Rupee-Dollar Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा डॉलर हुआ मजबूत पर रुपया कमजोर नहीं! जानें क्या है जानकारों की राय
Rupee At All Time Low: एक डॉलर के मुकाबले रुपया 82.39 पर है लेकिन कई जानकार 85 के लेवल तक गिरने की भविष्यवाणी कर रहे हैं.
Rupee-Dollar Update: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman) ने अमेरिका दौरे के दौरान डॉलर ( Dollar) के मुकाबले रुपये ( Rupee) में लगातार गिरावट को लेकर एक बयान दिया जिसके बाद उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय करेंसी रुपया कमजोर नहीं हुआ बल्कि डॉलर मजबूत हुआ है. वित्त मंत्री अपने इस बयान को लेकर अब विपक्ष के निशाने पर आ गई हैं.
निर्मला ने कहा रुपया नहीं हुआ कमजोर!
आईएमएफ वर्ल्ड बैंक के सलाना बैठक में भाग लेने अमेरिका दौरे पर गई निर्मला सीतारमण ने कहा कि, भारतीय करेंसी रुपये (INR) ने दुनिया की कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं ( Emerging Economies) के करेंसी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा, हमें इसे ऐसे देखना चाहिए कि डॉलर मजबूत हो रहा है. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारतीय रुपया विश्व की बाकि करेंसी की तुलना में काफी अच्छा कर रहा है.
कई जानकार वित्त मंत्री से सहमत!
वित्त मंत्री के इस बयान के बाद विपक्ष उनकी आलोचना कर रहा. सोशल मीडिया पर भी खिंचाई की जा रही है. हालांकि कई अर्थशास्त्री वित्त मंत्री के बयान से सहमति जता रहे हैं. एसबीआई के पूर्व मुख्य अर्थशास्त्री वृंदा जागीरदार ने कहा कि, वित्त मंत्री ने जो कहा वो 100 फीसदी सच है. रुपया उतना कमजोर नहीं हुआ है जितना अन्य देशों के करेंसी कमजोर हुए हैं. बल्कि दुनिया के सभी देशों के करेंसी के मुकाबले डॉलर मजबूत हुआ है. उन्होंने कहा कि दो कारणो से डॉलर मजबूत हुआ है. पहला कारण ये है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है. इमर्जिंग देशों से निवेश निकलकर वापस अमेरिका जा रहा है. दूसरा, अमेरिका और अन्य देशों में महंगाई दर भारत के मुकाबले बहुत ज्यादा है.
फेड के फैसलों के चलते डॉलर मजबूत
अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व ( Federal Reserve) 40 साल के ऊपरी लेवल पर महंगाई पहुंचने के बाद लगातार ब्याज दरें बढ़ा रहा है. जिसके बाद डॉलर मजबूत होता जा रहा है. यूरो के मुकाबले डॉलर 2000 के बाद से सबसे ऊपरी स्तरों पर कारोबार कर रहा है. यूरो के मुकाबले डॉलर 14 फीसदी से ज्यादा मजबूत हुआ है. तो जापान के येन के मुकाबले 21 फीसदी की मजबूती आई है. सबसे बड़ी गिरावट टर्की की करेंसी लिरा में आई है जो डॉलर के मुकाबले 28 फीसदी से ज्यादा गिरा है. जबकि रुपया केवल 10 फीसदी कमजोर हुआ है.
डॉलर के मुकाबले ये करेंसी मजबूत
कुछ करेंसी ऐसी भई हैं जो डॉलर के मुकाबले मजबूत हुई है. मेक्सिको की करेंसी पेसो 2022 में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2.05 फीसदी मजबूत हुआ है तो ब्राजील की करेंसी रियल 7.05 फीसदी डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ है.
दूसरे देशों की करेंसी के मुकाबले रुपया मजबूत
आईआईएफएल सिक्योरिटिज के वाइस प्रेसीडेंट, रिसर्च, अनुज गुप्ता ने भी वित्त मंत्री के बयान से सहमति जताई है. उन्होंने कहा कि भारतीय करेंसी केवल डॉलर के मुकाबले ही कमजोर हुई है. जबकि दूसरे देशों की करेंसी डॉलर के मुकाबले ज्यादा गिरे हैं. साथ ही भारतीय करेंसी दूसरे देशों की करेंसी जिसमें पाउंड, येन और यूरो शामिल है उसके मुकाबले मजबूत हुई है. अनुज गुप्ता ने कहा कि हम केवल अमेरिका से व्यापार नहीं कर करते बल्कि यूरोपीय देशों से भी बड़ा कारोबार करते हैं और इन देशों के करेंसी के मुकाबले रुपये में मजबूती का फायदा हमारे ट्रेडर्स को मिला है.
डॉलर के वर्चस्व ने बढ़ाई मुश्किल
आईएमएफ की पूर्व मुख्य अर्थशासत्री गीता गोपीनाथ और मौजूदा अर्थशास्त्री Pierre-Olivier Gourinchas ने ब्लॉग में लिखा कि इंटरनेशनल ट्रे़ड और फाइनैंस में डॉलर के वर्चस्व के चलते हाल के दिनों में डॉलर में मजबूती कई देशों पर बड़े पैमाने पर व्यापक आर्थिक प्रभाव डाल सकती है. बहरहाल रुपये में कमजोरी को लेकर भारत की भी चिंतायें हैं. आयात महंगा होता जा रहा है. इसका असर अर्थव्यवस्था और मांग पर पर पड़ सकता है. फिलहाल एक डॉलर के मुकाबले रुपया 82.39 पर है लेकिन कई जानकार 85 के लेवल तक गिरने की भविष्यवाणी कर रहे हैं.
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