इंडिया-US ट्रेड डील पर अमंजस के बीच रिकॉर्ड नीचे गया रुपया, RBI दखल से भी नहीं रुक रही गिरावट
Indian Currency: विदेशी मुद्रा बाजार के जानकारों के मुताबिक, निवेशक भारत-अमेरिका ट्रेड डील से जुड़े किसी ठोस संकेत का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी वजह से बाजार में सतर्कता बनी हुई है

Rupee vs Dollar: भारत-अमेरिका व्यापार समझौते को लेकर बनी अनिश्चितता और विदेशी पूंजी की लगातार निकासी के चलते सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपये पर दबाव साफ नजर आया. इसके बाद यह नौ पैसे टूटकर अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के अपने सबसे निचले स्तर 90.58 पर पहुंच गया.
विदेशी मुद्रा बाजार के जानकारों के मुताबिक, निवेशक भारत-अमेरिका ट्रेड डील से जुड़े किसी ठोस संकेत का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी वजह से बाजार में सतर्कता बनी हुई है और रुपये में कमजोरी का रुख जारी है. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 90.53 प्रति डॉलर पर खुला, लेकिन कुछ ही देर में यह फिसलकर 90.58 के स्तर तक पहुंच गया, जो पिछले बंद भाव के मुकाबले नौ पैसे की गिरावट को दर्शाता है.
रुपये में क्यों गिरावट?
इससे पहले शुक्रवार को भी रुपया 17 पैसे टूटकर 90.49 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निचले स्तर पर बंद हुआ था. इस बीच, वैश्विक स्तर पर डॉलर की स्थिति थोड़ी नरम रही और छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.35 पर आ गया.
घरेलू शेयर बाजारों में भी दबाव देखने को मिला, जहां शुरुआती कारोबार में बीएसई सेंसेक्स 298.86 अंक टूटकर 84,968.80 अंक पर आ गया, जबकि एनएसई निफ्टी 121.40 अंक फिसलकर 25,925.55 के स्तर पर कारोबार करता दिखा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में हल्की तेजी रही और ब्रेंट क्रूड 0.52 प्रतिशत चढ़कर 61.44 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया, जो भारत जैसे तेल आयातक देश के लिए अतिरिक्त दबाव का कारण बन सकता है.
रुपये पर भारी दबाव
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक शुक्रवार को भी बिकवाल बने रहे और उन्होंने शुद्ध रूप से 1,114.22 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की, जिससे न केवल इक्विटी बाजार बल्कि रुपये पर भी दबाव और गहराता दिख रहा है.
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