PhD Reservation: IIM अहमदाबाद में पहली बार पीएचडी दाखिले में हुई रिजर्वेशन की शुरूआत, जानें कितनी मिलेगी छूट
IIM अहमदाबाद ने अपने पीएचडी कार्यक्रमों में अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी और विकलांग उम्मीदवारों के लिए आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया है.
IIM Ahmedabad PhD Reservation: भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIMA), अहमदाबाद ने अपने पीएचडी पाठ्यक्रमों में आरक्षण प्रणाली लागू करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. यह निर्णय विशेष रूप से अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और विकलांग उम्मीदवारों के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे वे देश के शीर्ष बिजनेस स्कूल में मैनेजमेंट डॉक्टरेट प्रोग्राम (या मैनेजमेंट में फेलो कार्यक्रम) के लिए आवेदन कर सकेंगे.
इस संबंध में विस्तृत जानकारी जल्द ही जारी की जाएगी. संस्थान ने एक नोटिस में स्पष्ट किया है कि एडमिशन के दौरान आरक्षण को लेकर भारत सरकार के दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा. यह निर्णय गुजरात उच्च न्यायालय की ओर से आईआईएम अहमदाबाद की मौखिक टिप्पणियों के बाद लिया गया, जिसमें कहा गया था कि 2025 से आरक्षण लागू होगा.
कितनी मिलेगी छूट
आरक्षण प्रणाली के तहत यदि कोई उम्मीदवार एससी, एसटी, विकलांग व्यक्ति (पीडब्ल्यूडी), गैर-क्रीमी अन्य पिछड़ा वर्ग (एनसी-ओबीसी) या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से है, तो उसे न्यूनतम पात्रता वाली डिग्री में 5 प्रतिशत अंकों की छूट दी जाएगी. इससे इन वर्गों के उम्मीदवारों को अपने शैक्षणिक सफर में सहायता मिलेगी.
याचिका की गई दायर
इस संबंध में एक जनहित याचिका (PIL) भी दायर की गई थी, जिसमें Global IIM Alumni Network ने गुजरात उच्च न्यायालय से आग्रह किया था कि IIMA के पीएचडी कार्यक्रमों में आरक्षण लागू किया जाए. याचिका में यह उल्लेख किया गया था कि 1971 में स्थापित आईआईएम अहमदाबाद में पीएचडी कार्यक्रम में आरक्षण का न होना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है, जो केंद्रीय शैक्षिक संस्थान (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के मानदंडों के विपरीत है.
देनी होगी मानक परीक्षा
आईआईएम अहमदाबाद की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया के अनुसार प्रबंधन में डॉक्टरेट कार्यक्रम में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को कॉमन एडमिशन टेस्ट (CAT) के बजाय एक मानक परीक्षा देनी होगी.
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