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Lok Sabha Election 2019: पार्टी और उम्मीदवार के लिए चुनाव प्रचार के क्या हैं नियम
चुनाव जीतने के लिए प्रत्येक राजनीतिक दल और उसके प्रत्याशियों को प्रचार करना पड़ता है, लेकिन आचार संहिता लागू होने के बाद प्रचार को लेकर कुछ सख्त नियम हैं जिसे मानने के लिए हर दल और हर प्रत्याशी बाध्य होता है.

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े त्योहार के लिए तारीख की घोषणा चुनाव आयोग ने कर दिया है. लोकसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है. आचार संहिता लगने के बाद से सभी राजनीतिक दल बिना अनुमति होर्डिंग-बैनर नहीं लगा सकेंगे और साथ ही न ही कोई आयोजन कर सकेंगे.दरअसल आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव प्रचार को लकेर कुछ नियम लागू हो जाते हैं. आइए उन नियमों के बारे में जान लें.
समान्य नियम जो हर पार्टी पर होती है लागू
- कोई पार्टी बिना चुनाव आयोग के अनुमति के कहीं भी होर्डिंग, पोस्टर या बैनर नहीं लगा सकती
- धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जा सकता
- सभा के स्थान और समय की अनुमति प्रशासन से लेनी होती है
- चुनावी सभा की जानकारी सूचना पुलिस अधिकारियों को देनी होगी
- सिर्फ उन्ही वाहनों पर झंडा लगाने की अनुमति होगी जो वाहन उस पार्टी या उसके प्रत्याशी द्वारा अधिकृत किया जाएगा.
सत्ताधारी पार्टी के लिए क्या है नियम
- सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए भी अनुमति पहले लेनी होगी
- सत्ताधारी पार्टी किसी भी सरकारी योजना का प्रचार सरकारी धन से नहीं कर सकती
- सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता
- हैलिपैड का इस्तेमाल पर सिर्फ सत्ताधारी पार्टी का हक नहीं होगा
- कोई भी सरकारी मंत्री शासकिय दौरे के दौरान चुनाव प्रचार नहीं करेगा.
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