बीएड के अलावा इन कोर्स को करके भी बन सकते हैं सरकारी टीचर, एक क्लिक में देखें यहां
बीएड के बिना भी सरकारी शिक्षक बनने का मौका, D.El.Ed, B.El.Ed और ITEP जैसे कोर्स आपकी राह आसान बनाते हैं और प्राथमिक से लेकर उच्च कक्षाओं तक पढ़ाने की योग्यता देते हैं.

सरकारी शिक्षक बनना आज भी लाखों युवाओं का सपना है. अधिकतर लोग यह मानते हैं कि सरकारी स्कूल में टीचर बनने के लिए सिर्फ बीएड ही करना जरूरी है. लेकिन अब ऐसा नहीं है. बदलते समय के साथ शिक्षा विभाग में कई ऐसे कोर्स शामिल किए गए हैं, जिनकी मदद से बिना बीएड किए भी आप सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने की योग्यता हासिल कर सकते हैं. यानी अगर किसी कारण से आप बीएड नहीं कर पा रहे हैं, तो भी आपके पास शिक्षक बनने के कई नए विकल्प मौजूद हैं. इन कोर्सों की मदद से आप प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षाओं में पढ़ाने के लिए पूरी तरह योग्य बन सकते हैं.
सबसे पहले बात करते हैं D.El.Ed (डिप्लोमा इन एलिमेंट्री एजुकेशन) की, जिसे कई राज्यों में BTC या JBT के नाम से भी जाना जाता है. यह दो साल का डिप्लोमा कोर्स है जो 12वीं पास छात्रों के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है. यह कोर्स आपको प्राइमरी यानी कक्षा 1 से 5 तक और कई राज्यों में कक्षा 6 से 8 तक के लिए भी योग्य बनाता है. इस कोर्स में बच्चों की मनोविज्ञान, पढ़ाने का तरीका, क्लास मैनेजमेंट और स्कूल गतिविधियों से जुड़े कई जरूरी विषय शामिल होते हैं. वर्तमान समय में D.El.Ed उन युवाओं की पहली पसंद है जो जल्दी नौकरी पाना चाहते हैं, क्योंकि यह कोर्स बीएड की तुलना में छोटा और सीधा है.
B.El.Ed
इसके बाद आता है B.El.Ed (बैचलर ऑफ एलिमेंट्री एजुकेशन). यह चार साल का कोर्स है जिसे बारहवीं के बाद ही किया जा सकता है. इस कोर्स की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ग्रेजुएशन और टीचर ट्रेनिंग दोनों साथ में पूरी हो जाती हैं. यानी चार साल में ही आपके पास डिग्री भी होगी और शिक्षक बनने की योग्यता भी. इस कोर्स के बाद उम्मीदवार प्राइमरी और अपर प्राइमरी कक्षाओं यानी कक्षा 1 से 8 तक को पढ़ाने के लिए पात्र होता है. बीएलएड को खासतौर पर उन विद्यार्थियों के लिए सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है जो शुरुआत से ही शिक्षक बनने का लक्ष्य रखते हैं और चाहते हैं कि पढ़ाई के दौरान ही उनकी नींव मजबूत हो जाए.
ITEP
शिक्षा जगत में एक और नया विकल्प आया है जिसका नाम है ITEP (Integrated Teacher Education Programme). यह एकीकृत शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम है, जिसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत पेश किया गया है. ITEP बारहवीं के बाद ही शुरू किया जा सकता है और यह कुल 4 वर्षों का कोर्स है. इस कोर्स की खास बात यह है कि इसमें ग्रेजुएशन और बीएड दोनों एक साथ पूरे हो जाते हैं. यानी अलग से बीएड करने की जरूरत ही नहीं पड़ती. यह कोर्स उन युवाओं के लिए खास है जो स्कूल की पढ़ाई पूरी होते ही शिक्षक बनने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं.
M.Ed
उच्च कक्षाओं में पढ़ाने के इच्छुक छात्रों के लिए M.Ed (मास्टर ऑफ एजुकेशन) भी एक जरूरी विकल्प है, जिसे बीएड के बाद किया जाता है. यह कोर्स आपकी योग्यता को और मजबूत करता है और कक्षा 9 से 12 तक पढ़ाने के लिए आपकी क्षमता को बढ़ाता है.
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Source: IOCL
























