एक्सप्लोरर

दादी से शुरू हुआ इतिहास 48 साल बाद पोते पर दोहरा रहा है!

Indira Gandhi Election 1971: पुरानी कहावत है कि इतिहास खुद को दोहराता है. गांधी परिवार के लिए ये कहावत बिल्कुल सही साबित हुई है. राहुल गांधी की सदस्यता को अयोग्य ठहराए जाने की घटना ने 48 साल पुराने उस मामले की याद दिला दी है, जब उनकी दादी और तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने चुनाव में धांधली का दोषी मानते हुए उनके निर्वाचन को रद्द कर दिया और छह साल के लिए चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित करने के साथ ही पद पर बने रहने पर भी रोक लगा दी थी.

लेकिन इंदिरा गांधी ने पद नहीं छोड़ा और वह फैसला आने के 13 वें दिन 25 जून 1975 को देश में इमरजेंसी यानी आपातकाल लागू कर दिया था. देश की राजनीति के इतिहास में वह फैसला आज भी ऐतिहासिक है, जो राजनारायण बनाम इंदिरा गांधी केस के नाम से चर्चित है. अपने एक फैसले से भारतीय राजनीति की दिशा बदलकर रख देने वाले जस्टिस जगमोहन लाल सिन्हा को कानूनी-जगत में आज भी उनके साहस के लिए सिर्फ याद ही नहीं किया जाता, बल्कि चुनावी कदाचार से जुड़े हर मुकदमे में उनके ही उस फैसले का हवाला दिया जाता है. वकालत की पहली पायदान पर चढ़ने वालों के लिए उस मुकदमे को केस स्टडी के बतौर पढ़ना लगभग अनिवार्य है.

एक वाक्य ने राजनीति की दशा बदल डाली

12 जून 1975 की सुबह करीब साढ़े 10 बजे लोगों से खचाखच भरे हाइकोर्ट के कमरा नंबर 24 में जस्टिस सिन्हा दाखिल होते हैं. मेज़ पर रखी फाइल का अंतिम पेज खोलते हैं. एक नज़र लोगों पर डालते हैं और महज़ एक वाक्य में अपना फैसला सुनाते हैं- "रायबरेली में हुए चुनाव में इंदिरा गांधी धांधली की दोषी पाई गई हैं. उनका चुनाव रद्द किया जाता है." वे फाइल पर दस्तखत करते हैं और कोर्ट रूम से निकलकर अपने चैम्बर में चले जाते हैं. तब कानून के दिग्गजों ने भी सोचा नहीं था कि एक जज सीटिंग प्रधानमंत्री के ख़िलाफ भी फैसला देने की हिम्मत कर सकता है. लेकिन महज उस एक वाक्य ने आगे की राजनीति की दशा और दिशा ऐसे बदल डाली कि पूरे देश में हाहाकार मच गया था.

इंदिरा गांधी की मनोदशा!

इंदिरा गांधी के करीबी रहे आर के धवन ने सालों बाद आउटलुक पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में उस सुबह इंदिरा गांधी की मनोदशा का जिक्र करते हुए बताया था कि तब वे दिल्ली के अपने दफ्तर में बेसब्री से फैसले का इंतज़ार कर रही थीं. इलाहाबाद से आए फोन को सुनते ही वे इतने गुस्से में आ गईं थीं कि उन्होंने बेहद जोर से रिसीवर ही पटक दिया. मेज पर रखा पानी का गिलास पिया और कुर्सी से उठकर सिर्फ एक वाक्य बोला- 'इतनी आसानी से मुझे कोई बर्बाद नहीं कर सकता.' कार में बैठीं और अपने आवास चली गईं.

इंदिरा गांधी पर लगे थे गंभीर आरोप

दरअसल, ये मामला 1971 के लोकसभा चुनाव का है. इंदिरा गांधी ने रायबरेली सीट से संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार राजनारायण को 1 लाख 10 हजार से भी ज्यादा वोटों से हरा दिया था. नतीजा आने के बाद राजनारायण ने इंदिरा के खिलाफ हाइकोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया, जिसमें जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत उन पर चुनावी कदाचार के कई आरोप लगाते हुए उन्हें अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. वैसे तो राजनारायण ने अपनी याचिका में इंदिरा गांधी पर भ्रष्ट चुनावी आचरण के कई आरोप लगाए थे लेकिन हाइकोर्ट ने मुख्य रूप से उन्हें दो आरोपों का दोषी माना. पहला था, चुनाव में तय सीमा से ज्यादा धन खर्च करना और दूसरा सरकारी संसाधनों का खुलकर दुरुपयोग करना.

प्रधानमंत्री से कोर्ट रुम में पांच घंटे तक सवाल!

मुकदमे की सुनवाई के दौरान इंदिरा गांधी को अपना बयान दर्ज करने के लिए कोर्ट में तलब किया गया था. देश की राजनीति में वह पहला मौका था, जब प्रधानमंत्री से कोर्ट रूम में पांच घंटे तक सवाल-जवाब किए गए. उनसे जिरह करने वाले थे, राजनारायण के वकील शांति भूषण जो सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के दिवंगत पिता हैं.

इंदिरा गांधी सुप्रीम कोर्ट पहुंची

इंदिरा गांधी ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन बेंच के जस्टिस वीआर कृष्णा अय्यर ने 24 जून 1975 को उस फैसले पर आंशिक रूप से रोक लगाते हुए फैसला दिया कि वे पीएम पद पर तो बनी राह सकती हैं, लेकिन अंतिम फैसला आने तक वे न तो संसदीय कार्यवाही की वोटिंग में हिस्सा लेंगी और न ही बतौर सांसद उन्हें वेतन मिलेगा. लेकिन शायद इंदिरा इस राहत से भी खुश नहीं थीं और उन्होंने अगले ही दिन 25 जून की रात देश में इमरजेंसी लागू करने का फरमान जारी कर दिया.

आपातकाल के दौरान ही इंदिरा गांधी ने संविधान में 329A संशोधन पास करा लिया, जिसमें प्रावधान किया गया कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, लोकसभा स्पीकर के चुनाव को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती. इसका हक सिर्फ संसद को ही होगा. इसे मद्देनजर रखते हुए 7 नवंबर 1975 को सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की बेंच ने इलाहबाद हाइकोर्ट के फैसले को पलटते हुए उनके रायबरेली के चुनाव को जायज ठहराने के फैसला सुनाया. 

(ये लेखक के निजी विचार हैं)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Loksabha Election 2024: चुनाव से पहले कोहराम..जल रहा नंदीग्राम | Mamata Banerjee |  West BengalLoksabha Election 2024: बुजुर्ग मां-बाप...केजरीवाल..और कैमरा ! Delhi Police | PM Modi | KejriwalLoksabha Election 2024: सबसे बड़ा रण...कौन जीतेगा आजमगढ़ ? Dinesh Lal Nirahua | Dharmendra YadavAAP और कांग्रेस साथ, इंडिया गठबंधन को वोट की बरसात या फिर बीजेपी को 7 में 7? KBP Full

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Lok Sabha Elections: थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
थम गया छठे चरण का चुनाव प्रचार, मेनका, संबित पात्रा और धर्मेंद्र प्रधान की साख का अब 25 मई को होगा इम्तिहान
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
राजस्थान में लू लगने से पांच लोगों की मौत, बाड़मेर में तापमान 48.8 डिग्री पर पहुंचा, कई जिलों में रेड अलर्ट
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
शिवराज सिंह चौहान के बेटे कुणाल की हुई सगाई, आप भी देखें दुल्हन की तस्वीरें
Lok Sabha Elections 2024: सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
सुबह हनुमान मंदिर गए तो शाम को इफ्तार देना होगा... जानें प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कही ये बात
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
70 साल की उम्र में बुजुर्ग ने की शादी, अब लुटेरी दुल्हन जेवरात लेकर हुई फरार
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
'भाई जी! सब ठीक हो गया, लेकिन...', CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सुनाया विधायकों की क्रॉस वोटिंग का किस्सा
The Family Man 3 OTT Updates: 'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
'फैमिली मैन 3' में नहीं नजर आएगा ये दमदार एक्टर, खुद किया इसपर बड़ा खुलासा
Cancer: कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
कैंसर से जुड़ी बातों को मरीज को कभी नहीं बताते हैं डॉक्टर, जानें क्यों?
Embed widget