रेल से कटकर नहीं होगी पशुओं की मौत, टेंडर जारी... मुंबई से अहमदाबाद तक बाड़ लगाने का काम शुरू
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर कई पशुओं की मौत हो चुकी है. इससे बचाव के लिए मुंबई से अहमदाबाद तक 245 करोड़ रुपये की लागत से 622 कलोमीटर लंबी बाड़ लगाई जाएगी. इससे दुर्घटना रोकने में मदद मिलेगी.

Train Accident In India: रेलवे लाइन पर गुजरने वाले पशुओं की अकसर ट्रेन से टकराकर मौत हो जाती है. इससे जहां पशु हानि होती है. वहीं ट्रेन को भी खासा नुकसान होता है. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी ट्रेन वंदे भारत से कई बार पशु टकराकर चुके हैं. इससे पशुओं की भी मौत हो गई. साथ ही वंदे भारत ट्रेन को भी खासा नुकसान हुआ. वंदे भारत ट्रेन के फ्रंट के टूटे जाने के कई फोटो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए. इसको लेकर राजनीतिक तौर पर सवाल उठाए. अब इसी टेंशन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने रेलवे के माध्यम से काम करना शुरू कर दिया है.
मेटल की बाड़ लगाने का काम शुरू
रेलवे ने ट्रेन से कटकर होने वाली पशुओं की मौत और इससे होने वाली रेलवे को नुकसान का हल ढूंढ लिया है. इस पर रेलवे के स्तर से काम भी शुरू कर दिया है. रेलवे मुंबई से अहमदाबाद तक 622 किलोमीटर लंबे रूट पर मेटल के बीम की बाड़ लगा रहा है. इस पर 245.26 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. अच्छी बात यह है कि रेलवे ने अपनी इस महत्वपूर्ण योजना पर काम भी शुरू कर दिया है.
टेंडर जारी, मई अंत तक होगा काम
रेल मंत्रालय की ओर से मेटल बीम की बाड़ लगाने के लिए हाल में टेंडर जारी कर दिए हैं. टेंडर जारी होते ही बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया गया है. रेल मंत्रालय का कहना है कि सभी आठ टेंडर जारी किए जा चुके हैं. कार्य की प्रगति बहुत अच्छी है. मई अंत तक बाड़ लगाने का काम पूरा होने की उम्मीद है. इसका लाभ आमजन को भी मिलेगा.
ट्रेन से टकराकर कई पशुओं की हो चुकी है मौत
मुंबई-अहमदाबाद वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 30 सितंबर को शुरू हुई थी. इसके बाद से 6 से अधिक पशु इसकी चपेट में आ गए. वहीं आम लोग भी दुर्घटना के शिकार हुए. सोशल मीडिया पर इन दुर्घटनाओं के खिलापफ प्रतिक्रिया देखने को मिली. केंद्र सरकार भी इसी को लेकर कदम उठाने को गंभीर हो गई. बाद में इसी को लेकर कदम उठाया गया. रेलवे का कहना है कि इस तरह की बाड़ का प्रयोग राजमार्ग और एक्सप्रेस वे पर पशुओं से बचाव के लिए किया जाता है. इसका मकसद होता है कि पशुओं या आमजन को भी दुर्घटना से बचाया जा सके. रेलवे का कहना है कि लगाई जा रही बाड़ मजबूत और बहुत अधिक मोटी है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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