Crude Oil Price: महंगे पेट्रोल-डीजल से मिल सकती है बड़ी राहत, 70 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसला कच्चा तेल
Crude Oil Price Today: कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आई है. ये 15 महीने के निचले लेवल पर जा लुढ़का है.
Crude Oil Price Update: आने वाले दिनों में आपको महंगे पेट्रोल डीजल के दामों में से बड़ी राहत मिल सकती है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आई है. कच्चे तेल के दाम 15 महीने के निचले लेवल 75 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है. ब्रेंट क्रूड ( Brent Crude) के दाम 74 डॉलर प्रति के नीचे 73.69 के लेवल पर जा गिरा है. तो डब्ल्यूटीआई क्रूड (WTI Crude ) के दाम तो 70 डॉलर प्रति बैरल के नीचे 67.61 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है.
वैश्विक संकट के चलते गिरा कच्चा तेल
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में बड़ी गिरावट आई है तो इंडियन बास्केट क्रूड के दाम भी 79 डॉलर प्रति बैरल के नीचे जा फिसला है. अब सवाल उठता है कि क्यों दामों में इतनी बड़ी गिरावट आई है. तो इन कारणों पर नजर डालें तो पहला कारण है अमेरिका में बैंकिंग क्राइसिस. सिलिकन वैली बैंक और सिंग्नेचर बैंक पर आए संकट के चलते सेंटीमेंट बिगड़ा है. तो स्विटजरलैंड की दिग्गज अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था क्रेडिट सुइस पर संकट गहरा गया है. जिसके चलते सभी कमोडिटी के दामों में गिरावट देखी जा रही है और इसका शिकार कच्चा तेल भी हुआ है. कच्चे तेल का बड़ा ट्रेड स्विटजरलैंड के जरिए ही होता है.
इसके अलावा चीन के चलते भी कच्चे तेल के दामों में गिरावट आई है. माना जा रहा था कि कोरोना बंदिशों में ढील के बाद अर्थव्यवस्था वहां पटरी पर लौटेगी और चीन में मांग बढ़ेगी और लेकिन हकीकत में ऐसा होता नहीं दिख रहा है. जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में ये बड़ी गिरावट आई है. हालांकि कच्चे के दामों में गिरावट की खबर भारत के लिए राहत लेकर आया है. भारत अपने खपत का 80 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है. अब सरकारी तेल कंपनियां समेत दूसरी रिफाइनिंग कंपनियां सस्ते में कच्चा तेल आयात कर सकेंगी.
पेट्रोल-डीजल के घटेंगे दाम!
कच्चे तेल के दामों में गिरावट से आयात सस्ता होगा जिसके चलते पेट्रोल डीजल समेत दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दामों में गिरावट के आसार हैं. आईआईएफएल सिक्योरिटिज के वाइस प्रेसीडेंट रिसर्च अनुज गुप्ता ने कहा कि कच्चे तेल के दाम 15 महीने के निचले लेवल 73 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है. हमें लगता है कि पेट्रोल डीजल के दामों में कमी की संभावना बनती है. इससे महंगाई पर भी लगाम लगाने में मदद मिलेगी.
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते बढ़े थे दाम
दरअसल फऱवरी 2022 में रूस यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद कच्चे तेल के दामों में तेज उछाल देखने को मिली थी. कच्चा तेल एक 140 डॉलर प्रति बैरल के लेवल तक जा पहुंचा था जो 2008 के बाद सबसे ऊंची कीमत है. लेकिन उसके बाद कच्चे तेल के दाम में बड़ी गिरावट आई है. वहीं इस अवधि में भारत ने रूस से सस्ते में कच्चा तेल खरीदा है.
ये भी पढ़ें
ट्रेडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
and tablets