एक्सप्लोरर

BLOG: अमीन सयानी का कोई सानी नहीं है

बरसों से श्रोताओं के दिलों पर राज कर रहे, देश के सर्वाधिक लोकप्रिय रेडियो उद्दघोषक अमीन सयानी का आज 86 वां जन्म दिन है. इन दिनों उनके क्या हाल हैं और अब वह क्या कर रहे हैं. पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक प्रदीप सरदाना का ब्लॉग.

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगभग सभी भाषणों में बोले जाने वाले तीन शब्द 'भाईयो और बहनों' इतने लोकप्रिय हो गए हैं कि उनकी मिमिक्री करने वाले भी अक्सर इन्हीं शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन 'बहनों और भाईयो' शब्द पहली बार तब लोकप्रिय हुआ था जब सन 1952 में रेडियो सिलोन से अमीन सयानी ने बिनाका गीतमाला प्रस्तुत किया था. श्रोताओं में तब रेडियो की लोकप्रियता बहुत सीमित थी लेकिन अमीन सयानी के 'बहनों और भाईयो' जैसे शब्दों के निराले अंदाज़ ने रेडियो और बिनाका गीतमाला को ही नहीं अमीन सयानी को भी इतना लोकप्रिय बना दिया कि सभी हैरान रह गए. चंद दिनों में ही उनका यह कार्यक्रम दुनिया के सर्वाधिक लोकप्रिय कार्यक्रमों में शुमार हो गया.

दिलचस्प बात यह है कि जब रेडियो सिलोन पर अमीन सयानी ने 'बिनाका गीतमाला' शुरू किया तब उनकी उम्र सिर्फ 20 साल थी. और अब 21 दिसम्बर 2018 को वह 86 साल के हो गए हैं. लेकिन आज भी अमीन सयानी का कोई सानी नहीं है. इन दिनों चाहे उनके कोई ख़ास नए कार्यक्रम नहीं आ रहे लेकिन आज भी अधिकांश लोगों के सामने उनका नाम भर लेने से ही सभी के चेहरों पर एक अलग चमक, एक अलग ख़ुशी आ जाती है. जिन्होंने उनके उस समय के जादू को देखा है वे तो उनके मुरीद हैं ही और आज की पीढ़ी डिजिटल रेडियो-म्यूजिक प्लेयर 'सारेगामा कारवां' के माध्यम से उनकी आवाज़ को सुनकर सम्मोहित हो जाती है.

यूं इन दिनों अमीन सयानी अपनी बढ़ती उम्र और कुछ सेहत की समस्याओं और कुछ काम की व्यस्तताओं के कारण लोगों से ज्यादा मिलते जुलते नहीं हैं. लेकिन आज भी वह प्रतिदिन मुंबई में अपने उसी ऑफिस में नियमित आते हैं जो पिछले करीब 45 बरसों से उनकी कर्मभूमि रहा है. आज भी सुबह से उनके ऑफिस में उनके जन्म दिन पर बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है. सुबह से लगातार इतने फ़ोन आ रहे हैं कि सभी से बात करना भी उनके लिए मुश्किल हो रहा है.

मेरा सौभाग्य रहा है कि बरसों पहले भी उनसे कुछ मर्तबा मिलने और बात करने का सौभाग्य मिला, फ़ोन पर भी उनसे यदा-कदा बात होती रहती है. और पिछले दिनों भी अपनी मुंबई यात्रा के दौरान एक दिन शाम को ख़ास तौर से उनसे मिलने गया और बहुत सी नयी पुरानी बातों का सिलसिला देर तक चलता रहा. उनसे बात करके सबसे ज्यादा अच्छा यह लगता है कि आज भी वह एक-एक शब्द उसी स्पष्ट उच्चारण और उसी अंदाज़ के साथ बोलते हैं जिससे उन्होंने बरसों लोगों का दिल जीता. बेशक उन्हें सुनने में कुछ दिक्कत होती है और कुछ पुरानी बातें वे भूल भी जाते हैं. लेकिन अपनी जिंदगी और रेडियो से जुडी तमाम यादें आज भी उनके मस्तिष्क पटल पर पहले की तरह अंकित हैं.

मैंने उनसे पूछा था कि आपका हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू सभी शब्दों का उच्चारण शुरू से इतना अच्छा रहा है, क्या आपने इसके लिए कहीं से कोई ख़ास तालीम ली. तब उन्होंने बताया, "यह तालीम मुझे उस अखबार 'रहबर' से मिली जिसे मेरी मां कुलसुम सयानी ने 1940 में निकाला था. असल में 'रहबर' को मां ने महात्मा गांधी के कहने पर देवनागरी हिंदी, मराठी के साथ गुजराती और उर्दू में निकाला था. ये उस समय ग्रेटर बॉम्बे की तीन ख़ास लिपियां थीं. मां समाज सेविका होने के साथ गांधी जी से बहुत प्रभावित थीं. मैं तब बहुत छोटा था लेकिन मैं भी इस अखबार से तभी से एक चपरासी की तरह जुड़ गया. मां इसे घर से ही निकालती थीं और उस समय कई बड़े लेखक इसमें लिखते थे. मेरा जन्म मुंबई में हुआ था, मेरी पढ़ाई भी एक गुजराती स्कूल में हुई थी. लेकिन मुझे हिंदी उर्दू सीखने का मौका 'रहबर' से ही मिला. मैं इसके लेखों को पढ़ते पढ़ते अपने उच्चारण को भी सुधारता गया. जबकि अंग्रेजी के सही उच्चारण मैंने अपने भाई हामिद सयानी से सीखे जो उस समय रेडियो में इंग्लिश के बड़े ब्रॉडकास्टर थे. बाकी सब धीरे धीरे अभ्यास से होता चला गया."

'बिनाका गीतमाला' देश का ऐसा पहला कार्यक्रम भी था जिसमें उस दौर में फिल्म गीतों को लोकप्रियता के आधार पर रैंकिंग देने का काम शुरू हुआ. सयानी बताते हैं, "असल में गीतमाला के लिए श्रोताओं के प्रति सप्ताह 50 हज़ार और कभी उससे भी ज्यादा पत्र आने लगे तब इतने पत्रों को पढ़ने का काम बेहद मुश्किल हो गया. तब हमने फैसला किया कि इसमें गानों की हिट परेड शुरू कर देते हैं. हालांकि यह काम बहुत मुश्किल था. मैं कई तरह के मापदंडों को तय करके गीतों को पायदान देता था. कई लोगों से बात करता था, लोगों के पत्र देखकर उनकी राय जानता था, आसपास खुद सब कुछ देखता-सुनता था. तब फैसला करता था कि कौनसा गीत किस पायदान पर रखना है."

यहां यह भी बता दें कि पहले कुछ बरस 'गीतमाला' रेडियो सिलोन से प्रसारित होता था. तब इसका प्रसारण बहुत ज्यादा साफ नहीं सुना जा सकता था. जिससे कई बार आवाज़ हवा में लहराती-झूलती कानों में पहुंचती थी. फिर भी इस कार्यक्रम ने इतनी लोकप्रियता पायी कि यह कार्यक्रम धीरे धीरे एशिया, यूएई , दक्षिण अफ्रीका यहां तक यूरोप और अमेरिका तक भी पहुंच गया. कुछ बरस बाद यह कार्यक्रम सिलोन की जगह विविध भारती से शुरू हो गया. उसके बाद तो अमीन सयानी के देश-विदेश के विभिन्न रेडियो स्टेशन पर बहुत से कार्यक्रम आने लगे.

इनके गीतमाल के अलावा जिन कार्यक्रमों ने लोकप्रियता पायी उनमें एस कुमार का फ़िल्मी मुकदमा, सैरिडोन के साथी, शालीमार सुपरलेक जोड़ी, चमकते सितारे, सितारों की पसंद, आई एस जोहर के जवाब, कॉलगेट संगीत सितारे और बोर्नवीटा क्विज प्रमुख हैं. इनके साथ बीबीसी रेडियो, रेडियो ट्रोरो स्वीजरलैंड और रेडियो एशिया यूएई सहित कुछ और विदेशी रेडियो के लिए भी अमीन सयानी ने विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किये. विविध भारती पर जब 1970 के दशक में सयानी ने फिल्म सितारों के इंटरव्यू करने शुरू किये तो तब भी इन्होने लोकप्रियता के नए आयाम बनाये. अमीन सयानी सितारों से ऐसे बातें करते थे कि श्रोताओं को लगता था कि वह उन्हीं के साथ बैठे हुए हैं.

मुझे अपने बचपन के दिनों में ऐसे सुने गए कई इंटरव्यू आज भी याद हैं, जिनमें नर्गिस और मीना कुमारी के इंटरव्यू भी हैं. मुझे याद है जब मीना कुमारी की 'पाकीज़ा' फिल्म रिलीज़ होने को थी. अमीन सयानी ने कहा था कि मैं इस समय मीना कुमारी के उस घर से बोल रहा हूँ जो 25 वें माले पर है. तब 25 वीं मंजिल पर घर होने का सुनना हम सभी के लिए आश्चर्य सा था. मुझे तभी पहली बार पता लगा था कि मुंबई में इतनी मंजिल के फ्लैट्स भी हैं. मुझे याद है उस समय मीना कुमारी ने सयानी को यह भी बताया था कि किस तरह 'पाकीज़ा' की शूटिंग लम्बी चलती रही और किस तरह शूटिंग के दौरान आँखों पर लगातार लेंस लगाने से उनकी आँखों में इन्फेक्शन हो गया. मैंने जब अपनी ये यादें अमीन सयानी को बतायीं तो वह खुश हुए और बोले, "यह जानकार बहुत अच्छा लगा कि इतने पुराने कार्यक्रम आपको आज तक याद हैं. तब शायद मीना कुमारी बांद्रा में कहीं रहती थीं और मुंबई में बड़ी मल्टीस्टोरी बिल्डिंग्स का नया दौर शुरू ही हुआ था."

अमीन सयानी का उस दौर में फिल्म सितारों पर इतना रूतबा था कि बड़े से बड़े सितारे इनके कार्यक्रम में आने के लिए बेताब रहते थे. यदि किसी को इनके कार्यक्रम के लिए बुलावा नहीं मिलता था तो वे सोचते थे कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अमीन सयानी ने हमको अपने कार्यक्रमों में नहीं बुलाया. इधर यदि कभी कोई सितारा कभी कभार अमीन सयानी के कार्यक्रम में आने से मना कर देता था तो अमीन सयानी उसे फिर कभी अपने कार्यक्रम में नहीं बुलाते थे.

अमीन सयानी ने श्रोताओं को 'बहनों और भाईयो' का संबोधन करना ही क्यों बेहतर समझा? यह पूछने पर सयानी ने बताया, "असल में तब इंग्लिश संबोधन में लेडिज और जेंटलमैन कहा जाता था. मुझे लगा देवी और सज्जनों उसकी नक़ल सा हो जाएगा तब मैंने बहनों और भाईयो कहना शुरू किया जो लोगों को बहुत पसंद आया." इस दिलकश आवाज़ के जादूगर पदमश्री अमीन सयानी के लिए हम दुआ करेंगे कि उन्हें अच्छी सेहत और लम्बी उम्र मिले.

(नोट- उपरोक्त दिए गए विचार व आंकड़े लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. ये जरूरी नहीं कि एबीपी न्यूज ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.)

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Cyclone Remal: चक्रवात रेमल का खौफ! रेलवे ने रद्द की 50 से ज्यादा ट्रेन, फ्लाइट भी बंद, यहां देखे पूरी लिस्ट
चक्रवात रेमल का खौफ! रेलवे ने रद्द की 50 से ज्यादा ट्रेन, फ्लाइट भी बंद, यहां देखे पूरी लिस्ट
Pawan Singh: काराकाट में पवन सिंह के साथ क्रिकेटर आकाशदीप ने किया मंच साझा, अब विवादों में घिरे
काराकाट में पवन सिंह के साथ क्रिकेटर आकाशदीप ने किया मंच साझा, अब विवादों में घिरे
बेबी राहा को स्टोरी सुनाती दिखीं मॉम आलिया भट्ट, फैंस के साथ शेयर की बेहद प्यारी तस्वीर
राहा को स्टोरी सुनाती दिखीं मॉम आलिया भट्ट, शेयर की बेहद प्यारी तस्वीर
KKR vs SRH: लीग स्टेज में हीरो, नॉकआउट में ज़ीरो... ट्रेविस हेड की बत्ती गुल, फाइनल में गोल्डन डक पर बोल्ड
लीग स्टेज में हीरो, नॉकआउट में ज़ीरो... ट्रेविस हेड फाइनल में गोल्डन डक पर बोल्ड
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Jammu Kashmir Election 2024: कश्मीर में पड़े रिकॉर्डतोड़ वोट से सदमे में पाकिस्तान ! देखिए क्योंLok Sabha Election 2024 : दीदी और भाभी मिलकर पीएम मोदी को दे पाएंगी टक्कर ? | PM ModiSandeep Chaudhary और देश के बड़े पत्रकारों का सटीक विश्लेषण- 4 जून को क्या होगा? | Election 2024Cyclone Remal: जानिए तूफान रेमल भारत में कब, कहां और कितनी रफ्तार से टकराएगा | Detailed Report

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Cyclone Remal: चक्रवात रेमल का खौफ! रेलवे ने रद्द की 50 से ज्यादा ट्रेन, फ्लाइट भी बंद, यहां देखे पूरी लिस्ट
चक्रवात रेमल का खौफ! रेलवे ने रद्द की 50 से ज्यादा ट्रेन, फ्लाइट भी बंद, यहां देखे पूरी लिस्ट
Pawan Singh: काराकाट में पवन सिंह के साथ क्रिकेटर आकाशदीप ने किया मंच साझा, अब विवादों में घिरे
काराकाट में पवन सिंह के साथ क्रिकेटर आकाशदीप ने किया मंच साझा, अब विवादों में घिरे
बेबी राहा को स्टोरी सुनाती दिखीं मॉम आलिया भट्ट, फैंस के साथ शेयर की बेहद प्यारी तस्वीर
राहा को स्टोरी सुनाती दिखीं मॉम आलिया भट्ट, शेयर की बेहद प्यारी तस्वीर
KKR vs SRH: लीग स्टेज में हीरो, नॉकआउट में ज़ीरो... ट्रेविस हेड की बत्ती गुल, फाइनल में गोल्डन डक पर बोल्ड
लीग स्टेज में हीरो, नॉकआउट में ज़ीरो... ट्रेविस हेड फाइनल में गोल्डन डक पर बोल्ड
Lok Sabha Elections: क्या अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा गए चंद्रशेखर? जानें कैसे डुमरियागंज सीट पर दिलचस्प हुई लड़ाई
क्या अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा गए चंद्रशेखर? जानें कैसे डुमरियागंज सीट पर दिलचस्प हुई लड़ाई
बुर्का हो या मुस्लिम आरक्षण, भाजपा लायी हिंदू मतदाता के ध्रुवीकरण के लिए सारे मुद्दे
बुर्का हो या मुस्लिम आरक्षण, भाजपा लायी हिंदू मतदाता के ध्रुवीकरण के लिए सारे मुद्दे
Lok Sabha Elections 2024: छिन जाएगी CM योगी आदित्यनाथ की कुर्सी? सवाल पर क्या बोले अमित शाह
छिन जाएगी CM योगी आदित्यनाथ की कुर्सी? सवाल पर क्या बोले अमित शाह
हवाई यात्रा के दौरान इन 10 आसान टिप्स से सफर बनाएं आरामदायक और बचाएं पैसे
हवाई यात्रा के दौरान इन 10 आसान टिप्स से सफर बनाएं आरामदायक और बचाएं पैसे
Embed widget