दिल्ली में निजी स्कूल अब मनमाने तरीके से नहीं बढ़ा पाएंगे फीस,शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, जानें क्या है पूरा मामला ?
दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस बढ़ोतरी पर रोक लगाने के लिए नया कानून लागू कर दिया है उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी अधिसूचना जारी की है, जिससे 1700 से ज्यादा निजी स्कूल दायरे में आएंगे...

दिल्ली के लाखों अभिभावकों के लिए राहत की खबर है अब राजधानी के निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस नहीं बढ़ा सकेंगे दिल्ली सरकार ने निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली एजुकेशन बिल (फीस तय करने और नियमन) अधिनियम 2025 को लागू कर दिया है इस कानून की अधिसूचना उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली बजट में जारी कर दी है.
क्यों जरूरी था नया कानून
दिल्ली में लंबे समय से निजी स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को लेकर अभिभावक परेशान थे कई स्कूल हर साल बिना किसी ठोस कारण के फीस बढ़ा देते थे इससे मध्यम और निम्न आय वर्ग के परिवारों पर आर्थिक बोझ बढ़ता जा रहा था इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने यह नया कानून बनाया है.
शिकायत के लिए 15 प्रतिशत अभिभावकों की सहमति जरूरी
नए कानून के तहत फीस बढ़ोतरी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के लिए कम से कम 15 प्रतिशत अभिभावकों की सहमति जरूरी होगी यानी अगर किसी स्कूल की फीस बढ़ोतरी गलत लगती है, तो माता-पिता मिलकर औपचारिक रूप से शिकायत कर सकेंगे सरकार का कहना है कि इससे बेवजह की शिकायतों पर रोक लगेगी और असली मामलों पर ध्यान दिया जा सकेगा.
1700 से ज्यादा निजी स्कूल आएंगे दायरे में
इस अधिनियम के तहत दिल्ली के 1700 से ज्यादा निजी स्कूलों को शामिल किया गया है इसका मतलब है कि अब लगभग सभी बड़े और छोटे निजी स्कूलों को फीस से जुड़ी नियमावली का पालन करना होगा और मनमर्जी से फैसला नहीं ले सकेंगे.
फीस निगरानी के लिए तीन स्तर की व्यवस्था
- सरकार ने फीस की निगरानी के लिए तीन स्तर की व्यवस्था बनाई है
- पहले स्तर पर स्कूल में फीस रेगुलेशन कमेटी होगी
- दूसरे स्तर पर जिला स्तर की फीस अपील कमेटी होगी
- तीसरे और अंतिम स्तर पर संशोधन समिति होगी, जो जरूरत पड़ने पर फैसलों में बदलाव कर सकेगी.
शिक्षा मंत्री आशीष सूद का बयान
दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने इस कानून को ऐतिहासिक कदम बताया ह उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग अब कानून में बताए गए सभी नियमों और प्रक्रियाओं को लागू करना शुरू करेगा इसमें स्कूलों की फीस प्रस्तावों की जांच, मंजूरी, रिपोर्टिंग और निगरानी शामिल है.
शिक्षा व्यापार नहीं, अधिकार है
आशीष सूद ने कहा कि शिक्षा कोई व्यापार नहीं बल्कि हर बच्चे का अधिकार है सरकार का लक्ष्य है कि दिल्ली के हर बच्चे को पारदर्शिता, ईमानदारी और निष्पक्षता के साथ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले.
अभिभावकों से सरकार की अपील
सरकार ने अभिभावकों और संरक्षकों से अपील की है कि वे इस नए कानून का समर्थन करें और पारदर्शिता बनाए रखने में सहयोग दें इससे शिक्षा व्यवस्था में जनता का भरोसा और मजबूत होगा इस कानून के लागू होने से अभिभावकों को फीस से जुड़ी बार-बार आने वाली समस्याओं से राहत मिलेगीअब वे बिना डर के अपनी बात रख सकेंगे और उनकी शिकायतों पर सुनवाई होगी.
स्कूलों की जवाबदेही होगी तय
नए कानून के तहत स्कूलों को अपनी फीस संरचना, खर्च और वित्तीय जरूरतों को साफ-साफ बताना होगा बिना उचित कारण फीस बढ़ाने पर कार्रवाई की जा सकेगी इससे स्कूलों की जवाबदेही तय होगी.
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Source: IOCL
























