जीवन रक्षक दवाओं पर भी बरपेगा ट्रंप के टैरिफ का कहर, जानिए कैसा होगा भारत पर असर
वित्त वर्ष 2024 में भारत ने 27.9 बिलियन डॉलर की दवाओं का दुनियाभर में निर्यात किया था, जिसमें से करीब 31% यानी 8.7 बिलियन डॉलर सिर्फ अमेरिका को एक्सपोर्ट किया गया था.

Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ के कहर ने ग्लोबल मार्केट में हलचल मचा कर रख दी है. हालांकि, टैरिफ लगाते वक्त फार्मास्युटिकल्स यानी दवाओं को इसमें छूट दी गई थी, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने जल्द ही इस पर बड़े टैरिफ लगाने के संकेत दिए हैं.
अमेरिका को दवाएं निर्यात करने में भारत के उद्योग की काफी हद तक निर्भरता रही है. ऐसे में अगर ट्रंप की तरफ से इस पर टैरिफ लगाया जाता है तो इसका बड़ा असर पड़ सकता है. नेशनल रिपब्लिकन कांग्रेसनल कमेटी के एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि टैरिफ लगाने से दवा कंपनियां अमेरिका में काम करने के लिए प्रेरित होंगी.
फार्मास्युटिक्ल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के मुताबिक, भारतीय दवा का अमेरिका एक बड़ा एक्सपोर्ट बाजार रहा है. वित्त वर्ष 2024 में भारत ने 27.9 बिलियन डॉलर की दवाओं का दुनियाभर में निर्यात किया था, जिसमें से करीब 31% यानी 8.7 बिलियन डॉलर सिर्फ अमेरिका को एक्सपोर्ट किया गया था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत करीब 45% जेनरिक दवाएं और 15% अन्य दवाएं को अमेरिका को सप्लाई करता है. दवा कंपनियां जैसे- डॉ. रेड्डी, अरबिन्दो फार्मा, Zudus Lifesciences, सन फार्मा और ग्लांड फार्मा अपनी कुल कमाई का 30 से 50 फीसदी हिस्सा अमेरिका से कमाता है.
जानकारों ने आगाह करते हुए कहा कि अगर अमेरिका की तरफ से दवाओं पर टैरिफ लगाया जाता है तो इसका वाशिंगटन और नई दिल्ली दोनों पर असर होगा. इससे उत्पादन लागत बढ़ जाएंगी, उत्पादक के लिए प्रतिस्पर्धी कीमत खत्म होगी और उपभोक्ता को ज्यादा कीमत चुकानी होगी.
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के एक्सपर्ट ने फाइनेंशियल डेली मिंट से कहा कि अगर अमेरिका की तरफ से फार्मा के ऊपर टैरिफ लगाया जाता है तो इसके दोनों ही देशों पर बुरा असर होगा.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL






















