों के दिलों में जगह बना पाई हो. 'आशिकी 2' कमर्शियली कामयाब रही. उसके बाद 'कैदी बैंड', 'लखनऊ सेंट्रल' और 'रॉक ऑन 2' जैसी कई फिल्में आईं लेकिन कुछ खास नहीं कर पाई. अब उसी अकाल की भरपाई करने के लिए ज़ोया अख्तर 'गली बॉय' लेकर आई हैं. ये एक प्योर म्यूजिकल फिल्म है जो मुंबई के स्ट्रीट रैपर डिवाइन और नाजी की जिंदगी पर आधारित है. इसे देखने के बाद पब्लिक यही बोली- बहुत हार्ड! और ये रणवीर सिंह की दमदार एक्टिंग से संभव हुआ क्योंकि 'गली बॉय' को पर्दे पर जीवंत करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है.
कहानी
रणवीर सिंह इसमें मुराद शेख की भूमिका में हैं जो स्लम में रहता है. एक तो गरीबी ऊपर से मां-बाप की किचकिच... मुराद कॉलेज में एक दिन रैपर एमसी शेर (सिद्धार्थ चतुर्वेदी) को देखकर प्रभावित होता है. उसे लगता है कि वो रैप कर सकता है और फिर बाद में वो 'गली बॉय' के नाम से मशहूर होता है. उसे रैपर बनने के लिए किन हालातों का सामना करना पड़ता है, यही कहानी है. इसमें सफीना अली (आलिया भट्ट) के साथ मुराद की बहुत ही प्यारी लव स्टोरी दिखाई गई है.
एक्टिंग
इसी साल सिंबा बनकर रणवीर सिंह पर्दे पर दहाड़ते दिखे थे. वहीं इस फिल्म में वो कॉलेज बॉय के किरदार में हैं. उनकी एक्टिंग इतनी जबरदस्त है कि वो आपको यकीन दिला जाते हैं कि वह गली बॉय ही हैं. रणवीर सिंह को पहले से ही रैप में दिलचस्पी रही है और यहां उन्होंने खुद रैप किया है. उनकी मेहनत पर्दे पर साफ झलकती है.
आलिया भट्ट अपने अभिनय का लोहा कई फिल्मों के जरिए मनवा चुकी हैं. सफीना के किरदार में उन्होंने जान भर दी है. फिल्म का फर्स्ट हाफ में आलिया इतनी जोरदार हैं कि वो रणवीर पर हावी हो जाती हैं.
इन दोनों दिग्गज एक्टर्स के बीच सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने अपनी दमदार मौजूदगी दर्ज कराई है. ये उनकी डेब्यू फिल्म है लेकिन पर्दे पर उन्हें देखकर नहीं लगता कि ये उनकी पहली फिल्म है. इसमें सिद्धार्थ ने रैपर एमसी शेर की भूमिका निभाई है जो मुराद की मदद करता है.
इसके विजय राज और कल्कि कोचलीन सहित फिल्म के बाकी एक्टर्स भी अपनी भूमिका में फिट बैठते हैं.
डायरेक्शन
इस फिल्म को ज़ोया अख्तर ने डायरेक्ट किया है और रीमा कागती के साथ मिलकर उन्होंने इसे लिखा भी है. फिल्म में उन्होंने घरेलू हिंसा और एरिया में ड्रग्स वगैरह पर भी काफी जोर डाला है. बहुत गहराई में जाने की वजह से कई बार फिल्म ट्रैक से फिसल जाती है. फिल्म बहुत स्लो है और इसकी कहानी प्रीडिक्टिबल है.
अच्छी बात ये है कि म्यूजिकल फिल्म है तो उन्होंने उस हिस्से पर पूरा फोकस रखा है. यही वजह है कि फिल्म में जब भी बैकग्राउंड में गाना बजता है उसमें दिलचस्पी बढ़ जाती है. लोकेशन हों या फिर कैरेक्टर्स ज़ोया ने फिल्म को रॉ और रीयल रखने की कोशिश की है.
अगर आप रैपर डिवाइन और नाज़ी को पहले से जानते हैं कि एक खूबसूरत बात ये है कि उनके गाने ठीक वैसे ही दिखाया है जैसे वे हैं. उसमें ज्यादा कुछ बदलाव नहीं किया गया है.
म्यूजिक
इसमें ज्यादातर गाने डिवाइन और नाजी के ओरिजिनल गाने ही रखे गए हैं. 'मेरे गली में', 'आज़ादी' और 'अपना टाइम आएगा' जैसे गाने पहले से ही सुपरहिट हैं. दिलचस्प ये है कि अपने गानों को खुद रणवीर सिंह ने आवाज दी है और कामयाब रहे हैं. ''देखो कि हम पास रहके, सोचो कितनी दूरी है, कैसी ये मजबूरी है...' ये गाना जावेद अख्तर ने लिखा है जो काफी असर डालता है.
क्यों देखें
ये फिल्म स्ट्रीट रैपर्स की ज़िंदगी को पास से जानने का मौका देती है. अपनी कमजोरी को कैसे वो अपनी ताकत बना लेते हैं ये फिल्म बयां करती है. फिल्म में एक डायलॉग है, ''दुनिया में सब लोग कंफर्टेबल रहते तो रैप कौन करता?''
वैलेंटाइन डे पर रिलीज हो रही इस फिल्म जिसमें प्यार है, ड्रामा है, इमोशन है. फिल्म स्लो होने के बावजूद पकड़ बनाए रखती है. स्ट्रीट रैपर्स को आपको करीब से जानने का मौका भी मिलेगा. और कहते हैं ना कि अंत भला तो सब भला. खत्म होते-होते आपका दिल जीत लेती है.