एक्सप्लोरर

मालदीव के साथ पूरे दक्षिण एशिया पर है चीन की नजर, भारत अपने पड़ोसियों के साथ वैश्विक पटल पर भी दे रहा है पूरी धमक

मालदीव में हालात ठीक नहीं हैं. पहले तो वहां कर्ज की रकम बढ़ती गयी, फिर भारतीय प्रधानमंत्री के एक ट्वीट पर बिला वजह वहां के मंत्रियों ने जिस तरह प्रतिक्रिया दी, उसकी वजह से उन तीनों को राष्ट्रपति मुइज्जू ने बर्खास्त कर दिया. वहां की संसद में खूब जूतमपैजार हुई, मारपीट हुई और मालदीव के विपक्षी दल ने जो सत्ताधारी दल के सांसद हैं उनको रिकॉग्नाइज करने से भी मना कर दिया है. कुछ लोग इसके पीछे कुछ दूर की कौड़ी भी ला रहे हैं और वे कह रहे हैं कि इसमें भारत का भी हाथ है, मोदी फैक्टर इसके पीछे है. हालांकि, मालदीव की अपनी राजनीति ही इस वक्त काफी बुरी तरह से उलझ कर रह गयी है. 

मालदीव की घरेलू राजनीति में उठापटक 

अभी हाल ही में मालदीव में जो घटना घटी है, जिसमें संसद में जिस तरह से लात घूंसे चले हैं, ऐसा बहुत कम ही देखने को मिलता है. फिलहाल, मालदीव की संसद के 6 से 7 सदस्यों में कुछ का कार्यकाल खत्म हुआ और कुछ लोगों ने त्याग पत्र दे दिया. इससे मालदीव की संसद का नंबर 80 पर टिका हुआ है. ऐसे में मुइज्जू सरकार चार और नए सदस्यों को कैबिनेट में डालना चाह रही थी और उन चार सदस्यों पर थोड़ा विवाद था. जिसमें एक को मंजूरी मिल गई, तीन को नहीं मिल पाई. जिससे मुइज्जू  के पार्टी के लोग थोड़ा बौखला गए और विपक्ष को उन्होंने पीटना शुरू कर दिया. दरअसल, कुछ दिनों से जब से मुइज्जू सत्ता में आए हैं और जिस तरह के बयान दे रहे हैं, उनके मंत्री भी जिस तरह के बयान दे रहे हैं उसका मालदीव को बहुत बड़ा खामियाजा उठाना पड़ा है. मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति लगातार भारत विरोधी एजेंडा को आगे बढ़ाते आए, उनको चीन का पक्षकार माना जाता रहा है और अभी हाल ही में वहां की यात्रा से भी लौट कर आए हैं और ऐसे में भारत विरोधी एजेंडा चलाना रवैया अख्तियार करना, भारतीय सेना को बाहर का रास्ता दिखाने की बात करना, 15 मार्च की डेडलाइन देना, उसकी वजह से मालदीव का माहौल खराब है. मालदीप का जो मुख्य विपक्षी दल एमडीपी (यानी, मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी) उसके 43  सदस्य हैं, और वे लगातार बोलते हैं कि मुइज्जू को भारत विरोधी रवैया नहीं रखना चाहिए क्योंकि भारत हमारा सबसे अच्छा मित्र है. हर दुख की घड़ी में  भारत मालदीव के साथ खड़ा है.

पर्यटन गया तो मालदीव भी गया 

प्रधानमंत्री मोदी ने लक्षद्वीप की यात्रा की और उसके बाद मालदीव में जिस प्रकार के वक्तव्य दिए गए, उसका बुरा असर हुआ. फिर एक्स (पहले ट्विटर पर) एंटी मालदीव्स कैंपेन चले, भारतीय सेलिब्रिटी से लेकर आम आदमी तक ने अपने प्रधानमंत्री के खिलाफ दिए वक्तव्यों का विरोध किया. मालदीव पूरी तरह से पर्यटन पर ही निर्भर है और भारत के पर्यटक जो पहले प्रथम स्थान पर थे, अब मालदीव जानेवाले पर्यटकों में उनका स्थान बीते कुछ ही दिनों में गिरकर पांचवां हो गया है. बहुत सारे कैंसिलेशन हुए और मालदीव की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. मुइज्जू जबरदस्ती राष्ट्रवादी बन रहे है, उनको लग रहा है कि भारत विरोधी एजेंडा की वजह से वो सत्ता में आए हैं लेकिन कहीं ना कहीं वह चीन के हाथों की कठपुतली बनकर खेल रहे हैं. इसी वजह से वह इस तरह के बयान दे रहे हैं, लेकिन वहां का आम नागरिक और मुख्य मुख्य विपक्षी दल इस चीज को भाप रहे हैं कि ऐसा करने से कहीं ना कहीं मालदीव का ही नुकसान है. अभी कुछ दिनों पहले एक बच्चे की जान आफत में थी और मुइज्जू ने मना कर दिया कि हम भारत के हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल नहीं करेंगे और उसकी वजह से बच्चे की जान चली गई. अब इस घटना का कितना बुरा असर पड़ेगा, यह मुइज्जू को सोचना चाहिए. 

भारतीय नौसेना है मालदीव की रक्षक

अभी जिस तरह की गतिविधियां वहां चल रही है और भारत की नौसेना उस इलाके में पूरी सुरक्षा देती है. वह कई ऐसे जहाज को रेस्क्यू करके ला रही है और सुरक्षा प्रदान कर रही है जो इस उथल-पुथर भरे माहौल में पाइरेट्स (यानी समुद्री लुटेरे) का हमला झेल रहे हैं. मालदीव के विपक्षी नेताओं को यह चिंता सता रही है कि अगर भारतीय नौसेना ने अपना हाथ मालदीव के सर से हटा लिया तो उनके देश की सुरक्षा कौन कर पाएगा या उनकी सामुद्रिक सीमाओं की रक्षा कौन कर पाएगा. ऐसे में वे चाहते हैं कि मुइज्जू को हटाना चाहिए, इसलिए वहां पर महाभियोग लाने का की कोशिश चल रही है और हो सकता है जल्दी आ भी जाए. क्योंकि अभी विपक्षी दलों के हाथ में पूरे नंबर है तो जल्दी ही महाभियोग भी लाया जा सकता है. जहां तक बात चीन के दक्षिण एशिया के बाकी देशों में धौंस की बात है तो वह कहीं न कहीं पिछले कई सालों से उन पर डोरे डालने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इन सबके बावजूद भी वह सफल नहीं हो पा रहा है, खासकर जब से प्रधानमंत्री मोदी की नेबर फर्स्ट की पॉलिसी आयी है, तब से चीन खासा आक्रामक हो उठा है, क्योंकि उसकी चल नहीं पा रही है.

चीन है एक अलग मुद्दा

पाकिस्तान हमारे लिए एक अलग मसला है, क्योंकि हमारा बॉर्डर डिस्प्यूट है और भी कई तरह की बातें हैं, लेकिन चीन का कर्ज भी वहां एक अहम किरदार है. नेपाल में माओवादियों की सरकार है. इसलिए वह कहीं ना कहीं चीन के करीबी हैं, लेकिन नेपाल को भी यह पता है कि भारत से अलग हटकर वह अपना थोड़ा सा भी विकास नहीं कर पाएंगे, वही बात श्रीलंका के लिए भी साफ हो जाती है, म्यांमार को भी पता है, भले ही म्यांमार में एक सैनिक शासन है, लेकिन फिर भी वह सैनिक शासन चलाने वाले भी समझ रहे हैं कि यहां पर चीन अपना उल्लू साध रहा है जिससे म्यांमार को फायदा नहीं होने वाला है. श्रीलंका चीन के कर्ज तले दबा हुआ है और अब उनको अपनी भूल पर पछतावा हो रहा है क्योंकि उन्होंने चीन से इतना कर्ज लिया कि अभी उनकी जान आफत में है, चीन उनकी गर्दन पर पैर रखकर खड़ा है. चीन धीरे-धीरे उनके एक बंदरगाह को लगभग हड़प ही चुका है. बाकी जो बंदरगाह है या कुछ जमीन है, वह 99 साल के लिए लीज पर ले रहा है. अगर वह कर्ज नहीं चुका पाए. तो क्या होगा, यह बस समझने की बात है. ऐसे में भारत ही इनकी डूबती हुई नैया को बचाने के लिए खड़ा है और अभी श्रीलंका की पूरी की पूरी अर्थव्यवस्था भारत के ही रहमोकरम पर बची हुई है, नहीं तो वहां पर बिल्कुल ही भुखमरी जैसे हालात हो जाते. मालदीव इन सारी चीजों को समझ रहा है, वहां के विपक्षी दल बहुत अच्छी तरह से समझ रहे हैं और इसी वजह से वह नहीं चाहते हैं कि मालदीव चीन के इतना करीब चला जाए जिसकी वजह से मालदीव का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाए.

यहां तक कि अफ्रीका के देशों की बात की जाए तो अब धीरे-धीरे यह सारे मुल्क  चीन के चक्रव्यूह से निकलना चाहते हैं क्योंकि उनको पता है कि चीन उनका रिलायबल पार्टनर नहीं है, चीन अपना हित साध रहा है. ऐसे में भारत के लिए एक अच्छा माहौल, एक उपजाऊ जमीन कहीं ना कहीं चीन ही तैयार करके दे रहा है और जिसका भारत बहुत अच्छे तरीके से इस्तेमाल भी कर रहा है. साउथ एशिया पर हमारी विदेश नीति के जो उद्देश्य हैं, उस पर हम ध्यान दे रहे हैं, लेकिन लेकिन अपनी वैश्विक स्थिति को भी सुधारते हुए भारत अपने राष्ट्रीय हित को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आगे बढ़ रहा है और आने वाले समय में चीन के जितने भी प्रयास हैं, वे उल्टे साबित होंगे. 

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.] 

View More

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान, 'हेमंत सोरेन...'
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? CM हेमंत सोरेन का नाम लेकर मंत्री ने दिया बड़ा बयान
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
ABP Premium

वीडियोज

India में दिख गया मोदी-पुतिन के 'दोस्ती का दम'...छा गई कार वाली 'केमेस्ट्री'
व्यापार से वॉर तक ये दोस्ती कितनी दमदार ?, देखिए सबसे सटीक विश्लेषण । Punit India Visit
Bharat ki Baat: भारत में दिखा 'दोस्ती का दम', पुतिन का जबरदस्त वेलकम! | Putin India Visit
पुतिन दौरे पर राहुल का 'डिप्लोमेसी बम'...दावे में कितना दम? । Sandeep Chaudhary । Putin India Visit
Gujarat News: करंट से झटका खाकर बेहोश हुआ सांप...युवक ने CPR देकर बचाया | Snake CPR | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
'इसमें ग्रेट जैसा कुछ नहीं क्योंकि भारत...', G-7 में रूस के शामिल होने के सवाल पर पुतिन का क्लीयर जवाब
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? मंत्री इरफान अंसारी का बड़ा बयान, 'हेमंत सोरेन...'
क्या झारखंड में बदलने वाली है सरकार? CM हेमंत सोरेन का नाम लेकर मंत्री ने दिया बड़ा बयान
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
तीसरे और निर्णायक वनडे के लिए Vizag पहुंची टीम इंडिया, कुछ इस अंदाज में दिखे विराट कोहली
DDLJ को पूरे हुए 30 साल तो खुशी से फूले नहीं समाए शाहरुख खान, काजोल संग दिए राज-सिमरन जैसे पोज
DDLJ को पूरे हुए 30 साल तो खुशी से फूले नहीं समाए शाहरुख खान, कही दिल की बात
अब वजन घटाने डाइट के लिए प्लान बनाना आसान, फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया ChatGPT का स्मार्ट तरीका
अब वजन घटाने डाइट के लिए प्लान बनाना आसान, फिजियोथेरेपिस्ट ने बताया ChatGPT का स्मार्ट तरीका
आधार-UAN लिंकिंग की डेडलाइन खत्म, चूक गए तो अब नहीं कर पाएंगे ये काम
आधार-UAN लिंकिंग की डेडलाइन खत्म, चूक गए तो अब नहीं कर पाएंगे ये काम
इंग्लिश असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के परिणाम से बड़ा झटका, 613 पद, पास सिर्फ 151 उम्मीदवार; जानें क्या है पूरा मामला
इंग्लिश असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के परिणाम से बड़ा झटका, 613 पद, पास सिर्फ 151 उम्मीदवार; जानें क्या है पूरा मामला
Embed widget