कनाडा में किस तरह बन सकते हैं डॉक्टर? यहां जान लें पूरा क्राइटेरिया
कनाडा में डॉक्टर बनने के लिए भारतीय छात्रों को पहले बैचलर्स पूरी करनी होगी, उसके बाद MCAT एग्जाम पास कर MD डिग्री हासिल करनी होती है.

भारत में हर साल बड़ी संख्या में छात्र NEET एग्जाम देते हैं, ताकि MBBS में एडमिशन मिल सके. वहीं कुछ छात्र ऐसे भी होते हैं जो विदेश में जाकर डॉक्टर बनना चाहते हैं. ऐसा करने के कई कारण हैं, जैसे बेहतर वेतन, अच्छा वर्क-लाइफ बैलेंस और अलग अनुभव. इसके बावजूद कनाडा उन देशों में शामिल नहीं है जहां NEET स्कोर पर सीधे एडमिशन मिलता हो. फिर भी, कनाडा में डॉक्टर की डिग्री हासिल करना बहुत फायदेमंद माना जाता है.
कनाडा में डॉक्टर बनने के लिए MD (Doctor of Medicine) डिग्री लेनी पड़ती है. जबकि भारत में MBBS पूरा करने में लगभग पांच साल लगते हैं, कनाडा में MD की पढ़ाई तीन से चार साल में पूरी होती है. इसके अलावा, वहां डॉक्टरों को आकर्षक वेतन पैकेज भी मिलता है और उनके काम का दबाव भी भारत की तुलना में कम होता है.
कनाडा में डॉक्टर बनने के लिए बैचलर्स डिग्री अनिवार्य
कनाडा में मेडिकल एडमिशन सीधे 12वीं के बाद नहीं मिलता. भारतीय छात्रों को सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री हासिल करनी होगी. यह आमतौर पर विज्ञान के विषयों जैसे फिजिक्स, बायोलॉजी, केमिस्ट्री और मैथ्स में होती है. इस ग्रेजुएशन की पढ़ाई चार साल की होती है. बैचलर्स पूरी करने के बाद ही छात्र MCAT (Medical College Admission Test) एग्जाम के लिए पात्र बनते हैं.
MCAT एग्जाम पास करना जरूरी
MCAT एग्जाम कनाडाई मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का मुख्य आधार है. इसमें छात्रों से ऑर्गेनिक केमिस्ट्री, जनरल केमिस्ट्री, फिजिक्स और बायोलॉजी के सवाल पूछे जाते हैं. इसके अलावा राइटिंग स्किल और वर्बल रीजनिंग से जुड़े सवाल भी शामिल होते हैं. MCAT का स्कोर जितना बेहतर होगा, मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है.
मेडिकल कॉलेज में आवेदन प्रक्रिया
MCAT में अच्छा स्कोर आने के बाद छात्र कनाडाई मेडिकल कॉलेज में आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करते समय IELTS या TOEFL स्कोर, बैचलर्स के नंबर्स और MCAT स्कोर की आवश्यकता होती है. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के बाद छात्र चार साल तक MD की पढ़ाई करते हैं. पहले दो साल थ्योरी और शेष दो साल क्लिनिकल प्रैक्टिस पर ध्यान दिया जाता है.
लाइसेंसिंग एग्जाम पास करना
चार साल की MD डिग्री पूरी होने के बाद छात्रों को लाइसेंसिंग एग्जाम पास करना पड़ता है. इसे Medical Council of Canada Evaluating Examination (MCCEE) के नाम से जाना जाता है. यह एग्जाम MCAT से अधिक कठिन होता है. इसे पास करने के बाद ही छात्र कनाडा में डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस कर सकते हैं.
रेजिडेंसी प्रोग्राम का हिस्सा बनना
कई छात्र MD डिग्री के बाद Canadian Resident Matching Service (CaRMS) के जरिए रेजिडेंसी प्रोग्राम में अप्लाई करते हैं. रेजिडेंसी में शामिल होने के लिए परमानेंट रेजिडेंट या कनाडाई नागरिक होना जरूरी है. रेजिडेंसी पूरी करने में आमतौर पर तीन से सात साल का समय लगता है. इस अवधि के दौरान डॉक्टर क्लिनिकल प्रैक्टिस करते हैं और अनुभव हासिल करते हैं.
रेजिडेंसी पूरी करने के बाद MCCQE Part I और MCCQE Part II एग्जाम पास करना होता है. इन एग्जामों के सफल होने के बाद ही छात्रों को Medical Council of Canada (LMCC) से प्रैक्टिस का लाइसेंस मिलता है. इसके साथ ही वे कनाडा में डॉक्टर के तौर पर स्वतंत्र रूप से काम कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें - CCRH में निकली भर्ती के लिए आवेदन करना का लास्ट मौका, इस तरह करें तुरंत आवेदन
Education Loan Information:
Calculate Education Loan EMI
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL
























