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ESIC Scheme: सितंबर में ईएसआईसी में शामिल हुए 18 लाख नए कर्मचारी, 3.5 लाख महिलाएं भी जुड़ीं 

ESIC Scheme: ईएसआईसी स्कीम के तहत सरकारी कर्मचारियों को फ्री में इलाज से लेकर परिवार को पेंशन की सुविधा दी जाती है. इसमें नए कर्मचारियों के जुड़ने का मतलब देश में नए रोजगार पैदा होना है. 

New Jobs in India: देश में नई नौकरियों की संख्या में इजाफा हुआ है. श्रम मंत्रालय के अनुसार, कर्मचारियों को स्वास्थ्य बीमा दिलाने वाली ईएसआईसी (Employees State Insurance Corporation) में सितंबर में 18.88 लाख नए कर्मचारी जुड़े हैं. इनमें महिलाओं की संख्या 3.51 लाख है पेरोल डाटा के अनुसार, ईएसआईसी से 22544 नई कंपनियां और प्रतिष्ठान इस दौरान जुड़े इसके चलते इस आंकड़े में उछाल आया है 

युवाओं और महिलाओं को मिली नौकरियां 

श्रम मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि युवाओं के लिए सबसे ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं इस दौरान जुड़े 19.88 लाख कर्मचारियों में लगभग 9 लाख कर्मचारी 25 साल से कम उम्र के थे यह आंकड़ा कुल नए सदस्यों का लगभग 48 फीसद होता है इसी तरह 3.51 लाख नए महिला कर्मचारी और 61 ट्रांसजेंडर एम्प्लॉई भी इस दौरान ईएसआईसी सामाजिक सुरक्षा स्कीम के दायरे में आ गए 

देशभर में ईएसआईसी के 150 से भी ज्यादा अस्पताल

केंद्र और राज्य सकरार के कर्मचारियों को लाभ देने के लिए कई योजनाएं चलाई जाती हैं. ऐसे ही एक योजना ईएसआईसी (ESIC) है. ये कम आय वाले कर्मचारियों को लाभ देती है. इसके लिए ESI कार्ड जारी किया जाता है. इसकी मदद से ESI डिस्पेंसरी या हॉस्पिटल से कर्मचारी मुफ्त इलाज करा सकते हैं. देशभर में ईएसआईसी के 150 से भी ज्यादा अस्पताल हैं, जहां सामान्य से लेकर गंभीर ​बीमारियों तक का इलाज किया जाता है. 

कैसे बन सकते हैं इसके सदस्य 

यदि कर्मचारी की मासिक आय 21 हजार रुपये या इससे कम है तो वह इसका लाभ उठा सकता है. विकलांग व्यक्तियों के लिए यह आंकड़ा 25 हजार रुपये है. ईएसआईसी स्कीम में कर्मचारी की सैलरी से 1.75 फीसद और कंपनी की ओर से 4.75 फीसद योगदान दिया जाता है. 

मुफ्त इलाज से लेकर परिवार को पेंशन तक के लाभ 

इस योजना के तहत कर्मचारी और उनकी फैमिली फ्री में इलाज करा सकते हैं. साथ ही इलाज में खर्च होने वाले पैसे की कोई सीमा नहीं हैं. रिटायर्ड कर्मचारियों और विकलांगता की स्थिति में एम्प्लॉई और उनकी पत्नी को 120 रुपये के सालाना प्रीमियम पर मेडिकल की सुविधा दी जाती है. बीमारी के दौरान छुट्टी पर 91 दिनों के लिए नकद भुगतान भी किया जाता है. इसमें मैटरनिटी लीव भी दी जाती है. इसमें महिलाओं को डिलीवरी में 26 सप्ताह तक की 100 फीसद सैलरी भी मिलती है. कर्मचारी की मौत हो जाने पर ईएसआईसी की ओर से परिवार को 10 हजार रुपये और पेंशन का लाभ माता-पिता, पत्नी और बच्चों को दिया जाता है.

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