One Nation One Election में एक सप्ताह के अंदर चुनाव कराने पर 3 से 5 लाख करोड़ तक बचेंगे, जानें कैसे
One Nation One Election News: एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर एक स्टडी सामने आई है, जिसके मुतबिक, 2024 आम चुनाव में कुल 1.20 लाख करोड़ का खर्च होने की संभावना है.
One Nation One Election Expenditure: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले देश में पांच राज्यों में विधानसभा का चुनाव भी होना है. हाल में एक देश एक चुनाव कराने को लेकर काफी चर्चा की जा रही है. इसके लिए केंद्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक कमेटी का भी गठन किया है, जो एक साथ चुनाव कराने के लिए रूपरेखा तय करेगी. ये भी अटकले लगाई जा रही हैं कि मोदी सरकार 18 सितंबर से बुलाए गए विशेष सत्र में एक राष्ट्र-एक चुनाव के बिल का प्रस्ताव ला सकती है.
इस बीच चुनाव को लेकर एक स्टडी की रिपोर्ट जारी हुई है, जिसके मुताबिक, देश के तीनों टायर, लोकसभा से लेकर पंचायत स्तर का चुनाव कराने पर कुल 10 लाख करोड़ खर्च आने का अनुमान है. वहीं सभी चुनाव एक साथ या एक सप्ताह के अंदर कराने पर इसके खर्च में 3 से 5 लाख करोड़ की गिरावट हो सकती है.
2024 लोकसभा चुनाव पर 1.20 लाख करोड़ खर्च का अनुमान
सार्वजनिक नीतियों के शोध-आधारित विश्लेषक एन भास्कर राव के अनुसार, केवल 2024 के लोकसभा चुनाव पर 1.20 लाख करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान हैं. राव की स्टडी में कहा गया है कि 2024 चुनाव में खर्च होने वाले कुल रुपये में चुनाव आयोग द्वारा 20 प्रतिशत खर्च बैठ सकता है. वहीं अगर सभी विधानसभा चुनाव एक साथ करवाए जाए तो इस पर 3 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकते हैं. बता दें देश में कुल 4500 विधानसभा का सीट है.
राव के मुताबिक, लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकाय चुनाव (पंचायत, जिला परिषद, नगर पालिका) एक साथ अलग अलग कराने के लिए 10 लाख करोड़ रुपये का खर्च का अनुमान है. सभी 4500 विधानसभा सीट पर चुनाव कराने में 3 लाख करोड़. वहीं, सभी नगर निगम चुनाव कराने पर 1 लाख करोड़ रुपये का खर्च हो सकता है. देशभर में कुल 500 नगर निगम सीटें है. इसी तरह अगर सभी जिला परिषद, मंडलों और पंचायत स्तर के चुनाव कराने पर 4.30 लाख करोड़ रुपये का खर्च होने का अनुमान है. देश में 650 जिला परिषद की सीटें है, 7000 मंडलों और कुल 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों की सीटें है.
- ये चुनाव एक साथ अलग-अलग कराने पर कितना होगा खर्च
- 2024 लोकसभा चुनाव पर कुल अनुमानित खर्च- 1.20 लाख
- सभी विधानसभा चुनाव पर होने वाले खर्च- 3 लाख करोड़
- सभी नगर निगम चुनाव कराने पर का खर्च- 1 लाख करोड़
- जिला परिषद, मंडलों और पंचायत स्तर के चुनाव पर खर्च- 4.30 लाख करोड़
- कुल अनुमानित खर्च- 9.30 लाख करोड़ रुपये
- राव के मुताबिक, एक साथ सभी चुनाव कराने पर खर्च- 5 से 7 लाख करोड़
राव के अध्ययन के अनुसार, सभी चुनावों के लिए "एक सप्ताह के मतदान" से चुनावी खर्च में कमी आने की संभावना है. हालांकि इस चुनाव खर्च को कम करने के लिए एक साथ चुनाव कराना ही पर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार में पार्टियों द्वारा आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन खर्च को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. दरअसल, सभी चुनाव को एक साथ कराने से यात्रा, मीडिया अभियान, बूथ-स्तरीय लॉजिस्टिक्स और चुनाव प्रचार पर होने वाला खर्च कम हो सकते है.
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