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Papaya Cultivation: एक तरफ बर्बाद हो रही थी पपीते की खेती, इन किसानों ने इस तकनीक को आजमा लाखों रुपये का मुनाफा कमा लिया
महाराष्ट्र में इस साल फंगल वायरल ने पपीते की खेती बर्बाद कर दी. लेकिन कुछ किसान ऐसे भी रहे, जिन्होंने अपनी सूझबूझ से लाखों रुपये की कमाई कर ली. उन्होंने तकनीक का भी सहारा लिया.
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Papaya Cultivation In India: इस साल आपदा किसानों की लाखों रुपये की फसलें तबाह कर दीं. उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में किसान कुदरत की मार से कराह रहे हैं. हालांकि, स्टेट गवर्नमेंट ने आर्थिक कंपनसेशन देकर किसानों की हर संभव मदद करने की कोशिश की है. महाराष्ट्र में किसानों की बारिश से फसलें बर्बाद हुईं, कीट और फंगल अटैक ने भी खूब नुकसान पहुंचाया. हाल में मीडिया में खूब खबरें सामने आई थीं कि महाराष्ट्र में फंगल वायरल ने पपीतें की फसलें तबाह कर दी हैं. कुछ किसान इस मार को झेल नहीं पाए, जबकि कुछ ने इस संकट से भी निजात पाकर मोटी कमाई भी कर ली है.
पपीते की खेती से लाखों कमा लिए
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र मेें जहां किसान पपीते की बर्बादी से उबर नहीं सके.वहीं, राज्य के सांगली जिले के कुंडल गांव निवासी किसान ने पपीते की खेती से ही 23 लाख रुपये कमा लिए हैं. किसान प्रतीक की इसके लिए हर जगह चर्चा हो रही है. प्रतीक ने दो साल पहले सवा एकड़ खेत में लगभग 1100 पौध्ेा लगाए. वह लगातार उनकी निगरानी करते रहे. उनके खेत में 210 टन पपीते का उत्पादन हो चुका है. पपीते की खेती से उन्होंने 23 लाख रुपये की कमाई कर ली है. 15 नंबर पपीते की किस्म से उन्हें बंपर उत्पादन मिला है.
ऐसे कर ली इतनी कमाई
एक तरफ जहां किसान नुकसान से परेशान हैं. वहीं प्रतीक ने अपनी तकनीकी सूझबूझ और लगन को लाखों रुपये के मुनाफे में तब्दील कर दिया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने बताया कि पपीते की खेती बेहतर करने के लिए कैमिकल के साथ आर्गेनिक फर्टिलाइजर का प्रयोग भी किया. मृदा कार्बनिक पदार्थ की जांच कराकर जमीन की उर्वरक स्थिति देखगी. इसके बाद ड्रिप पद्धति से सिंचाई की गई. सिंचाई समय पर और बेहतर उर्वरकों के प्रयोग से लाभ मिला. यदि कहीं कीट लगा मिला तो तुरंत उर्वरक छिड़कर उसे खत्म कर दिया गया. अन्य किसान ने बताया कि तकनीक का प्रयोग कर किसानों ने पपीते से अच्छी आय प्राप्त की है.
अभी तो और उत्पादन मिलेगा
मंडी में पपीते की कीमत 9 रुपये से लेकर 28 रुपये प्रति किलो तक है. किसानों का कहना है कि पेड़ से लगातार पपीतों का उत्पादन हो रहा है. किसान कई कई बार पपीते से लाभ ले रहे हैं. खुद प्रतीक 30 टन पपीते का लाभ लेने की बात कर रहे हैं. दरअसल, पपीते की बिक्री मुंबई के वाशी मार्केट मंे होती है, जो पपीता अधिक वजनी होता है. वजनी भाव से किसान उससे अधिक मुनाफा कमा लेता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. किसान भाई, किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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