नहीं, शंकराचार्य की भविष्यवाणी दहशत फैलाने वाली नहीं है। यह एक संकेत है कि भविष्य में चीजें कठिन होंगी, लेकिन उनका सामना बाहरी हथियारों की बजाय आत्म बल और संकल्प से किया जा सकेगा।
शंकराचार्य की युद्ध के लिए बड़ी भविष्यवाणी! कहा- आने वाला समय कठिन, आत्मबल बनेगा बड़ा हथियार!
Shankaracharya Prediction: श्रीमज्जगद्गुरु शङ्कराचार्य ने आने वाले समय में संघर्ष (War) से जुड़ी भविष्यवाणी की है. उन्होंने बताया कैसे प्रतिकूल परिस्थितियों में संघर्ष का सामना करना है.

Srimajjagadguru Shankaracharya Prediction: श्रीमज्जगद्गुरु शङ्कराचार्य ने भविष्य से जुड़ी एक भविष्यवाणी की है. उन्होंने भविष्य के लिए चेतावनी जारी करते हुए कहा कि, आने वाले समय में युद्ध अनिवार्य है, इस घोषणा से डरने की बजाए, आत्म निरीक्षण करने की जरूरत है.
आने वाले समय में जब परिस्थितियां कठिन होंगी, वैश्विक स्तर पर युद्ध जैसी स्थितियों का भय सताएगा तब हथियार या बाहरी ताकतें नहीं, बल्कि आपकी वाणी, सत्य और आत्म बल ही काम आएगा.
शंकराचार्य की युद्ध को लेकर चेतावनी
शंकराचार्य ने साफ तौर पर संदेश देते हुए कहा कि, गुरु द्वारा दिया गया आत्म बाण ही अर्थात् आत्मा की शक्ति ही वास्तविक संकट दूर करने की कुंजी है.
शंकराचार्य के मुताबिक, ऋषि और मुनि सत्यवादी (सच बोलने वाले) होते हैं, उनकी वाणी केवल उच्चारण मात्र ही नहीं, बल्कि प्रभाव डालने वाली ऊर्जा से भरपूर होती है. वे कहते हैं कि जब आपकी वाणी सत्य से जुड़ जाती है, तो परिवर्तन होना तय है.
यह किसी भी तरह का चमत्कारिक दावा नहीं, बल्कि एक संकेत जो चेतना और संकल्प के स्तर को ऊंचाई तक ले जाता है.
शंकराचार्य 5 यमों अंहिसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह को मानव जीवन की मूल शक्ति बताते हैं. उन्होंने तर्क देते हुए बताया कि,
| अहिंसा की प्रतिष्ठा बढ़ेगी तो हर कोई एक साथ रहना सीखेगा. |
| सत्य की प्रतिष्ठा बढ़ेगी तो वाणी प्रभावशाली होने के साथ कहा हुआ फलित होगा. |
| अस्तेय (चोरी न करना) का पालन करेंगे तो समृद्धि की प्राप्ति होगी. |
| ब्रह्मचर्य से अपार ऊर्जा और मानसिक बल की प्राप्ति होगी. |
| अपिरग्रह (लोभ न करना) जीवन व्यतीत करना आसान हो जाता है और मानसिक बल की प्राप्ति होती है. |
शंकराचार्य के अनुसार, जब व्यक्ति इन सिद्धांतों का पालन करता है, तो उसकी चेतना इतनी स्थिर और तेज हो जाती है कि, वह आत्म बम की तरह सिद्ध हो सकता है. यानी कि आंतरिक शक्ति बाहरी चीजों से कई गुना प्रभावशाली होती है. यह भाव प्रतीकात्मक है लेकिन संकेत साफ है. आध्यात्मिक शक्ति किसी भी भौतिक शक्ति से ज्यादा निर्णायक साबित हो सकती है.
भविष्य में संघर्ष का सामना आत्मबल से- शंकराचार्य
शंकराचार्य द्वारा भविष्य में होने वाले संघर्ष को लेकर बोला गया कथन किसी भी तरह का दहशत नहीं है. इसका मतलब है कि, चीजें मुश्किल होंगी लेकिन उनका सामना बाहरी हथियारों की जगह आत्म बल और संकल्प से किया जा सकेगा.
शंकराचार्य दोबारा इस बात पर जोर देते हैं कि, गुरु से मिला ज्ञान, वाणी और संकल्प की सबसे बड़ा हथियार है. उनके शब्द यही बताते हैं कि, संकट के समय में तकनीक, शक्ति या भीड़ नहीं बल्कि स्थिर मन और सत्य ही काम आता है.
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Frequently Asked Questions
क्या शंकराचार्य की भविष्यवाणी कोई दहशत फैलाने वाली बात है?
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