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5 लाख से 10 लाख के बीच है आमदनी तो साल 2020-21 के लिए कितना चुकाना होगा Income Tax, यहां जानें
टैक्स की दरें व्यक्ति की सालाना कमाई के अनुसार होती हैं. ये इनकम टैक्स दरें घटती या बढ़ती या समय-समय पर बदल भी सकती हैं. क्या आप जानते हैं कि अगर किसी की कमाई 5 लाख से 10 लाख तक है तो उसे साल 2020-21 के लिए कितना टैक्स पेमेंट करना होगा. इसकी जानकारी हम आपको देते हैं.
![5 लाख से 10 लाख के बीच है आमदनी तो साल 2020-21 के लिए कितना चुकाना होगा Income Tax, यहां जानें If your income is from 5 lakh to 10 lakh, this Much income tax will have to be paid for the year 2020-21 5 लाख से 10 लाख के बीच है आमदनी तो साल 2020-21 के लिए कितना चुकाना होगा Income Tax, यहां जानें](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/02/01160948/Income-tax-720.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
हर कामकाजी लोगों द्वारा अर्जित आय पर भारत में टैक्स का भुगतान करना होता है. जिसे इनकम टैक्स कहा जाता है. गौरतलब है कि टैक्स से ही सरकारी कोष में धन आता है. भारत में टैक्स भुगतान के लिए स्लैब सिस्टम बनाया गया है. हर साल केंद्र सरकार द्वारा बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव किए जाते हैं. उसके मुताबिक ही आय पर टैक्स का भुगतान किया जाता है.
टैक्स स्लैब के अनुसार किया जाता है कर का भुगतान बता दें कि टैक्स की दरें व्यक्ति की सालाना कमाई के अनुसार होती हैं. ये इनकम टैक्स दरें घटती या बढ़ती या समय-समय पर बदल भी सकती हैं. क्या आप जानते हैं कि अगर किसी की कमाई 5 लाख से 10 लाख तक है तो उसे साल 2020-21 के लिए कितना टैक्स पे करना होगा. चलिए इसकी जानकारी हम आपको देते हैं.
5 लाख से 10 लाख की आय पर टैक्स साल 2020-2021 की टैक्स स्लैब के मुताबिक अगर किसी की आमदनी 2.5 लाख तक है तो उसे किसी प्रकार का टैक्स भुगतान नहीं करना होता है. वहीं अगर किसी व्यक्ति की आय 5 लाख तक है तो उसे इस कमाई पर 5 प्रतिशत टैक्स पे करना होगा. यानी उसे 12,500 रुपये कर का भुगतान करना होगा. वहीं 5 लाख से 7.50 लाख तक की आय पर 10 फीसदी के हिसाब से टैक्स लगेगा यानी कुल 25,000 रुपये उसे टैक्स पे करना होगा. वहीं अगर किसी की आय 7.50 लाख से 10 लाख तक है तो इस इनकम पर 15 फीसदी टैक्स का भुगतान करना होता है. यानी 37,500 रुपये
कैसे करें आयकर की गणना गौरतलब है कि इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80 सी से 80 यू के मुताबिक किए गए निवेश की रकम को जोड़ लें. इसके बाद टैक्स छूट की बेसिक सीमा वाली रकम को उसमें जोड़ दें. इसके बाद कुल आमदनी में से इस रकम को घटा दें. इसके बाद जितनी राशि बचती है उस पर लागू वर्तमान टैक्स स्लैब के हिसाब से आपको आयकर चुकाना पड़ता है.
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