RBI: बिना दावे वाले निष्क्रिय बैंक खातों से छुटकारा पाएं बैंक, रिजर्व बैंक ने क्यों दिया फरमान-जानें
लंबे समय से बिना लेन-देन वाले बैंक खातों से तत्काल छुटकारा पाने के लिए रिजर्व बैंक ने कहा है. जानिए रिजर्व बैंक को ऐसे खातों से क्या है डर और क्या कदम उठाने का बैंकों को दिया गया है निर्देश.

RBI Order: बैंकों में बिना दावे वाले खाते या लंबे समय से बिना लेन-देन वाले खाते धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और बैंकिंग फ्रॉड की बड़ी वजह बन रहे हैं. इससे इनफोर्समेंट एजेंसियों से लेकर रिजर्व बैंक तक परेशान हैं. इससे निजात पाने के लिए रिजर्व बैंक ने अब बड़ा कदम उठाया है. रिजर्व बैंक की ओर से बैंकों को ऐसे खातों से तत्काल छुटकारा पाने के लिए कहा गया है. इसके लिए बैंकों को उन खातों के असली दावेदारों को तलाशने समेत तमाम निर्देश दिए हैं.
आरबीआई की ओर से क्या कहा गया- जानें यहां
इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने निष्क्रिय या फ्रीज किए गए खातों को सक्रिय करने के लिए विशेष अभियान चलाने तथा आधार से संबंधित सेवाएं प्रदान करने वाली शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों को आधार अपडेट करने में सहायता करने का निर्देश दिया है. रिजर्व बैंक ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियों (एसएलबीसी) को भी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में स्थिति पर सक्रिय रूप से निगरानी रखकर ग्राहकों की असुविधा को कम करने के लिए कहा है.
खाते के दावेदारों की बैंक ऐसे कर सकते हैं तलाश-आरबीआई
रिजर्व बैंक की ओर से निष्क्रिय खातों के दावेदारों की तलाश के लिए भी कई तरह के उपाय बताए गए हैं. इनमें मोबाइल या इंटरनेट बैंकिंग, गैर-होम ब्रांच, वीडियो ग्राहक पहचान प्रक्रियाओं और अन्य के माध्यम से अपने ग्राहक को जानें (KYC) अपडेट को सहज बनाना शामिल है. बैंक शाखाओं में ग्राहकों के विवरण में अनजाने में हुई गलतियों जैसे नामों में बेमेल होना भी खातों के फ्रीज होने का कारण बन रहा है. इन्हें जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए. इसमें प्रगति की रिपोर्ट भी बैंकों को तिमाही आधार पर दक्ष पोर्टल या दूसरे माध्यम से देनी होगी.
रिजर्व बैंक ने केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं में डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम के लाभार्थियों को केवाईसी अपडेट में थोड़ी रियायत देने और खाता फ्रीज करने से पहले खातधारकों को थोड़ा समय देने के लिए भी कहा है.
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