RBI Repo Rate Cut: महंगी EMI से मिलेगी राहत, वित्त मंत्री से मिले संकेत के बाद आरबीआई करेगा ब्याज दरों में कटौती!
RBI MPC Meeting:

RBI Repo Rate Cut: महंगी ईएमआई से आपको राहत मिल सकती है. आपके होमलोन के ब्याज दरों में कमी आने की संभावना बढ़ गई है. शुक्रवार 7 फरवरी 2025 को भारतीय रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी में लिए गए फैसले का एलान करेगा और अब इस बात के पूरे आसार है कि आरबीआई आपने पॉलिसी रेट यानी रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की कटौती का कर सकता है.
ब्याज दरों में कटौती की संभावना इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि सरकार भी ऐसा होते हुए देखना चाहती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कहा, आरबीआई अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र है और मैं उन्हें कुछ नहीं कह सकती. लेकिन आरबीआई भी ये मानने लगा है कि सिस्टम में ज्यादा नगदी की सप्लाई की जरूरत है और हाल के दिनों में इस दिशा में आरबीआई ने कदम भी उठाये हैं.
आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के अध्यक्षता में 5 फरवरी से मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की तीन दिवसीय बैठक शुरू हो चुकी है. और बैठक में लिए गए फैसलों का एलान शुक्रवार 7 फरवरी को नए गवर्नर करने वाले हैं और ये उम्मीद की जा रही है कि रेपो रेट में एक चौथाई फीसदी की कटौती की जा सकती है. रेपो रेट को मौजूदा लेवल 6.50 फीसदी से घटाकर 6.25 फीसदी किया जा सकता है.
संजय मल्होत्रा से पहले गवर्नर रहे शक्तिकांत दास ने उच्च महंगाई का हवाला देते हुए रेपो रेट में कटौती नहीं की थी. लेकिन ये माना जा रहा है कि संजय मल्होत्रा अपने पॉलिसी घोषणा में रेपो रेट में कटौती का एलान कर सकते हैं. इससे पहले मई 2020 में आरबीआई ने रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर रेपो रेट को 4 फीसदी पर ला दिया था. लेकिन रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद महंगाई दर बढ़कर 7.80 फीसदी पर जा पहुंची जिसके बाद महंगाई पर काबू पाने के लिए मई 2022 से लेकर फरवरी 2023 के बीच आरबीआई ने रेपो रेट को 4 फीसदी से बढ़ाकर 6.50 फीसदी पर ला दिया.
वित्त मंत्री ने एक फरवरी 2025 को बजट पेश करते हुए न्यू इनकम टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक सालाना इनकम वाले के लिए टैक्स छूट का एलान कर दिया. इससे टैक्सपेयर्स के हाथों में 1 लाख करोड़ रुपये आयेंगे जिसके खपत और डिमांड को बढ़ाने में मदद मिलेगी. अब अर्थव्यवस्था को बूस्टर डोज देने की बारी आरबीआई की है. महंगी ईएमआई से राहत देकर और बाजार में नगदी को बढ़ाकर ये माना जा रहा है कि आरबीआई से भी आम लोगों को सस्ते कर्ज का सौगात मिल सकता है.
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