Karnataka Election 2023: कनकपुरा में होगी 'आर' या पार की लड़ाई, डीके शिवकुमार के नामांकन पर EC ने मुहर लगाई
Karnataka Elections: चुनाव आयोग ने कनकपुरा सीट के लिए डीके शिवकुमार के नामांकन को स्वीकार कर लिया है. ऐसे में उनके और आर अशोक के बीच हाई-प्रोफाइल मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है.
Karnataka Elections: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा हाई है. राज्य के कनकपुरा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी में जबरदस्त लड़ाई देखने को मिल सकती है. शुक्रवार को चुनाव आयोग ने कनकपुरा विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार के नामांकन को स्वीकार कर लिया है. ऐसे में उनके और बीजेपी के राजस्व मंत्री आर अशोक के बीच एक हाई-प्रोफाइल मुकाबले का रास्ता साफ हो गया है. बता दें कि कनकपुरा में 10 मई को होने वाले मतदान में सबसे हाई-वोल्टेज मुकाबलों में से एक होने की उम्मीद है. चुनाव के नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे.
उसी सीट से डीके सुरेश ने किया था नामांकन
गुरुवार (20 अप्रैल) को डीके शिवकुमार का नामांकन रद्द होने की स्थिति में उनके भाई और बेंगलुरु ग्रामीण सांसद डीके सुरेश ने भी बैकअप उम्मीदवार के रूप में उसी निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपना पर्चा दाखिल किया था. कनकपुरा से सात बार के विधायक डीके शिवकुमार ने सोमवार (17 अप्रैल) को अपने समर्थकों के शक्ति प्रदर्शन के बीच अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था.
डीके शिवकुमार पर आरोप
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार कथित मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी के मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग की कई जांचों का सामना कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने ऐसे किसी भी गलत काम को करने से साफ इनकार किया है. साथ ही बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर राजनीतिक बदले की भावना का आरोप लगाया है.
बीजेपी से आर अशोक को मैदान में
बीजेपी ने कनकपुरा सीट से मंत्री आर अशोक को मैदान में उतारा है. वोक्कालिगा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आर अशोक को पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का करीबी सहयोगी माना जाता है. रामनगर जिले में स्थित कनकपुरा सीट वोक्कालिगा समुदाय का गढ़ है. राज्य में इस समुदाय का 60 प्रतिशत से अधिक मतदाता है. वहीं, साल 1989 से कांग्रेस इस सीट को जीत रही है. हालांकि, साल 2004 और 2008 के बीच के समय में यह सीट जेडीएस के पास थी.