इंजीनियरिंग या आर्किटेक्चर, कौन सी डिग्री लेने पर होती है मोटी कमाई? जानें कहां-कहां मिलता है काम करने का मौका
Engineering vs Architecture: इंजीनियरिंग और आर्किटेक्चर दोनों ही प्रोफेशनल कोर्स हैं, लेकिन इनकी पढ़ाई, काम का तरीका और कमाई की दिशा अलग होती है.

अगर आप 12वीं के बाद साइंस स्ट्रीम से आगे पढ़ाई करने की सोच रहे हैं और कन्फ्यूज हैं कि इंजीनियरिंग करें या आर्किटेक्चर, तो यह खबर आपके लिए काम की है. दोनों ही कोर्स प्रोफेशनल हैं, लेकिन इनका काम, पढ़ाई की प्रकृति और कमाई का स्तर काफी अलग होता है. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि इन दोनों में क्या फर्क है, और किस फील्ड में मिलती है ज्यादा कमाई और करियर की बड़ी संभावनाएं.
इंजीनियरिंग क्या है और इसमें क्या सिखाया जाता है?
इंजीनियरिंग एक ऐसा क्षेत्र है, जो तकनीक, मशीन, सॉफ्टवेयर, निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर साइंस, सिविल, मैकेनिकल, एआई, रोबोटिक्स, और आईटी जैसे तमाम क्षेत्रों में काम करने का मौका देता है. इसमें छात्र किसी समस्या का तकनीकी समाधान निकालना सीखते हैं.
इंजीनियरिंग कोर्स की अवधि 4 साल होती है, जिसे B.Tech या B.E. कहा जाता है. इसमें थ्योरी और प्रैक्टिकल का अच्छा तालमेल होता है. छात्र 12वीं के बाद JEE Main, JEE Advanced जैसे एग्जाम के जरिए देश के टॉप कॉलेजों (IIT, NIT, IIIT) में एडमिशन पा सकते हैं.
आर्किटेक्चर क्या है और इसमें क्या होता है खास?
आर्किटेक्चर यानी वास्तुकला एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें बिल्डिंग डिजाइन, स्ट्रक्चर प्लानिंग, इंटीरियर डिजाइनिंग, टाउन प्लानिंग जैसी चीजें सिखाई जाती हैं. इसमें क्रिएटिव सोच और टेक्निकल स्किल्स का मेल होता है.
B.Arch कोर्स की अवधि 5 साल की होती है. इसके लिए छात्रों को NATA या JEE Paper 2 जैसे एग्जाम देने होते हैं. आर्किटेक्चर पढ़ने वाले छात्रों को स्केचिंग, 3D डिजाइनिंग, ऑटोकेड सॉफ्टवेयर, और पर्यावरण के अनुकूल निर्माण की भी जानकारी दी जाती है.
कहां मिलती है नौकरी?
इंजीनियरिंग के बाद छात्र IT कंपनियों (जैसे TCS, Infosys, Wipro), टेक स्टार्टअप्स, सरकारी विभागों (PWD, DRDO, ISRO, BHEL, Indian Railways), और बहुराष्ट्रीय कंपनियों में नौकरी पा सकते हैं. उन्हें प्रोग्रामिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट, टेक्निकल एनालिसिस जैसे काम करने होते हैं.
वहीं आर्किटेक्चर के बाद, छात्र आर्किटेक्चर फर्म्स, रियल एस्टेट कंपनियों, सरकारी निकायों (CPWD, HUDCO, नगर नियोजन विभाग) और फ्रीलांसर के रूप से भी प्रैक्टिस कर सकते हैं. उन्हें नक्शा बनाना, डिजाइन अप्रूवल, साइट सुपरविजन जैसे काम करने होते हैं.
सैलरी में कौन आगे?
शुरुआती सैलरी की बात करें तो इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स को आमतौर पर 3 से 8 लाख रुपये सालाना की नौकरी मिल जाती है. IIT या NIT जैसे टॉप कॉलेजों से पढ़ाई करने वाले छात्रों को 10 से 30 लाख रुपये तक के पैकेज भी मिलते हैं.
आर्किटेक्ट्स की शुरुआती सैलरी 3 से 5 लाख रुपये सालाना तक होती है. लेकिन अनुभव बढ़ने के साथ और अच्छे प्रोजेक्ट मिलने पर उनकी कमाई लाखों में पहुंच सकती है. खासकर बड़े शहरों में प्रैक्टिस करने वाले आर्किटेक्ट अच्छी आमदनी करते हैं.
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Source: IOCL























