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No Subsidy on Imported EV: फिलहाल इलेक्ट्रिक गाड़ियों की इंपोर्ट ड्यूटी पर सब्सिडी देने का नहीं कोई प्रस्ताव- सरकार ने किया स्पष्ट
सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों और उनके पार्ट्स सहित एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी वाले प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए, प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स (पीएलआई) योजना शुरू की है.
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Subsidy on Import Duty on EVs: आज यानि बुधवार को संसद को में दी गयी जानकारी के मुताबिक, देश में इंपोर्ट की जाने वालीं इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी पर सब्सिडी देने के लिए सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है.
वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने जानकारी देते बताया, कि सरकार ने औद्योगीकरण और घरेलू वैल्यू एडिशन को बढ़ावा देने और भारत को ग्लोबल लेवल पर कॉम्पिटिटर बनाने के लिए, एक बेहतर इकोसिस्टम के लिए कई नीतिगत पहल और उपाय किए हैं. एक लिखित सवाल के जबाव में मंत्री ने लोकसभा में कहा, कि सरकार ने 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत लोकल वैल्यू एडिशन को बढ़ाने के लिए, देश में घरेलू और विदेशी इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं.
प्रकाश ने कहा, मौजूदा समय में भारत में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के इंपोर्ट पर लोकल वैल्यू एडिशन लागत से छूट प्रदान करने या इंपोर्ट ड्यूटी शुल्क पर सब्सिडी प्रदान करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. इसके अलावा उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, सरकार ने इलेक्ट्रिक गाड़ियों और उनके पार्ट्स सहित एडवांस्ड ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी वाले प्रोडक्ट की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए, वित्तीय प्रोत्साहन देने करने के लिए 25,938 करोड़ रुपए के बजटीय परिव्यय के साथ ऑटोमोबाइल और ऑटो घटक उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेन्टिव्स (पीएलआई) योजना शुरू की है.
इस स्कीम के तहत देश में 50 गीगावाट घंटे (GWh) के लिए गीगा स्केल ACC मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटीज के स्टैब्लिशमेंट को प्रोत्साहित करती है. यह बात मंत्री की तरफ से एक सवाल के जवाब में कही गयी, कि क्या यह सच है कि सरकार के पास टेस्ला और अन्य ग्लोबल ऑटोमोबाइल कंपनियों को भारी बैटरी, सेमीकंडक्टर और यहां तक कि चुंबकीय भागों में लागत के लोकल वैल्यू एडिशन से छूट देने और भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के इंपोर्ट पर इंपोर्ट ड्यूटी पर सब्सिडी पर भी विचार करने का कोई प्रस्ताव है?.
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