संगीतकार ख्ययाम के निधन से सदमे में बॉलीवुड, अमिताभ से लेकर सोनम ने दी श्रद्धांजलि
मशहूर संगीतकार ख्ययाम ने बीती रात करीब साढ़े नौ बजे मुंबई के सुजय अस्पताल में आखिरी सांस ली. इनके निधन की खबर से बॉलीवुड सकते में है और अमिताभ बच्चन से लेकर लता मंगेशकर सभी उन्हें श्रद्धांजलि देते नजर आ रहे हैं.
बॉलीवुड के मशहूर संगीतकार ख्ययाम ने बीती रात करीब साढ़े नौ बजे मुंबई के सुजय अस्पताल में आखिरी सांस ली. खय्याम के निधन की खबर से पूरे बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ पड़ी. देर रात ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लेकर स्वर सम्राज्ञी लता मंगेशकर तक सभी ने उन्हें अपनी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि दी. इनके अलावा भी कई बॉलीवुड स्टार्स ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए बॉलीवुड में और संगीत की दुनिया में उनके कॉन्ट्रोब्यूशन को याद किया.
बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने भी उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, ''संगीत के दिग्गज, एक मृदुभाषी आत्मा, जिन्होंने मेरी कई फिल्मों में महत्वपूर्ण योगदान दिया..अब नहीं रहे..ख्ययाम साहब..प्रर्थना और शोक..''
मशहूर लेखक जावेद अख्तर ने उन्हें याद करते हुए ट्वीट किया, ''ख्ययाम साहब एक नायाब संगीतकार थे जिन्होंने आज इस दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने कई सदाबहार गीत हमें दिए हैं जो उन्हें हमेशा के लिए अमर बनाते हैं.''
Khayyam saheb the great music director has passed away . He has given many all time great song but to make him immortal only one was enough “ voh subah kabhi to aayehi “
— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) August 19, 2019
लता मंगेशकर ने भी खय्याम को याद करते हुए एक के बाद एक कई ट्वीट किए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. लता मंगेशकर इस दौरान काफी गमगीन दिखीं और उन्होंने लिखा, "खय्याम साहब मुझे अपनी छोटी बहन मानते थे. वो मेरे लिए अपनी खास पसंद के गाने बनाते थे. उनके साथ काम करते वक्त बहुत अच्छा लगता था और थोड़ा डर भी लगता था क्योंकि वो बड़े परफेक्शनिस्ट थे.''
उन्होंने कहा, ''उनकी शायरी की समझ बहुत कमाल थी. इसलिए मीर तकी मीर जैसे महान शायर की शायरी वो फिल्मों में लेकर आए. दिखाई दिए यूं, जैसी खूबसूरत गज़ल हो या 'अपने आप रातों में' जैसे गीत, खय्याम साहब का संगीत दिल को छू जाता था. राग पहाड़ी उनका पसंदीदा राग था. ऐसी न जाने कितनी बातें याद आ रही हैं. वो गाने वो रिकॉर्डिंग याद आ रहे हैं. ऐसा संगीतकार शायद फिर कभी न होगा. मैं उनको और उनके संगीत को वंदन करती हूं.''
संगीतगार विशाल डडलानी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ''ऐसा लग रहा है जैसे संगीत से ताल ही चली गई. ख्ययाम साहब, आपके द्वारा दिए गए संगीत के लिए शुक्रिया और हर आपसे मुलाकात के दौरान दिखाए गए प्यार के लिए भी.''
Feels like music lost a note today. #Khayyam Saab, thank you for your music and for your kindness each time we met. Wish it could have been more often, but I'm glad I was able to thank you in person for the… https://t.co/2uILVc97dx
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) August 19, 2019
फिल्मकार मधुर भंडारकर ने भी श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, ''करोगे याद तो हर बात याद आएगी.. ख्ययाम सर .. संगीत की दुनिया में आपके अपार योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा.''
एक्ट्रेस सोनम कपूर ने उन्हें याद करते हुए उनके गीत की कुछ पंक्तियां लिखीं. उन्होंने लिखा, ''कभी कभी मेरे दिल में ख्याल आता है, कि जैसे तुझको बनाया गया है मेरे लिए.. तू अब से पहले सितारों में बस रही थी कहीं..तुझे जमीं पर बुलाया गया है मेरे लिए...''
Kabhi kabhi mere dil mein khayaal aata hai Ki jaise tujhko banaya gaya hai mere liye Ki jaise tujhko banaya gaya hai mere liye Tu abse pehle sitaaron mein bas rahi thi kahin Tu abse pehle sitaaron mein bas rahi thi kahin Tujhe zameen pe bulaya gaya hai mere liye https://t.co/rNmEeIurc8
— Sonam K Ahuja (@sonamakapoor) August 19, 2019
अमेरिका में इलाज करा रहे ऋषि कपूर भी इस खबर के आने के बाद दुखी हैं. उन्होंने ट्वीट किया, RIP खय्याम साहब." संगीतकार और गायक सलीम मर्चेंट ने खय्याम साहब के निधन को संगीत और फिल्म की दुनिया के लिए बड़ा नुकसान बताया है.
सीने में संक्रमण ने ली जान
सीने में संक्रमण और न्यूमोनिया की शिकायत के बाद उन्हें पिछले महीने 28 जुलाई को मुंबई के सुजय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि उनकी स्थिति लगातार बिगड़ती ही जा रही थी. डॉक्टरों के मुताबिक आज इलाज के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे रात करीब साढ़े नौ बजे उनका निधन हो गया.
1953 में की थी करियर की शुरुआत
आपको बता दें कि पंजाब के राहों गांव में पैदा होने वाले खय्याम ने संगीतकार के तौर पर अपने करियर की शुरुआत 1953 में की थी. उसी साल आई उनकी फिल्म 'फिर सुबह होगी' से उन्हें बतौर संगीतकार पहचान मिली. गौरतलब है कि खय्याम को हमेशा से ही एक चूजी किस्म का संगीतकार माना जाता रहा है. चार दशक के करियर में उनकी पहचान बेहद कम मगर उम्दा किस्म का संगीत देने वाले संगीतकार के रूप में बनी.
2007 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड तो, वहीं 2011 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से नवाजा गया. 'फिर सुबह होगी' के अलावा जिन फिल्मों में उनके संगीत की काफी चर्चा हुई, उनमें कभी कभी, उमराव जान, थोड़ी सी बेवफाई, बाजार, नूरी, दर्द, रजिया सुल्तान, पर्वत के उस पार, त्रिशूल जैसी फिल्मों का शुमार है.