क्यों अमेरिका में शॉपिंग करने की अचानक से मची होड़? हर स्टोर-मॉल पर जुटी लोगों की भीड़
Donald Trump Tariff Policy: अमेरिका में इन दिनों टीवी, फ्रीज, लैपटॉप से लेकर नमक-मिर्च तक खरीदने की होड़ मची हुई है. लोग चीजों की कीमतें संभावित रूप से बढ़ने से पहले इन्हें खरीदकर स्टोर कर रहे हैं.

Donald Trump Tariff Policy: अमेरिका में इन दिनों शॉपिंग करने की जबरदस्त होड़ मची हुई है. फर्नीचर से लेकर अप्लायंसेस और शराब तक की जमकर खरीदारी की जा रही है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी से घबराए लोगों के मन में महंगाई का डर समा गया है इसलिए संभावित रूप से कीमतें बढ़ने से पहले ही चीजें खरीदकर लोग स्टोर करने में जुटे हुए हैं. अर्थशास्त्रियों का भी यह मानना है कि टैरिफ से रोजमर्रा की चीजों की कीमतें बढ़ने की उम्मीद है. कुछ इकोनॉमिस्ट्स ऐसे भी हैं, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की भी आशंका जता रहे हैं.
अमेरिका में शॉपिंग की मची होड़
ट्रंप के टैरिफ का ही असर है कि मार्च में ऑटोमोबाइल सेक्टर में जबरदस्त उछाल आया. गाड़ियों की बिक्री 11.3 परसेंट तक बढ़ गईं क्योंकि ट्रंप ने जैसे ही विदेशी वाहनों और ऑटो पार्ट्स पर 25 परसेंट टैरिफ लगाने की घोषणा की, तो लोगों की भीड़ डीलरशिप पर उमड़ पड़ी. यह टैरिफ 3 अप्रैल से लागू हो चुका है.
न्यूयॉर्क के क्वींस में रहने वाले 50 साल के नोएल पेगुएरो ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते कार के पार्ट्स, इलेक्ट्रॉनिक और बागवानी से जुड़ी चीजों पर लगभग 3,500 डॉलर खर्च किए. उन्होंने अपने बेटे के लिए 40 इंच का हिसेंस टेलीविजन और मैकबुक लैपटॉप भी खरीदा. एबीसी न्यूज से बात करते हुए उन्होंने कहा, ''इन चीजों को खरीदने का प्लान उनका काफी लंबे समय से था, लेकिन कहीं आगे अचानक से कीमत बढ़ न जाएं इसलिए उन्होंने चीजें अभी खरीदने का फैसला लिया.''
पहले बेसलाइन, अब रेसिप्रोकल
एक्सपर्ट्स का ऐसा मानना है कि कुछ चीजें खरीदकर रखने में भले ही समझदारी है, लेकिन ज्यादा स्टॉक भरने के चक्कर में कर्ज से बचे रहना भी जरूरी है. बता दें कि अमेरिका ने सभी देशों के आयातों पर 10 परसेंट का बेसलाइन टैरिफ लगाया है. इसके अलावा, अमेरिका ने 60 से ज्यादा अपने ट्रेडिंग पार्टनर्स पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का भी ऐलान कर दिया है, जो 9 अप्रैल से लागू होने जा रहा है.
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Source: IOCL





















