Ashok Kumar Birth Anniversary: वकील बनाना चाहते थे पिता, लेकिन एग्जाम में फेल होकर मुंबई भाग आए अशोक कुमार, फिर यूं की बॉलीवुड पर हुकुमत
Ashok Kumar Life Story: बॉलीवुड एक्टर अशोक कुमार हीरो बनने के लिए नहीं बल्कि एग्जाम में फेल होने के बाद पिता के डर से मुंबई आए थे. लेकिन फिर किस्मत उन्हें फिल्मों में ले आई और वो सुपरस्टार बन गए.
Ashok Kumar Birth Anniversary: एक्टर अशोक कुमार (Ashok Kumar) हिंदी सिनेमा के वो सुपरस्टार थे. जो अपनी बेहतरीन अदाकारी से हर फिल्म में चार चांद लगा देते थे. लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि वो फिल्मों में काम नहीं करना चाहते थे. बल्कि एक्टर के पिता उनको वकील बनाना चाहते थे. आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ खास बातें बताने वाले हैं. जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी.
अशोक कुमार को वकील बनाना चाहते थे उनके पिता
बहुत लोग जानते हैं कि अशोक कुमार का असली नाम कुमुदलाल गांगुली था. लेकिन फिल्मों में वो अशोक नाम से जाने जाते थे. अशोक कुमार के पिता चाहते थे कि वो एक अच्छे वकील बने. इसलिए उन्होंने भी पिता की इच्छा को पूरी करने के लिए वकालत के एग्जाम दिए, लेकिन वो उनमें फेल हो गए. जब एक्टर फेल हो गए थे वो पिता के डर से अपना घर छोड़कर अपनी बहन सती देवी के घर मुंबई आ गए.
एग्जाम में फेल होकर एक्टर ने मुंबई में की थी नौकरी
मुंबई आने के बाद एक्टर की बहन ने गुजारा चलाने के लिए उन्हें बॉम्बे टॉकीज के लैबोरेटरी असिस्टेंट के पद पर नौकरी दिलवा दी. तब उन्हें सिर्फ 75 रुपए ही सैलरी के तौर पर मिलते थे. लेकिन तब एक्टर को ये नहीं पता था कि ये नौकरी उन्हें बॉलीवुड का सुपरस्टार बना देगी. दरअसल साल 1936 में आई फिल्म ‘जीवन नैया’ पहले अशोक की जगह नज्म-उल-हसन लीड रोल के लिए चुने गए थे. लेकिन फिर शूटिंग के दौरान उनकी फिल्म की एक्ट्रेस से लड़ाई हो गई.
अशोक कुमार का यूं मिली थी उनकी पहली फिल्म
फिल्म की एक्ट्रेस देविका रानी बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय की पत्नी थीं. इसलिए उनसे विवाद होने के बाद हिमांशु ने नज्म-उल-हसन को फिल्म से निकाल दिया. इसके बाद हिमांशु ने अशोक को फिल्म में हीरो लेने की बात कही. हालांकि हिमांशु की ये बात फिल्म के डायरेक्टर फ्रांज ऑस्टन को पसंद नहीं आई और उन्होंने कहा कि अशोक कुमार हीरो नहीं लगते थे. इसलिए वो इस रोल के लिए ठीक नहीं है. लेकिन डायरेक्टर को हिमांशु की बात माननी ही पड़ी और इस तरह अशोक कुमार का फिल्मी करियर शुरू हुआ.
हीरो बनने के बाद टूट गया था अशोक कुमार का रिश्ता
फिर साल 1943 में रिलीज हुई फिल्म ‘किस्मत’ ने अशोक कुमार की किस्मत पलट दी और वो रातों-रात स्टार बने. ये खबर सुनकर एक्टर के घर में हड़कप मच गया. क्योंकि उसी दौरान अशोक की शादी तय हुई थी. फिर जैसे ही अशोक के हीरो बनने की खबर लड़की वालों के घर पहुंची तो उन्होंने रिश्ता तोड़ दिया. इस किस्से के बाद अशोक के पिता ने उनसे एक्टिंग छोड़ने की बात कही.
इस वजह से अपना बर्थडे सेलिब्रेट नहीं करते थे अशोक कुमार
लेकिन उनको बॉम्बे टॉकीज के मालिक हिमांशु राय ने मना लिया. इसके बाद अशोक कुमार को हिंदी सिनेमा में ऐसा स्टारडम हासिल हुआ था कि उनके फैंस की भीड़ को पुलिस लाठीचार्ज करके हटाती थी. बता दें कि अशोक ने एक्टिंग के साथ प्रोड्यूसर बनकर भी कई बड़ी फिल्में बनाई थी. बता दें कि अशोक कुमार के छोटे भाई सिंगर किशोर कुमार थे. दोनों के बीच काफी अच्छा रिश्ता था. ऐसे में जब किशोर की मौत अशोक के जन्मदिन पर हुई तो उन्होंने बर्थडे सेलिब्रेट करना छोड़ दिया.
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