चुनाव में हार के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान, जानें बीजेपी से मतभेद पर क्या कहा
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, जनता का जनादेश हमें मंजूर है. जिस तरह से जीत स्वीकारी जाती है उसी तरह मैं अपनी हार स्वीकारता हूं.
यूपी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मंत्रिपद छोड़कर सपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य खुद चुनाव हार गए. जिसके बाद उनके विरोधी उन पर जमकर हमलावर हैं. अब स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी हार और चुनाव नतीजों को लेकर जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि, भले ही उनकी हार हुई है, लेकिन वो अपने मुद्दों के साथ फिर जनता के बीच जाएंगे.
चुनाव हारे, हिम्मत और हौसला नहीं हारे - मौर्य
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि, जनता का जनादेश हमें मंजूर है. जिस तरह से जीत स्वीकारी जाती है उसी तरह मैं अपनी हार स्वीकारता हूं. मैं चुनाव हारा हूं हिम्मत और हौसला नहीं. जिन मुद्दों के कारण मैंने BJP छोड़ी थी वो मुद्दे आज भी वैसे ही हैं, उन मुद्दों को लेकर हम फिर से जनता के बीच जाएंगे. मौर्य ने आगे कहा कि, जहां लोगों ने समझा वहां पर परिणाम सकारात्मक भी आए हैं. हमें खुशी है कि समाजवादी पार्टी का जन आधार तेजी से आगे बढ़ा और विधायकों की संख्या भी 2.5 गुना बढ़ी और सपा एक बड़ी ताकत बन कर उत्तर प्रदेश में उभरी है. उसे और बड़ा बनाने के लिए ये अभियान जारी रहेगा.
योगी कैबिनेट से दिया था इस्तीफा
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य सपा के टिकट पर फाजिलनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे. वो सपा में शामिल होने से पहले योगी कैबिनेट में मंत्री पद पर थे, लेकिन कई मुद्दों से नाराज होकर उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद मौर्य ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने दलितों के साथ धोखा करने का काम किया है और पिछले पांच सालों में पिछड़ी जाति के लोगों के लिए कोई काम नहीं किए गए. इसके बाद उन्होंने अखिलेश यादव से मुलाकात की थी और फिर सपा में शामिल हो गए. मौर्य ने सपा में जाने के बाद कई सीटों पर जीत दिलाने का दावा किया था, लेकिन खुद की सीट भी नहीं बचा पाए.
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