एक्सप्लोरर

Blog: करनाल में किसानों पर बेइंतहा जुल्म ढाने का आखिर कौन है जिम्मेदार?

हरियाणा के करनाल में शनिवार को प्रदर्शनकारी किसानों पर की गई बर्बरता की जो तस्वीरें सामने आईं हैं, उन्हें जायज नहीं ठहराया जा सकता है. क्योंकि अगर कोई सरकार खाकी वर्दी को इस कदर बेलगाम होने की छूट दे देगी, तो फिर समाज में कानून का राज बचेगा ही कहां?

किसी राज्य सरकार की ऐसी कार्रवाई लोकतंत्र के मुंह पर कालिख पोतने जैसी ही समझी जाएगी. खासकर तब जबकि कुछ घंटे बाद ही भारत में जुल्म की सबसे बड़ी निशानी माने जाने वाले जलियांवाला बाग के नए परिसर का उद्घाटन खुद देश के प्रधानमंत्री ने किया हो.

लाठी चार्ज करने का आदेश ऊपर से था या....?
सारा देश ये हकीकत जानता है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध करते हुए किसानों को साल भर से भी ज्यादा वक्त हो गया है और उनके आंदोलन का सबसे ज्यादा असर पंजाब-हरियाणा व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है. दिल्ली में तो खैर उन्होंने डेरा ही डाल रखा है. लेकिन करनाल में जो कुछ भी हुआ, उससे सवाल उठता है कि विरोध कर रहे बुजुर्ग किसानों पर इतनी भयावह तरीके से लाठी चार्ज करने का आदेश ऊपर से था या फिर स्थानीय प्रशासन ने अपने आकाओं को खुश करने और जरुरत से ज्यादा आत्मविश्वास दिखाते हुए इसे अंजाम दिया कि उनका तो कुछ भी नहीं बिगड़ने वाला है. लिहाजा, जाने-अनजाने में ही सही हरियाणा सरकार ने एक ऐसी चिंगारी भड़का दी है, जिसकी तपिश का असर दिल्ली में बैठी सरकार पर आना भी लाजिमी मानकर चलना चाहिए.

कहते हैं कि सत्ता पर काबिज होने वाले नेताओं की बुद्धि चाणक्य से कम नहीं होती लेकिन उन्हीं विद्वान चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में ये भी लिखा है कि सिंहासन पर बैठे व्यक्ति की जरा-सी भूल भी कई बार इतना विकराल रूप धारण कर लेती है कि प्रजा का बड़ा हिस्सा इस कदर उसके खिलाफ हो जाता है कि विरोध की वही आवाज उसे अर्श से फर्श पर ला देने का सबसे बड़ा कारण बनती है. इसलिए इस चिंगारी को शोला बनने से पहले सरकार को चाहिए कि वो तत्काल पूरे मामले की निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने का आदेश दे.उससे भी पहले वह इस घटना के लिए जिमेदार अफसरों के खिलाफ सांकेतिक कार्रवाई करने की हिम्मत जुटाए.

चूंकि किसानों का मामला केंद्र सरकार से जुड़ा हुआ है, लिहाजा उसे खुद इसमें आगे होकर ऐसी कोई पहल करनी चाहिए, ताकि हिंसा की इस ज्वाला को बाकी पड़ोसी राज्यों में भड़कने से रोका जा सके. किसानों का गुस्सा ठंडा करने के लिए केंद्र को इस वक़्त अपने वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह जैसे चेहरे को आगे लाने होगा, जो किसान नेताओं को समझा भी सके और उनमें ये भरोसा भी पैदा कर पाए कि आगे से उन पर इस तरह की बर्बर कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी.

राज्य सरकार को बदनाम करने की कोई साजिश!
वैसे सूत्र बताते हैं कि बीजेपी के कई नेता व कुछ केंद्रीय मंत्री भी करनाल की इस घटना से मनोहरलाल खट्टर सरकार से नाराज हैं क्योंकि राज्य सरकार की अपरिपक्व कुशलता के कारण ही किसानों को भड़कने और इस बहाने उन्हें और ज्यादा मजबूत होने का मौका दे दिया गया. उनका मानना है कि किसानों पर इतने जबरदस्त बल प्रयोग को टाला जा सकता था, इसलिए ये समझ से परे है कि क्या इस तरह का आदेश मुख्यमंत्री के स्तर पर दिया गया या फिर इसके पीछे राज्य सरकार को बदनाम करने की कोई साजिश है.

हालांकि मुख्यमंत्री खट्टर ने अपनी पुलिस का बचाव करते हुए यही सफाई दी है कि जब पथराव होगा, तो पुलिस तो कार्रवाई करेगी ही. लेकिन जितने भी न्यूज़ चैनलों के रिपोर्टर ने घटना-स्थल से इसकी रिपोर्टिंग की है, उनमें से किसी ने ऐसी कोई वीडियो नहीं दिखाई है, जिससे ये पता चलता हो कि किसानों ने पुलिस पर पथराव करके उसे लाठी चार्ज करने के लिए उकसाया हो. लिहाजा, अगर निष्पक्ष जांच हुई,तो उसमें ये भी खुलासा हो जाएगा कि पुलिस पर पत्थरबाजी करने वाले प्रदर्शनकारी किसान ही थे या उस भीड़ में घुसे कोई और तत्व थे.

करनाल की घटना के पीछे वजह सियासी रही हो या फिर ये प्रशासनिक चूक का नतीजा हो लेकिन हकीकत ये है कि इसके चलते आम जनता परेशान है और न जाने कब ये दूर होगी. दिल्ली को हरियाणा व पंजाब से जोड़ने वाले तमाम हाइवे को किसानों ने जाम कर दिया है. सरकार कोई भी हो लेकिन उसका तर्क यही एक होता है कि ये आंदोलनकारियों की मनमानी है, जिसके आगे वो नहीं झुकेगी. लेकिन तब सवाल ये उठता है कि उन्हें इस मनमानी करने के लिए ऐसे हालात किसने और क्यों पैदा किए?

13 अप्रैल 1919 को ब्रिटिश हुकूमत के जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में जुल्म की जो इंतेहा की थी, उस बारे में किसी शायर ने लिखा था- "खून आखिर खून है, गिरता है तो जम जाता है, ज़ुल्म आखिर ज़ुल्म है, बढ़ता है तो मिट जाता है." दुआ कीजिए कि एक स्वस्थ व निष्पक्ष लोकतंत्र में करनाल जैसा वाकया दोबारा देखने को न मिले.

नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

ये भी पढ़ें-
Explainer: बच्चों को कोरोना की तीसरी लहर का खतरा? जानिए कितना गहरा है ये संकट

दुनिया की सबसे मशहूर Nivarana Band को अपनी सुपरहिट एल्बम 'Nevermind' के लिए करना पड़ा रहा है मुकदमे का सामना?

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

S Jaishankar: 'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर?
'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर?
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल, देखें तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल
PM Modi Property: न घर, न गाड़ी, न कोई जमीन, PM मोदी के हाथ में हैं 52 हजार की नकदी और सोने की चार अंगूठियां
न घर, न गाड़ी, न कोई जमीन, PM मोदी के हाथ में हैं 52 हजार की नकदी और सोने की चार अंगूठियां
for smartphones
and tablets

वीडियोज

PM Modi Nomination: मोदी का 'गंगा वंदन'...काशी का अभिनंदन | ABP News | VaranasiSwati Maliwal के साथ बदसलूकी पर AAP लेगी एक्शन तो BJP ने पूछा- पहले क्यों चुप रहे? | Arvind KejriwalPM Modi Nomination: मोदी का 'कमल प्रणाम'...बनारस में महासंग्राम ! Loksabha Election 2024Dhananjay Singh ने उठाया बड़ा कदम, देंगे Modi-Yogi का साथ | Jaunpur Election 2024

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
S Jaishankar: 'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर?
'देश की सुरक्षा की नहीं कर सकते अनदेखी', भारत-चीन सीमा विवाद पर क्या बोले एस जयशंकर?
हिमाचल में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी की स्टार प्रचारकों की सूची, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
हिमाचल में कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची जारी, गांधी परिवार समेत 40 नेताओं के नाम शामिल
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल, देखें तस्वीरें
शिमरी ड्रेस में छाईं मलाइका अरोड़ा, बो-डिजाइन आउटफिट में मीरा राजपुत ने लूटी महफिल
PM Modi Property: न घर, न गाड़ी, न कोई जमीन, PM मोदी के हाथ में हैं 52 हजार की नकदी और सोने की चार अंगूठियां
न घर, न गाड़ी, न कोई जमीन, PM मोदी के हाथ में हैं 52 हजार की नकदी और सोने की चार अंगूठियां
​Sarkari Naukri: 6000 से ज्यादा पदों के लिए फटाफट कर लें अप्लाई, 16 मई है लास्ट डेट
6000 से ज्यादा पदों के लिए फटाफट कर लें अप्लाई, 16 मई है लास्ट डेट
भारतीय सेना की बढ़ेगी और ताकत, दुश्मनों के छक्के छुड़ाने आ रहा दृष्टि-10 ड्रोन, बठिंडा बेस पर होगी तैनाती
भारतीय सेना की बढ़ेगी और ताकत, दुश्मनों के छक्के छुड़ाने आ रहा दृष्टि-10 ड्रोन, बठिंडा बेस पर होगी तैनाती
Agriculture: यूपी में शुरू होने वाली है किसान पाठशाला, फसलों को लेकर मिलेंगे कई कमाल के टिप्स
यूपी में शुरू होने वाली है किसान पाठशाला, फसलों को लेकर मिलेंगे कई कमाल के टिप्स
UPSC Recruitment 2024: 1 लाख 40 हजार पानी है सैलरी तो आज ही करें इस भर्ती के लिए अप्लाई, बिना परीक्षा होगा चयन
1 लाख 40 हजार पानी है सैलरी तो आज ही करें इस भर्ती के लिए अप्लाई, बिना परीक्षा होगा चयन
Embed widget