गुजरात विधानसभा चुनाव में प्रचार करने क्यों नहीं जा रहे हैं राहुल गांधी?
गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरणों में मतदान होगा. 8 दिसंबर को रिजल्ट आएगा. इसी दिन हिमाचल प्रदेश में भी वोटों की गिनती होगी.

गुजरात चुनाव 2017 में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 'सॉफ्ट हिंदुत्व' को हथियार बनाकर बीजेपी की नाक में दम कर दिया था. उस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आखिरी चरणों में धुआंधार प्रचार के लिए उतरना पड़ गया.
कांग्रेस ने 1985 के बाद से साल 2017 में शानदार प्रदर्शन किया था. बीजेपी जहां 99 सीटों पर अटक गई थी वहीं कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं. नरेंद्र मोदी के बीजेपी में उदय के बाद से पार्टी का गुजरात में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन था. हालांकि बाद में बीजेपी की ही सरकार बनी थी. वहीं राज्य में लगातार दो बार से लोकसभा चुनाव में बीजेपी क्लीन स्वीप कर रही है.
लेकिन इस बार के चुनाव में गुजरात से राहुल गांधी पूरी तरह से गायब हैं. कांग्रेस का अभी तक कोई भी बड़ा चेहरा गुजरात नहीं पहुंचा है. पार्टी के दूसरे नंबर के नेता इस समय जरूर दौरे पर हैं. लेकिन राहुल गांधी की कमी महसूस की जा रही है.
लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों में जुटे राहुल गांधी इस समय भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त हैं. हिमाचल प्रदेश में भी वो प्रचार नहीं करने गए हैं. लेकिन इन दोनों ही राज्यों में कांग्रेस के लिए खतरे के लिए की घंटी है क्योंकि आम आदमी पार्टी यहां पर पूरा जोर लगाए हुए हैं.
जैसे मतदान की तारीख नजदीक आ रही है राज्य में कांग्रेस नेताओं का राहुल को लेकर बढ़ता इंतजार परेशान कर रहा है. अभी तक गुजरात की कांग्रेस इकाई को राहुल गांधी के कार्यक्रम की कोई सूचना नहीं है. हालांकि इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक कांग्रेस कुछ नेता राहुल गांधी 22 नवंबर और इसके बाद की कुछ तारीखों की चर्चा कर रहे हैं जिस दिन राहुल गांधी यहां पर प्रचार करने आ सकते हैं. हालांकि राहुल गांधी के इस कार्यक्रम की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हुई है.
बता दें कि साल 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने लगभग 40 रैलियों में हिस्सा लिया था और गुजरात में 27 मंदिरों का भी दौरा किया था. इसके साथ ही उनकी अगुवाई में एक यात्रा की शुरू की गई थी जिसमें उन्होंने गुजरात के बड़े इलाके को छुआ था.
बात करें इस बार के चुनाव की तो हिमाचल प्रदेश में इस बार प्रचार की कमान प्रियंका गांधी ने संभाल रखी थी. लेकिन गुजरात कांग्रेस अभी तक गांधी परिवार की बाट जोह रही है.
हैरत की बात ये भी ही है कि प्रियंका गांधी भी गुजरात चुनाव से दूरी बनाए हुए हैं. प्रियंका गांधी वाड्रा साल 2019 के फरवरी महीने में आखिरी बार गुजरात गई थीं. उस समय कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में वो हिस्सा लेने गई थीं. हालांकि इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गुजरात कांग्रेस के एक नेता का कहना है कि राहुल गांधी के होते हुए प्रियंका को बुलाने का कोई मतलब नहीं है. दोनों ही स्टार प्रचारक हैं. राहुल के उपलब्ध न होने पर प्रियंका गांधी आएंगी जैसा कि हिमाचल प्रदेश में हुआ है.
लेकिन गुजरात कांग्रेस के लिए राहुल गांधी उस समय मौजूद नहीं है जब पार्टी पहली बार राज्य में अहमद पटेल जैसे चुनावी रणनीतिकार के बिना विधानसभा चुनाव लड़ रही है. मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेताओं का इस पर अलग तर्क है. उनका कहना है कि इसी साल सितंबर के महीने में राहुल गांधी दाहोद, साबरमती रिवरफ्रंट और द्वारका में कार्यकर्ताओं को संबोधित कर चुके हैं, इसलिए राहुल गांधी गुजरात से गायब हैं ये कहना उचित नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने साल 2017 से भी तुलना करने को गलत बताया है. उनका कहना है कि राहुल गांधी उस समय पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुजरात आखिरी बार इसी साल 5 सितंबर को गए थे. जहां उन्होंने साबरमती रिवरफ्रंट में एक सभा को संबोधित किया था. इसके साथ ही कोविड का शिकार बने लोगों के परिजनों को 4-4 लाख की आर्थिक मदद, किसानों का 3 लाख तक का कर्जमाफी, फ्री बिजली जैसे वादे भी किए थे.
इससे पहले दाहोद में आयोजित एक रैली में राहुल गांधी ने उस समय गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवानी भी शामिल थे. लेकिन उस समय से हालात बदल चुके हैं. हार्दिक पटेल बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
इसी साल फरवरी में राहुल गांधी ने द्वारका में कांग्रेस के चिंतन शिविर में हिस्सा लिया था. जहां उन्होंने चुनावी रणनीति पर पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने अपने भाषण में गुजरात के लिए विजन तय करने के लिए कहा था.
इन सब चर्चाओं से परे गुजरात चुनाव में अभी तक राहुल गांधी का न पहुंचना हैरान करने वाला है. हालांकि कांग्रेस ने राज्य के विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के अनुभवी नेताओं की टीम बना रखी है जिसमें मुकुल वासनिक, मोहन प्रकाश, पृथ्वीराज चह्वाण, बीके हरिप्रसाद, केएच मुनियप्पा शामिल हैं.
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Source: IOCL


















