एक्सप्लोरर

गोवर्धन पर्व : प्रकृति से सह-अस्तित्व और समग्र विकास का उत्सव

दीपावली के उत्सव की श्रृंखला में आरोग्य, आर्थिक समृद्धि, परिवार एवं समाज समन्वय और पर्यावरण संरक्षण का संदेश है.

दीपावली के अगले दिन होने वाला गोवर्धन पर्व प्रकृति, पर्वत और गौ-वंश संरक्षण की भारतीय प्राचीन परंपरा का प्रतीक है. इस परंपरा का साक्षात दर्शन हमें भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर धारण करने से मिलता है. मानवता की रक्षा के इसी पावन स्मृति में गोवर्धन पूजन किया जाता है. इस पर्व में गौ-धन के संवर्धन की प्रेरणा है जो भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था और पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है. इसमें भारतीय समाज की वह जीवनदृष्टि समाहित है, जिसमें प्रकृति, पशु, मनुष्य और देवत्व का संतुलन देखने को मिलता है.

नवाचार होंगे सम्मानित

मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हम प्रदेशभर में गोवर्धन पर्व का आयोजन कर रहे हैं. यह पर्व सभी जिलों में लोक अनुष्ठान और सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार मनाया जा रहा है. आयोजन में पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में नवाचार करने वाले उद्यमियों को सम्मानित किया जायेगा. इस अवसर पर पशुपालन, कृषि और सहकारिता विभाग की जन-कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी के साथ लोगों को जोड़ने और ग्रामीण आजीविका के लिए दुग्ध उत्पादन और वृंदावन ग्राम योजना के विस्तार की गतिविधियों का संचालन शुरू किया गया है.

हमारे पर्व-परंपराओं में प्रकृति से सह-अस्तित्व और समग्र विकास का भाव है. इसी कड़ी में गोवर्धन पर्व प्रकृति और प्राणियों के बीच समन्वय और संरक्षण से जुड़ा है. इस दिन गोबर से पर्वत का प्रतीक बनाकर उसकी पूजा की जाती है. पर्वत का प्राकृतिक संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान है. पर्वत जल संरक्षण, संवर्धन और ऋतुओं के संतुलन का समन्वय करते हैं. इससे नदी, तालाब तथा अन्य जलस्रोत सुरक्षित रहते हैं. गोवर्धन पूजन में पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संकल्प भी है. हमारा प्रयास है कि इस पर्व के माध्यम से प्रकृति और पशुधन का महत्व नई पीढ़ी तक पहुंचे.

मध्यप्रदेश अपनी प्राकृतिक संपदा के साथ गौ-वंश से समृद्ध है. गौ-माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास होता है. हमने वर्ष 2024-25 को गौ-संरक्षण एवं संवर्धन वर्ष के रूप में मनाया. हम पशुपालक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रयासरत हैं. देश के दुग्ध उत्पादन का 9 प्रतिशत मध्यप्रदेश में होता है इसे 20 प्रतिशत तक करना हमारा लक्ष्य है. इसके लिए प्रदेश के गांव-गांव में दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान चलाया जा रहा है. अभियान के अंतर्गत घर-घर जाकर पशुपालकों को पशुओं में नस्ल सुधार, कृत्रिम गर्भाधान, पशुओं के टीकाकरण, स्वास्थ्य रक्षा, संतुलित पशु आहार, पशु पोषण आदि के बारे में तकनीकी और व्यवहारिक जानकारी दी जा रही है. इन सभी प्रयासों से हम मध्यप्रदेश को दुग्ध केपिटल बनायेंगे.

मुझे इस बात का संतोष है कि मध्यप्रदेश सरकार गौ-पालन, गौ-संवर्धन के लिए संकल्पित है. हमने गौ-शालाओं के लिए अनुदान को 20 रुपये प्रति गौ-वंश प्रतिदिन से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति गौ-वंश प्रतिदिन किया है. गौ-वंश के भरण-पोषण के लिए दो वर्ष पहले बजट 90 करोड़ रुपये था, जिसे 250 करोड़ रुपये किया गया और अब यह राशि बढ़ाकर 600 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य है.

मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता है कि हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में ग्वालियर में देश की पहली आधुनिक और आत्मनिर्भर गौ-शाला परिसर में कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना की गई है. प्रदेश में नवीन गौ-शालाओं का निर्माण, प्रति गाय अनुदान राशि बढ़ाने, गौ-उत्पादकों को प्रोत्साहन, गोबर से सीएनजी निर्मित करने वाले आधुनिक प्लांट की स्थापना तथा नेशनल डेयरी विकास बोर्ड के साथ करार जैसे नवाचार किये गये हैं.

दुग्ध व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान

हमारे लिए खुशी की बात है कि मध्यप्रदेश में किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिये 2900 गौ-शालाएं हैं. मुख्यमंत्री गौ-सेवा योजना के अंतर्गत 2203 गौ-शालाओंका संचालन हो रहा है. विगत एक वर्ष में एक हजार से अधिक नवीन गौ-शालाएं प्रारंभ की गई हैं. गौ-वंश के आश्रय एवं भरण-पोषण के लिए नगर पालिक निगम ग्वालियर, उज्जैन और इंदौर में गौ-शालाएं खोली गई हैं. भोपाल में 69.18 एकड़ भूमि पर 10 हजार गौ-वंश क्षमता की गौ-शाला का निर्माण किया जा रहा है. गौ-अभयारण्य अनुसंधान एवं उत्पादन केन्द्र, सालरिया, जिला आगर-मालवा में वर्तमान में 6500 गौ-वंश का पालन-पोषण किया जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रों में गौ-वंश का संवर्धन दुग्ध उत्पादन से रोज़गार और स्वरोज़गार का बड़ा स्रोत होगा. महिलाओं की आत्मनिर्भरता में भी दुग्ध व्यवसाय का महत्वपूर्ण योगदान है.

प्रदेश में जिस तरह खेती को लाभ का व्यवसाय बनाने के लिये किसानों को प्रोत्साहित किया गया और हमारे किसान भाइयों ने उपज का भंडार भर दिया, उसी तरह दुग्ध उत्पादन करने वाले पशुपालकों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इससे प्रदेश में गौ-वंश पालन बढ़ेगा, कृषि की पारंपरिक व्यवस्था को आधार प्राप्त होगा और प्राकृतिक खेती को सहयोग मिलेगा. रसायन रहित पौष्टिक अन्न तथा अन्य वस्तुओं का उत्पादन जहां स्वास्थ्य के लिये लाभदायी होगा, वहीं प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित

गौ-संवर्धन रोज़गार सृजन के साथ समाज को सांस्कृतिक मजबूती प्रदान करता है और सु-संस्कृत, स्वस्थ और सबल समाज का निर्माण करता है, जिससे सतत और समर्थ अर्थव्यवस्था का विकास संभव है. यह मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि यहां विंध्याचल और सतपुड़ा पर्वत की विपुल वन संपदा है. प्रदेश की समृद्धि और आत्मनिर्भरता पर्वतों और गौ-वंश के संरक्षण से जुड़ी है, जो मध्यप्रदेश और देश की प्रगति का आधार है. मुझे प्रसन्नता है कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार गौ-सेवा, जैविक कृषि और दुग्ध उत्पादन से ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए संकल्पित है.

गोवर्धन पर्व के अवसर पर मेरा प्रदेश की जनता से आग्रह है कि हम सब मिलकर गोवर्धन पर्व-परंपरा के संकल्प को आत्मसात करें और विकसित मध्यप्रदेश के निर्माण में सहभागी बनें. (लेखक, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं)

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला आसिम मुनीर होगा PAK का CDF, अब परमाणु हथियार पर भी कंट्रोल
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला आसिम मुनीर होगा PAK का CDF, अब परमाणु हथियार पर भी कंट्रोल
बिहार चुनाव 2025: मतगणना को लेकर कैसी है तैयारी? यहां पढ़ें पूरी डिटेल
बिहार चुनाव 2025: मतगणना को लेकर कैसी है तैयारी? यहां पढ़ें पूरी डिटेल
शर्ट, पैंट और आंखों पर काला चश्मा... देसी से मॉडर्न बनीं महाकुंभ गर्ल मोनालिसा, तस्वीरें वायरल
शर्ट, पैंट और आंखों पर काला चश्मा... देसी से मॉडर्न बनीं महाकुंभ गर्ल मोनालिसा
भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज से पहले टी20 कप्तान बने वरुण चक्रवर्ती, पहली बार संभालेंगे टीम की कमान
भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज से पहले टी20 कप्तान बने वरुण चक्रवर्ती, पहली बार संभालेंगे टीम की कमान
ABP Premium

वीडियोज

शादी की पार्टी में दूल्हे पर LIVE अटैक !
Pune Accident: पुणे में बड़ा हादसा, टक्कर के बाद गाड़ियों मे लगी भीषण आग | Maharashtra | Breaking
Bihar Election: जातियों के रुझान...अनुमान या अंतिम परिणाम?| NDA | JDU | JJD | AIMIM |Chitra Tripathi
Bihar Election: बिहार का 'टाइगर' कौन? | Tejashwi Yadav | Nitish Kumar | NDA | BJP | JJD | PK
Sandeep Chaudhary: सत्ता के विरुद्ध लहर या 'विकास' पर मुहर? किसके साथ है बिहार? | Bihar  Election

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला आसिम मुनीर होगा PAK का CDF, अब परमाणु हथियार पर भी कंट्रोल
भारत के खिलाफ जहर उगलने वाला आसिम मुनीर होगा PAK का CDF, अब परमाणु हथियार पर भी कंट्रोल
बिहार चुनाव 2025: मतगणना को लेकर कैसी है तैयारी? यहां पढ़ें पूरी डिटेल
बिहार चुनाव 2025: मतगणना को लेकर कैसी है तैयारी? यहां पढ़ें पूरी डिटेल
शर्ट, पैंट और आंखों पर काला चश्मा... देसी से मॉडर्न बनीं महाकुंभ गर्ल मोनालिसा, तस्वीरें वायरल
शर्ट, पैंट और आंखों पर काला चश्मा... देसी से मॉडर्न बनीं महाकुंभ गर्ल मोनालिसा
भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज से पहले टी20 कप्तान बने वरुण चक्रवर्ती, पहली बार संभालेंगे टीम की कमान
भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज से पहले टी20 कप्तान बने वरुण चक्रवर्ती, पहली बार संभालेंगे टीम की कमान
Explained: क्या है व्हाइट कॉलर मॉड्यूल? अब फिदायीन डॉक्टरों से खौफ! दिल्ली धमाके की पूरी कहानी समझिए
Explained: क्या है व्हाइट कॉलर मॉड्यूल? अब फिदायीन डॉक्टरों से खौफ! दिल्ली धमाके की पूरी कहानी समझिए
Special Feature: ऐश्वर्या राय सरकार, स्टाइल और संस्कृति का संगम
ऐश्वर्या राय सरकार: स्टाइल और संस्कृति का संगम
IND vs SA 1st Test: कोलकाता टेस्ट से पहले शुभमन गिल की वर्ल्ड चैंपियन दक्षिण अफ्रीका को चेतावनी, कहा- हमको पता...
कोलकाता टेस्ट से पहले शुभमन गिल की वर्ल्ड चैंपियन दक्षिण अफ्रीका को चेतावनी, कहा- हमको पता...
दिल्ली ब्लास्ट में खो दिया अपना तो 10 लाख दे रही रेखा सरकार, जानें कैसे मिलेगा मुआवजा?
दिल्ली ब्लास्ट में खो दिया अपना तो 10 लाख दे रही रेखा सरकार, जानें कैसे मिलेगा मुआवजा?
Embed widget