सरकार के साथ नोटबंदी पर चर्चा पिछले साल की शुरुआत से थी: आरबीआई गवर्नर
नई दिल्लीः समझा जाता है कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने नोटबंदी पर संसदीय समिति को बताया कि इस प्रक्रिया पर रिजर्व बैंक और सरकार के बीच बातचीत पिछले साल के शुरुआत में शुरू हो गयी थी. सूत्रों ने कहा कि समिति में कांग्रेस के सदस्यों ने कई तरह के प्रश्न किये, मसलन बड़े नोटों को समाप्त करने का फैसला किसका था. उन्होंने आरबीआई की स्वायत्तता के संबंध में भी सवाल किया. हालांकि सूत्रों के अनुसार कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति के भाजपा सदस्यों ने बैठक में ज्यादा सवाल नहीं उठाये.
समिति के सवालों में यह भी शामिल था कि नोटबंदी की अवधि के दौरान कितनी राशि वापस आई और 500 और 2000 रुपये के कितने नये नोट छापे गये हैं और बैंकों को भेजे गये हैं. यह भी समझा जाता है कि नोटबंदी को बड़ी विफलता बताने वाले समिति के सदस्य मनमोहन सिंह ने भी इस मुद्दे पर प्रश्न पूछा.
सूत्रों के मुताबिक पटेल ने वित्त पर संसद की स्थाई समिति को नोटबंदी के विषय पर बताया कि रिजर्व बैंक और सरकार के बीच बातचीत पिछले साल की शुरूआत से चल रही थी. सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय ने बैठक में उठाये गये प्रश्नों का जवाब देने के लिए समिति से समय मांगा है. बैठक में वित्त सचिव ने समिति के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण दिया.
सूत्रों ने कहा कि सदस्य जवाबों से बहुत संतुष्ट नहीं दिखाई दिये. देश में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के फैसले पर और उसके असर पर बातचीत के लिए यह महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गयी थी. आरबीआई गवर्नर 20 जनवरी को इसी मुद्दे पर संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष भी पेश हो सकते हैं.